मित्रों!
आज मंगलवार है और राजेश कुमारी जी कश्मीर के प्रवास पर हैं।
इसलिए देखिए मेरी पसंद के कुछ लिंक!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’
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तलाश...! तलाश खुद की खुद के भीतर अनन्त कहीं गहराई में पर हर बार कुछ दूरी तय कर ठिठक जाती... रोक लेती तुम्हारी याद मील के पत्थर की तरह... अंजुमन पर डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन' |
एक अनबुझ पहेली गुमां हुआ तब , जब बात मोहोब्बत की होने लगी , चर्चा जब देश पर हुई तो फिर पन्ने पलटने लगी | बेफिक्र घरों में बैठ गुफ्तगू यहाँ - वहां की होती रही , सरहद में चली गोलियां तो माँ की कोख उजडने लगी.... अहसासों का रंगमंच पर Minakshi Pant |
भगतन की भगतनी होय बैठी , ब्रह्मा के ब्रहमाणी आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma |
तुमसे कहने को बहुत कुछ था मेरे पास ! मैंने तुमसे बहुत कुछ कहना चाहा था पर … मैं ...पर रश्मि प्रभा |
प्राची में उगता है..... *सूरज प्राची में उगता है हमने कह दिया तो कह दिया गंगा पाकिस्तान में बहती है हमने कह दिया तो कह दिया .... उन्नयन (UNNAYANA) |
शब्द कहा गया हर शब्द स्थायी है हर अक्षर होता है कालजयी... शब्द के सृजन की प्रक्रिया अपरिवर्तनीय है... एक बार बन जाने के बाद शब्द भटकते हैं, खोजते हैं ठौर... कहीं ठहर जाने को..... |
How to Find computer information डियर रीडर्स , आप सभी को सबसे पहले मेरी तरफ से ईद मुबारक। ईद की छुट्टियाँ खत्म हुईं। उम्मीद है की आपने अपनी ईद की छुट्टियाँ इंजॉय करते गुजारी होंगी मास्टर्स टेक टिप्स | नवाज को एक शरीफ हिंदुस्तानी का खत मियां नवाज शरीफ जी! आपको और आपके मुल्क पाकिस्तान की अवाम को ईद मुबारक. आज ईद के ही दिन हमारे देश की आइबी ने अलर्ट किया है कि आपके मुल्क के जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद दिल्ली के लालकिले पर फिर से हमले की योजना बना चुके हैं..... |
मंगल-गीत (४) मंगल-गीत’ हमारे | दशा देश की बिगड़ी है जो, आकर ‘नियति’ सुधारे |स्वर पहुँचें, ईश्वर तक गूँजें, ‘मंगल-गीत’ हमारे || साहित्य प्रसून | पता नहीं चलता है तो क्यों मचलता है ! खाली दिमाग शैतान के घर में बदलता है दिमाग कुछ ना कुछ रख कर तभी तो चलता है उल्लूक टाईम्स |
मैं स्कूल कैसे जाऊं ??? - कल ऐसी बरसात हुई, हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी.... मैं और मेरी कवितायेँ... | टोपी रे टोपी तेरा रंग कैसा . मुझे यह नहीं मालूम कि टोपी का जन्म किस समय और कहाँ हुआ है . आजादी के बाद से बचपन में कई लोगों को बड़े शौक के साथ लोगों को गाँधी छाप टोपी पहिनते देखा है . .. समयचक्र |
एक अनबुझ पहेली गुमां हुआ तब , जब बात मोहोब्बत की होने लगी , चर्चा जब देश पर हुई तो फिर पन्ने पलटने लगी | बेफिक्र घरों में बैठ गुफ्तगू यहाँ - वहां की होती रही.... दुनिया रंग रंगीली | मौसमी फल जगतार सिंह दर्दी इस बार आषाढ़ चढ़ते ही बारिश शुरू हो गई थी। आज सुबह हुई बारिश ने उमस-सी पैदा कर दी थी। जितनी देर बारिश रही, मौसम सुहावना रहा... पंजाबी लघुकथा |
एक ग़ज़ल : आदर्श की किताबें...आदर्श की किताबें पुरजोर बाँचता है लेकिन कभी न अपने दिल में वो झाँकता है जब सच ही कहना तुमको , सच के सिवा न कुछ भी फिर क्यूँ हलफ़ उठाते ,ये हाथ काँपता है... गीत ग़ज़ल औ गीतिका | माँ (हायकु ) माँ का हृदय * *करता इंतजार * *सूना आँगन! *देख खिलौने * *झरती झर झर * *माँ की आँखें... बावरा मन पर सु..मन |
ज़रा इनका बौद्धिक स्तर देखिये - १. यूपी के लोग भिखारी होते हैं - राहुल गाँधी २. पंजाब के 70% लोग नशेड़ी होते हैं – राहुल गाँधी ३. 90% बलात्कार तो लड़की की मर्जी से होते हैं .... ZEAL | तुम्हारी लम्बी सी जिन्दगी में मेरा छोटा सा हस्ताक्षर मिट गया होगा कदाचित अपनी श्याही में या फिर तनहाई में सिमट गया होगा वेदना मुझको नहीं संवेदना तुमको नहीं फिर शोर कैसा है ... Shabd Setu |
नेह गंगा जल तुम्हारे पास है...अन्सार कम्बरी आँख का काजल तुम्हारे पास है, पाँव की पायल तुम्हारे पास है ! माँ की ममता बाँटने के वास्ते, प्यार का आँचल तुम्हारे पास है... मेरी धरोहर पर yashoda agrawal |
नेता उवाच ! नेताजी कहते है :- नेता उवाच !!! "सैनिक और पुलिस रक्षक हैं ,सरहद और नेता के जनता तो"कैटल "है , हाँका चाहिए हाँकने के लिए.। सरहद पर शहीद हुए तो क्या हुआ ? शैनिक होते हैं शहीद होने के लिए.... अनुभूति पर कालीपद प्रसाद |
क्यों बेच रही हो ? कबाड़ी को "मम्मा!!! क्या है आपको ?क्यों बेच रही हो ? कबाड़ी को मेरे रबड़ , शार्पनर और यह बैटमैन वाले कार्ड्स पता हैं कितनी मुश्किल से मिले थे ..... Abhilasha पर Neelima |
वीर सपूत रहा एक ध्येय तेरा अपनी सरहद की रक्षा करना है नमन तुझको जीवन देश हित उत्सर्ग किया | है धन्य वह माँ जिसने तुझे जन्म दिया देश हित में जीने की दी अद्भुद शिक्षा... Akanksha पर Asha Saxena |
बेटी को जन्म दिया तो मै तुम्हे तेज़ाब से नहला दूंगा । इक्सवी सदी के इस आधुनिक भारत में आज भी लोग बेटा - बेटी के बीच भेद-भाव को मन में पाले है विश्वास नहीं होता। कही कोई वंश की चाहत में बेटी को मारना चाहता है , तो कही कोई बेटी को बोक्ष समक्ष कर उसका क़त्ल कर रहा है पता नहीं क्यों लोग भूल जाते है कि आखिर उनको भी किसी महिला ने ही जन्म दिया है जो एक बेटी का ही रूप है.... लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman |
"टर्र-टर्र टर्राने वाला"
अपनी बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
प्रस्तुत कर रहा हूँ-
"टर्र-टर्र टर्राने वाला"
हँसता गाता बचपन |
"भारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए"
भारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए।
देश की सीमाओँ को बचाने के लिए तो आज,
तन-मन प्राण का हवन होना चाहिए।
उच्चारण |
कार्टून :- बाल-बच्चों वाले ध्धान दें कृपया काजल कुमार के कार्टून |
ऋतुयें अभिनन्दन करें, ऐसा मेरा देश.....अन्सार कम्बरी |
संतुलित कहानी- अतिसुखासुर . पृथ्वी गाय का रूप धर कर ब्रह्मलोक पहुँची | उसी समय सभी देव-गण भी त्राहिमाम -त्राहिमाम कहते हुए ब्रह्म लोक पहुंचे | भगवान ! यह अतिसुखासुर व उसके मित्रगण, मंत्रीगण.. आतंकासुर, प्लास्टिकासुर, भ्रष्टासुर, कूडासुर..मंडली ने तीनों लोकों में त्राहि-त्राहि मचा रखी है , सभी एक साथ ' पितामह बचाइये' की गुहार करने लगे... आपका ब्लॉग पर shyam gupta |
नई नवेली सी अलबेली सी
जवाब देंहटाएंकुछ बनी है चर्चा इसबार की
आभारी है उल्लूक चर्चा भी
कहीं तो है उसके अखबार की !
शुभ प्रभात भाई
जवाब देंहटाएंअच्छे और पठनीय लिंक्स
मेरी पसंद को आपने सराहा
आभार
सादर
nice
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच है सजा कुछ ख़ास |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
बहुत सुन्दर चर्चा मंच ,मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा....
जवाब देंहटाएंकविता मंच...
बहुत ही बढ़िया पठनीय लिंक मिले । समयचक्र की पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा.. धन्यवाद
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा ... संतुलित कहानी लिंक करने हेतु धन्यवाद.....
जवाब देंहटाएंपठनीय लिंक ...
जवाब देंहटाएंअति उत्तम !आज के चेचा मंच पर गूढ़-रोचक शीर्षक में राजनीतिक छद्म की और चातुर्य-पूर्ण
जवाब देंहटाएंसंकेत किया है | बहुत खूब !!
बहुत ही सुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
जितने लिंक्स आपने सजाये हैं ,उतने ब्लोगर्स भी इस चर्चा में नही आते ,इसके बावजूद भी आपका रोजाना चर्चा मंच को सजाना काबिले तारीफ है।
जवाब देंहटाएंबड़े ही रोचक सूत्र..
जवाब देंहटाएंसंतुलित अच्छी चर्चा ...
जवाब देंहटाएंRECENT POST : जिन्दगी.
बहुत सुन्दर चर्चा...
जवाब देंहटाएंविलम्ब के लिए क्षमा शास्त्री जी....
मेरी रचना को स्थान देने का शुक्रिया.
सादर
अनु
Thanks for providing great links.
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