मित्रों।
शनिवार की चर्चाकार श्रीमती वन्दना गुप्ता अभी अस्वस्थ चल रहीं हैं। इसलिए आज मेरी पसंद के कुछ लिंक देखिए!
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
हमारी सच्ची आज़ादी तब होगी
जब हमारा प्यारा भारत
भ्रष्टाचार, अनैतिकता से मुक्त होगा
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गीता दूसरा अध्याय (श्लोक संख्या १६ - २२ )
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दिल में न रह जाए कसक और फिकर
गर गरीबी में दबा हो कोई बन्दा बाँट फितरा दिखा उसको भी जिगर पर न जिन्दा जनावर को मार मुर्दा खा ना बन्दे कर परिंदे बेफिकर दर और दरिया मान सबका मौहब्बत का सब बराबर सब बराबर ज़र और जोरू है सलामत ख़ुद की व औरों की, रख पाक अपनी भी नज़र सरहद हिंद पर मरने का ज़ज्बा पाल कर दे दुश्मनों को नेस्तनाबूद और सिफर ----- तभी होगी ईद-उल-फितर। |
आँख में फ़िर से नमी छाई है आज़ फ़िर काली घटा छाई है, आँख में फ़िर से नमी छाई है. है नहीं कोई सुने आवाज़ मेरी, सिर्फ़ मैं और मेरी तनहाई है.... Kashish - My Poetry |
Why I hate Muslims कई लोग पूछते हैं की मैं मुसलमानों से इतनी नफरत क्यूँ करता हूँ? मैं खुल कर जवाब नहीं देता था। लोग आ कर मुझे समझते थे की ये हमारे देश के ही हैं, इनसे इतनी नफरत नहीं करनी चाहिए। हमे मिलजुल कर रहना चाहिए इत्यादि। वैसे मैंने उनको हमेसा एक जवाब दिया कि मुझे मुसलमानों से नफरत नहीं है बल्कि मुझे मुल्लों से नफरत है.... Vineet Kumar Singh |
निराशा के माहौल मेंनिराशा के माहौल में हर जश्न औपचारिकता ही लगता है !! आज देश जब स्वतंत्रता दिवस की सड़सठवीं वर्षगाँठ मना रहा है उस समय क्या कारण है कि लोगों में उत्साह नहीं है बल्कि निराशा का वातावरण है ! ज्यों ज्यों आजादी मिलनें के वर्ष बीतते जा रहें है उसी तरह लोगों की यह सोच बलवती होती जा रही है कि उन्हें तो केवल आजादी के नाम पर छला जा रहा है और केवल सत्ता का हस्तांतरण भर हुआ है... शंखनाद पर पूरण खण्डेलवाल |
क्या भारत में फिर से राम राज्य स्थापित हो पाएगा? मर्यादा पुरुषोत्तम राम जिसकी गाथा 'रामायण ' भारत के कोने कोने में गाई और सुनी जाती है ,जिसकी हम भारतवासी पूजा करते है ऐसे राजा राम के राज्य की मिसाल भी दी जाती है ,जहां अमीर और गरीब में कोई भेदभाव नही किया जाता था.... Ocean of Bliss पर Rekha Joshi |
अखण्ड़ भारत का सपना पग-पग पर फैले भ्रष्टाचार से खोखले वादे और अत्याचार से प्रजातांत्रिक तानाशाही की मार से परेशान आज हर इंसान है मुद्दों पर गरमाती यहाँ राजनितियाँ नोट से वोट का यहाँ व्यापार है... अभिव्यंजना पर Maheshwari kaneri |
धरती का बोझ ! विशाल और महान कब इंसान आकार से हुआ है ? नहीं तो रावण का कभी पराभव न होता . ऊँचे कद से सिर्फ ऊपर का देख सकते हैं नीचे तो इंसान भी अदने से औ' छोटे नजर आते हैं... hindigen पर रेखा श्रीवास्तव |
'अनुशील' के पन्ने पलटते हुए! लिखने के मौसम होते हैं... मन का भी मौसम होता है... वसंत, ग्रीष्म, पतझड़ एवं शीत के मौसम आते हैं, बीत जाते हैं. पर शायद मन के मौसम का कुछ अलग ही गणित होता है... अनुशील पर अनुपमा पाठक |
वालीवुड की दोहरी मानसिकता 'चेन्नई एक्सप्रेस' की धूम है। चारों तरफ इसके सौ करोड़ क्लब में शामिल होने की चर्चाएँ जोरों पर है, पर आश्चर्य इस बात पर हो रहा है कि सारा श्रेय शाहरुख़ खान को दिया जा रहा है। मीडिया से लेकर समीक्षक तक शाहरुख़ खान के गुण-गान गा रहे हैं, जबकि इस फिल्म को सुपर-डुपर हिट बनाने और इस मुकाम तक ले जाने में दीपिका पादुकोण की भी उतनी ही भूमिका है... शब्द-शिखर पर Akanksha Yadav |
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह हालाँकि प्रशासक के तौर पर प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह मेरी पसंद नहीं हैं, लेकिन प्रधानमंत्री होने के नाते और देश के तरक्की की राह पर अग्रसर होने में उनकी महत्तवपूर्ण भूमिका के कारण में उनकी इज्ज़त करता हूँ। हालांकि इस इज्ज़त का मतलब नाकामयाबियों पर चुप रहना भी नहीं हो सकता है। उनके कार्यकाल के पहले आठ वर्ष बेहतरीन रहे हैं, जिसमें देश ने आर्थिक तौर पर तरक्की की नयी उचाईयों को छुआ है... और इसका क्रेडिट उनको मिलना चाहिए... प्रेमरस.कॉम पर Shah Nawaz |
जैसे कि प्रेम भक्ति में डूबी .. मीरा कोई.. तेरी आरज़ू की तपिश में ऐसे पिघलती हूँ जैसे कि इंतजार में जलती हुई शमा कोई तेरे जिस्म से होकर ऐसे निकलती हूँ जैसे कि दिल से गुजरी धड़कन कोई बंद पलकों पे ख्याबों के साथ चलती हूँ... मेरी धरोहर पर yashoda agrawal |
अच्छी छवि होना अच्छा नहीं होता है ! कतिपय कारणों से तू अपनी एक अच्छी छवी नहीं बना पाया होगा कभी ऎसा भी होता है समझोते करना करवाना शायद इसी चीज ने तुझे तभी सिखाया होगा, होता है इसीलिये तू बहुत ही शातिर हो पाया होगा ... उल्लूक टाईम्स पर सुशील |
चलो यार आँखें लड़ाते रहें। चलो रात भर गुनगुनाते रहें सुनें कुछ कभी कुछ सुनाते रहें... बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय |
१५ अगस्त -२०१३ : एक और कैलेंडर ! अभी कल ही लगा था कि देश आजाद हो गया है ! भले ही दो टुकड़े होने के बाद और "ग़दर" या 'शरणार्थियों' की बदत्तर हालातों से परे, देश ने भी महसूसा था आज़ादी पन को ! धीरे-धीरे बीत गये छियासठ बरस चमकती आँखों की शून्यता में वो सारे सपने , लोकतंत्र की राजनीति की भेंट चढ़ गये ... अन्तर्गगन पर धीरेन्द्र अस्थाना |
मधु सिंह : एक दिन ढह जायगी जिश्म की खुशबू , बुलाने तक है जा पहुँची कभी थी कैद जो हसरत, वो ज़माने तक है जा पहुँची |
कंधमाल हिंसा और उसके बाद इस साल 25 अगस्त को, देश की सबसे बड़ी ईसाई-विरोधी हिंसा और आदिवासी क्षेत्र में अब तक हुए सबसे भयावह साम्प्रदायिक दंगे को पांच साल पूरे हो जायेंगे। इस त्रासदी के पीडि़त आज किस हाल में हैं? क्या उन्हें न्याय मिल सका है... लो क सं घ र्ष ! पर Randhir Singh Suman |
Mixthon A fast Cloud Browser डियर रीडर्स , इंटरनेट जगत में नित रोज नए नए वेब ब्राउजर्स आते ही रहते हैं। और हर एक दूसरे ब्राउजर से बेहतर और फ़ास्ट होने का दावा भी करते हैं... मास्टर्स टेक टिप्स |
'The wisest men of my life' इनके बारे में यहाँ इस ब्लॉग पर ज़रूर पढ़ें… लेखिका |
राजपूत छात्रावास भवनों की जर्जर हालात चिंताजनक : अभिमन्यु राजवी राजस्थान के शहरों व जिला मुख्यालयों पर स्कूल कालेजों में शिक्षा के लिए गांवों से आने वाले छात्रों के लिए अलग अलग जातिय छात्रावास बनें है... ज्ञान दर्पण : विविध विषयों का ब्लॉग |
'ज़ालिम नैटवर्क..' - ... "तलाशती रही.. यहाँ-वहाँ.. इधर-उधर.. ऊपर-नीचे.. तुम कहीं न मिले.. SMS कर पूछा.. 'कहाँ-कहाँ ढूँढा आपको..' जवाब कुछ यूँ आया.. प्रियंकाभिलाषी.. |
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी... हर एक की ज़िन्दगी में पचीसियों अतीत के पन्ने होते हैं, लेकिन जैसी सुगमता बचपन के पन्ने वाली लिखावट में होती है, वैसी तो कहीं नहीं... खामोश दिल की सुगबुगाहट.. |
इसके बारे में क्या ख्याल है ? नजरिया |
घोंचू कहीं का - सौरभ पाण्डेय आज लगते ही तू लगता है चीखने "आ ज़ाऽऽऽ दीऽऽऽऽऽऽऽऽ...." घोंचू कहीं का. मुट्ठियाँ भींच भावावेष के अतिरेक में चीखना कोई तुझसे सीखे ..... ठाले बैठे |
बिखरे सितारे : ७ तानाशाह ज़माने BIKHARE SITARE पर kshama |
"मेरी साइकिल"
मेरी साइकिल कितनी प्यारी।
यह है मेरी नई सवारी।।
अपनी कक्षा के बच्चों में,
फर्स्ट डिवीजन मैंने पाई,
खुश होकर तब बाबा जी ने,
साइकिल मुझको दिलवाई,
इसको पाकर मेरे मन में,
जगी उमंगे कितनी सारी।
यह है मेरी नई सवारी।।
हँसता गाता बचपन |
"टिप्पणी में ग़ज़ल"
मेरे आँगन में उतरे सितारे बहुत,
किन्तु मैंने मदद को पुकारा नहीं।
मेरी खुद्दारियाँ आड़े आतीं रहीं,
मैंने माँगा किसी से सहारा नहीं।
उच्चारण |
पुलिस प्रशिक्षण की प्यारी प्यारी यादें ... मुकेश पाण्डेय "चन्दन" |
हर कोई अपने अंदाज में
जवाब देंहटाएंचर्चा को यहाँ सजाता है
मयंक की चर्चा है देख
कर आभास हो जाता है
उल्लूक अपनी पोस्ट
"अच्छी छवि होना अच्छा नहीं होता है"
को चर्चा में लगा देख
आभार कह चला जाता है !
सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआज आपको देख कर अजहद प्रसन्नता हो रही है
अच्छे लिंक्स दिये आपने
सादर
सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा..
जवाब देंहटाएंपठनीय और अच्छे सूत्रों से सजी बेहद सुन्दर चर्चा के लिए सादर आभार !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआभार!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआप सब सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आज से एक नए कालम का शुभारंभ करने जा रहा हु जिसका नाम है हिंदी ब्लॉग समूह, सभी हिंदी ब्लॉग को एक जगह पर लाने का प्रयास ,
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह के अंतर्गत हम हर {सोमवार} चर्चा करेंगे कुछ चुनिन्दा ब्लॉग के बारे में जिन्होंने ब्लॉग्गिंग की दुनिया में पहचान तो हासिल की ही है साथ ही साथ ब्लॉग्गिंग को भी एक नयी दिशा प्रदान की है, चर्चा” का मकसद होगा उस ब्लॉग के बारे में जानकारी और अधिक लोगों तक पहुँचाना तथा उसके सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं के बारे में बात करना
हिंदी ब्लॉग समूह पर हर {सोमवार}को चर्चा की जाएगी
हिंदी ब्लॉग समूह http://hindiblogsamuh.blogspot.com/
आप सब को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आज से एक नए कालम का शुभारंभ करने जा रहा हु जिसका नाम है हिंदी ब्लॉग समूह, सभी हिंदी ब्लॉग को एक जगह पर लाने का प्रयास ,
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉग समूह के अंतर्गत हम हर {सोमवार} चर्चा करेंगे कुछ चुनिन्दा ब्लॉग के बारे में जिन्होंने ब्लॉग्गिंग की दुनिया में पहचान तो हासिल की ही है साथ ही साथ ब्लॉग्गिंग को भी एक नयी दिशा प्रदान की है, चर्चा” का मकसद होगा उस ब्लॉग के बारे में जानकारी और अधिक लोगों तक पहुँचाना तथा उसके सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं के बारे में बात करना
हिंदी ब्लॉग समूह पर हर {सोमवार}को चर्चा की जाएगी
हिंदी ब्लॉग समूह http://hindiblogsamuh.blogspot.com/
सुन्दर चर्चा,आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिंक्स प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया लिंक्स, अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स,सुन्दर चर्चा, मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार शास्त्री जी..आप का
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स...बहुत रोचक चर्चा..आभार..
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मयंक साब..
जवाब देंहटाएंसादर आभार..!!
अच्छे लिंक्स..धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत ही वृहद चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय मयंक जी ,मेरी रचना को शामिल कर आपने मुझे जो मान दिया है आपका हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा सुंदर लिंक्स ।
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