"जय माता दी" अरुन
की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे
लिंक्स पर.
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प्रस्तुतकर्ता : Kailash
Sharma
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प्रस्तुतकर्ता : (डॉ.रूपचन्द्र
शास्त्री 'मयंक')
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प्रस्तुतकर्ता : Manoj
Nautiyal
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प्रस्तुतकर्ता : Deepti
Agarwal
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प्रस्तुतकर्ता : Reena Maurya
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प्रस्तुतकर्ता : Neeraj Kumar
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प्रस्तुतकर्ता : ताऊ रामपुरिया
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प्रस्तुतकर्ता : पूरण खण्डेलवाल
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प्रस्तुतकर्ता : काजल कुमार
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इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||||||||
जारी है 'मयंक का कोना' -- दो और दो पांच के चक्कर में फ़ंसे अनुराग शर्मा ताऊ डाट इन पर ताऊ रामपुरिया -- प्रशांत श्रीवास्तव की नई कविता अपने कवि होने को लेकर ज़रुरत से ज़्यादा गंभीरता से लेने वाले कवियों अपने कवि होने को लेकर ज़रुरत से ज़्यादा गंभीरता से लेने वाले कवियों के बीच प्रशांत की 'प्रशांत' उपस्थिति आश्चर्यचकित करने वाली है. अंशु मालवीय, चेतनक्रांति और प्रभात जैसे कवियों की तरह यह कवि भी अपने कविकर्म को गंभीरता से और कवि होने को यथासंभव अगम्भीरता से लेने वालों में है. यह कविता उसने कोई दो महीने पहले भेजी थी और मैं अपनी आदत के अनुसार इसे भूल गया था. आज अचानक कुछ याद करते हुए इसकी याद आई और इसे दुबारा पढ़ा. यह कविता आज बिना कुछ कहे.... असुविधा....पर Ashok Kumar Pandey -- श्याम स्मृति ....यह भारत देश है मेरा ... यह भारतीय धरती व वातावरण का ही प्रभाव है कि मुग़ल जो एक अनगढ़, अर्ध-सभ्य, बर्बर घुडसवार आक्रमणकारियों की भांति यहाँ आये थे वे सभ्य, शालीन, विलासप्रिय, खिलंदड़े, सुसंस्कृत लखनवी -नजाकत वाले लखनऊआ नवाब बन गए | अक्खड-असभ्य जहाजी ,सदा खड़े -खड़े , भागने को तैयार, तम्बुओं में खाने -रहने वाले अँगरेज़ ...महलों, सोफों, कुर्सियोंको पहचानने लगे ... सृजन मंच ऑनलाइनपरshyam Gupta -- ग़ज़ल
पथराई सी आँखों मे आँसू बो रहा है
मुझमे न जाने कौन बैठा रो रहा है
कागज मेरा मीत है, कलम मेरी सहेली..मुझसे ये मेरे ही वजूद कि लड़ाई है
मैं उसको और वो मुझे खो रहा है...
-- एटीएम कार्ड गुम हो जाने पर यह उपाय अपनाएं तकनीक शिक्षा हब पर Lalit Chahar -- श्याम स्मृति ---आस्था व उसकी अभिव्यक्ति आस्था एक व्यक्तिगत व समाजगत मनोवैज्ञानिक स्थिति है जो मनुष्य के मन में आत्मविश्वास उत्पन्न करती है । स्वयं पर निष्ठा रखना सिखाती है* कि... यदि मैंने अपना कार्य पूर्ण निष्ठा व श्रम से किया है तो आगे आप को ( ईश्वर, दैवीय पीठ, देवस्थान आदि श्रृद्धा के स्थान ) समर्पित, अब जो भी हो । तभी तो सामान्यत: अपना कार्य सिद्ध न होने पर भी सामान्यजन की श्रृद्धा कम नहीं होती... आपका ब्लॉग पर shyam gupta -- "अल्मोड़ा की बाल मिठाई"
रक्षाबन्धन के अवसर पर,
यह मेरे भइया ने खाई।
उसके बाद बहुत खुश होकर,
मुझसे राखी भी बंधवाई।।
हँसता गाता बचपन |
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रविवार, अगस्त 25, 2013
पतंग और डोर : चर्चा मंच 1348
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बहुरंगी कथ्य से पूर्ण सूत्रों के लिये आभार -मेरी रचना को भी स्थान दिया उपकृत हूँ !
जवाब देंहटाएंआदरणीय अरुण शर्मा जी!
जवाब देंहटाएंचर्चा मे आपका श्रम और निष्ठा स्पष्ट झलक रहा है।
आभार।
नेटवर्क की सुविधा से लम्बे समय से वंचित रहने की कारण आज विलम्ब से उपस्थित हूँ !
जवाब देंहटाएंभाद्र पट के आगमन की वधाई !!
चर्चा के साफल प्रयास-श्रम के li
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंआभार अरुण भाई
अच्छी रचनाएं पढ़वा रहे हैं आज आप
सादर.....
बड़े ही सुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा, आभार
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात। गुड मोर्निंग ,गोल्डन मोर्निंग ,हेपी मोर्निंग। हेव ए ग्रेट डे टूडे। सुन्दर सेतु संयोजन। बढ़िया चर्चा मंच।
जवाब देंहटाएंवाह चित्र सौन्दर्य और काव्य सौन्दर्य एवं जानकारी साथ साथ लयात्मक सुन्दर बाल चित्र कविता।
जवाब देंहटाएंदोनों ने जब नज़र मिलाई।
अपनी मोहक छवि दिखलाई।।
पोस्ट शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंगुरु जी प्रणाम
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अरुण
सुसज्जित charchamanch के लिए हार्दिक बधाई
सुंदर सूत्र संकलन !
जवाब देंहटाएंअच्छे और पठनीय सूत्रों का सुन्दर संयोजन !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
सुंदर सूत्र संकलन -nice presentation .
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़ियाँ लिंक्स
जवाब देंहटाएंमें मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद...
:-)
Sundar linx
जवाब देंहटाएंशुक्रिया मुझे शामिल करने के लिए .. सुन्दर लिंक संकलन..
जवाब देंहटाएंवाह -
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा-
आभाए अरुण जी-
सुन्दर लिंक्स संयोजन...रोचक चर्चा...आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा मंच..सुन्दर लिंक्स
जवाब देंहटाएंप्रिय अनंत जी बहुत ही बढ़ियाँ लिंक्स..सभी लेखकों रचनाकारों और आप को भी बधाई
जवाब देंहटाएंभ्रमर का दर्द और दर्पण से मेरी रचना " कुंठित मन " को शामिल करने के लिए धन्यवाद...
आभार
भ्रमर ५
बहुत सुंदर चर्चा ,अरुण जी आभार,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : पाँच( दोहे )
सुगढ़ चर्चा....आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया अर्रून जी मेरी पोस्ट यहाँ तक पहुँचाने के लिए।
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