इस सप्ताह का चर्चा मंच सजाने की जिम्मेदारी मेरी है...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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एक पेड़ पर एक कौए ने अपने लिए बनाया घर था.
पास दूसरे पेड़ के नीचे, एक सांप का भी घर था...
बच्चों का कोना पर Kailash Sharma
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मर्मस्थल पर वार हो रहे .....
बचने का भी ठौर नहीं जड़ें कटीं तो ज़ाहिर है, आमों पर होगा बौर नहीं.
आज हमारी ख़ामोशी जो कवच सरीखी लगती है
कल इसके शिकार भी यारो, हमीं बनेंगे, और नहीं....
दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़
बचने का भी ठौर नहीं जड़ें कटीं तो ज़ाहिर है, आमों पर होगा बौर नहीं.
आज हमारी ख़ामोशी जो कवच सरीखी लगती है
कल इसके शिकार भी यारो, हमीं बनेंगे, और नहीं....
दिनेश दधीचि - बर्फ़ के ख़िलाफ़
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अंधश्रद्धा कानून के पीछे हिन्दू-विरोधी षड्यंत्र
नरेन्द्र दभोलकर की हत्या खान्ग्रेस और एनसीपी के द्वारा पूर्व नियोजित षडयंत्र द्वारा की गयी है इसाई मिशनरीयो के इशारे पे। निष्कर्ष तक पहुचने के कारण :- 1) हत्या के तुरंत बाद से ही सारे मराठी चैनल्स पे सिर्फ नरेन्द्र दभोलकर के प्रोग्राम ही दिखाए जा रहे हैं और हत्या के लिए सीधे सीधे बिना किसी सबूत या साक्ष्य के सनातन संस्था, हिन्दू जनजाग्रति व् अन्य सनातनी संस्थाओ को दोषी बताया जा रहा है जबकि पुलिस ने अभी तक इस मामले पे कोई आधिकारिक बयान नही दिया है। 2) ....
ZEAL
अंधश्रद्धा कानून के पीछे हिन्दू-विरोधी षड्यंत्र
नरेन्द्र दभोलकर की हत्या खान्ग्रेस और एनसीपी के द्वारा पूर्व नियोजित षडयंत्र द्वारा की गयी है इसाई मिशनरीयो के इशारे पे। निष्कर्ष तक पहुचने के कारण :- 1) हत्या के तुरंत बाद से ही सारे मराठी चैनल्स पे सिर्फ नरेन्द्र दभोलकर के प्रोग्राम ही दिखाए जा रहे हैं और हत्या के लिए सीधे सीधे बिना किसी सबूत या साक्ष्य के सनातन संस्था, हिन्दू जनजाग्रति व् अन्य सनातनी संस्थाओ को दोषी बताया जा रहा है जबकि पुलिस ने अभी तक इस मामले पे कोई आधिकारिक बयान नही दिया है। 2) ....
ZEAL
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अपना रस्ता भूल गया
ग़ाफ़िल की अमानत
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How to Promote Your Blog
मास्टर्स टेक टिप्स
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कब तक लोगे सात फेरों के गुनाह का बदला ?
मिस्र के पिरामिड में हीरे जवाहरात के बीच ममी सुरक्षित तो रहती है युगों तक ..
पर खुश नहीं रहती ---
खुश रहने के लिए एक पल काफी है .....
प्रेम का पल .....
वरना ईंट पत्थर के पिरामिड में ---- भटकती है एक जिन्दा रूह...
ये पन्ने ........सारे मेरे अपने
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एक अद्भुत अनुभव -- मुंबई से खंडाला !
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
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चेंचर की बकवाद, बैठ कर ताके चुप्पा
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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हाड़-तोड़ जो श्रम करें, उनकी मुश्किल ताड़-"लिंक-लिक्खाड़"
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नेता नापे मील, रुपैया बित्ता बित्ता
गुर्राता डालर खड़ा, लड़ा ठोकता ताल |
रुपिया डूबा ताल में, पाए कौन निकाल |
पाए कौन निकाल, बहे दल-दल में नारा |
मगरमच्छ सरकार, अनैतिक बहती धारा |...
रविकर की कुण्डलियाँ
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श्रीमदभग्वत् गीता-द्वितीय अध्याय,
श्लोक 46-50,with Kabir as Guest Artist
ब्रह्म को तत्वत :जानने वालों के लिए वेदों की उतनी ही आवश्यकता रहती है ,जितनी महान सरोवर के प्राप्त होने पर एक छोटे जलाशय की। (४ ७ )केवल कर्म करना ही मनुष्य के वश में है ,कर्म फल नहीं। इसलिए तुम कर्म फल की आसक्ति में न फंसो तथा अपने कर्म का त्याग भी न करो....
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
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"कभी न भूलें सावन में"
मेरे काव्य संग्रह 'धरा के रंग' से एक गीत
"धरा के रंग"
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सिक्के का दूसरा पहलू - एक कहानी
* संगीता जी को कौन नहीं जानता ...
आज यहाँ सहेज ली है मैंने संगीता पुरी जी के ब्लॉग
गत्यात्मक चिंतन से उनकी लिखी कहानी..,
मेरे मन की पर Archana
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वर्जनाओं के विरुद्ध एकजुट : सोच और शरीर
नुक्कड़ पर Girish Billore
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यह कैसा मखौल?
*हर तरफ़ मारा-मारी
दब-दब कर
घुट-घुट कर
जीने की लाचारी...
अंतर्मन की लहरें पर Dr. Sarika Mukesh
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"बच्चे बचपन याद दिलाते"
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ईश्वर तू ऐसा क्यों करता है
अशिक्षित ,गरीब ,सरल लोग तो अपनी ब्यथा सुनाने के लिए
तुझसे मिलने के लिए ही आ रहे थे बे सुनाते भी तो भला किस को
आखिर कौन उनकी सुनता ...
आपका ब्लॉग पर मदन मोहन सक्सेना
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वो बचपन के दिन बहुत याद आये
कडी घूप में जाकर, मैदानो में खेलना, जो दिल में है, वो हर एक बात का कहना, पापा के ना पढने पर, वो डाँट का सहना, दोस्तो के घर की गलियो में, वो सारी सारी रात का रहना, रोके कभी ना रूकते, ये पल जो बीत जाये, वो बचपन के दिन बहुत याद आये...
धुंधली यादें पर Nitish Srivastava
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मुक्तक : 318 - न परायों से न..
डॉ. हीरालाल प्रजापति
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अमर कहानी...
देश के वीर शहिदों को, हम हिंदूस्तानी भूल गये,
खून से लिखी आजादी की, अमर कहानी भूल गये...
कितने हुए कुर्वान, न सोचा, न गिनती की,
भोगते हुए अब आजादी, हम काला पानी भूल गये..
मन का मंथन। पर Kuldeep Thakur
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कंप्यूटर का एक मज़ेदार ट्रिक्स !
Computer Tips & Tricks पर Rinku Siwan
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अन्त में...!
कार्टून :- रे रज़िया गुंडों में फँस गई ...
काजल कुमार के कार्टून
अपना रस्ता भूल गया
ग़ाफ़िल की अमानत
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कब तक लोगे सात फेरों के गुनाह का बदला ?
मिस्र के पिरामिड में हीरे जवाहरात के बीच ममी सुरक्षित तो रहती है युगों तक ..
पर खुश नहीं रहती ---
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वरना ईंट पत्थर के पिरामिड में ---- भटकती है एक जिन्दा रूह...
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एक अद्भुत अनुभव -- मुंबई से खंडाला !
अंतर्मंथन पर डॉ टी एस दराल
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चेंचर की बकवाद, बैठ कर ताके चुप्पा
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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हाड़-तोड़ जो श्रम करें, उनकी मुश्किल ताड़-"लिंक-लिक्खाड़"
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नेता नापे मील, रुपैया बित्ता बित्ता
गुर्राता डालर खड़ा, लड़ा ठोकता ताल |
रुपिया डूबा ताल में, पाए कौन निकाल |
पाए कौन निकाल, बहे दल-दल में नारा |
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रविकर की कुण्डलियाँ
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श्रीमदभग्वत् गीता-द्वितीय अध्याय,
श्लोक 46-50,with Kabir as Guest Artist
ब्रह्म को तत्वत :जानने वालों के लिए वेदों की उतनी ही आवश्यकता रहती है ,जितनी महान सरोवर के प्राप्त होने पर एक छोटे जलाशय की। (४ ७ )केवल कर्म करना ही मनुष्य के वश में है ,कर्म फल नहीं। इसलिए तुम कर्म फल की आसक्ति में न फंसो तथा अपने कर्म का त्याग भी न करो....
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"कभी न भूलें सावन में"
"कभी न भूलें सावन में"
पेंग बढ़ाकर नभ को छू लें, झूला झूलें सावन में।
मेघ-मल्हारों के गाने को, कभी न भूलें सावन में।।
मँहगाई की मार पड़ी है, घी और तेल हुए महँगे,
कैसे तलें पकौड़ी अब, पापड़ क्या भूनें सावन में।
मेघ-मल्हारों के गाने को, कभी न भूलें सावन में।।
मेघ-मल्हारों के गाने को, कभी न भूलें सावन में।।
मँहगाई की मार पड़ी है, घी और तेल हुए महँगे,
कैसे तलें पकौड़ी अब, पापड़ क्या भूनें सावन में।
मेघ-मल्हारों के गाने को, कभी न भूलें सावन में।।
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सिक्के का दूसरा पहलू - एक कहानी
* संगीता जी को कौन नहीं जानता ...
आज यहाँ सहेज ली है मैंने संगीता पुरी जी के ब्लॉग
गत्यात्मक चिंतन से उनकी लिखी कहानी..,
मेरे मन की पर Archana
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वर्जनाओं के विरुद्ध एकजुट : सोच और शरीर
नुक्कड़ पर Girish Billore
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यह कैसा मखौल?
*हर तरफ़ मारा-मारी
दब-दब कर
घुट-घुट कर
जीने की लाचारी...
अंतर्मन की लहरें पर Dr. Sarika Mukesh
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"बच्चे बचपन याद दिलाते"
सीधा-सादा, भोला-भाला।
बचपन होता बहुत निराला।।
बच्चे सच्चे और सलोने।
बच्चे होते स्वयं खिलौने।।
उच्चारण--
ईश्वर तू ऐसा क्यों करता है
अशिक्षित ,गरीब ,सरल लोग तो अपनी ब्यथा सुनाने के लिए
तुझसे मिलने के लिए ही आ रहे थे बे सुनाते भी तो भला किस को
आखिर कौन उनकी सुनता ...
आपका ब्लॉग पर मदन मोहन सक्सेना
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वो बचपन के दिन बहुत याद आये
कडी घूप में जाकर, मैदानो में खेलना, जो दिल में है, वो हर एक बात का कहना, पापा के ना पढने पर, वो डाँट का सहना, दोस्तो के घर की गलियो में, वो सारी सारी रात का रहना, रोके कभी ना रूकते, ये पल जो बीत जाये, वो बचपन के दिन बहुत याद आये...
धुंधली यादें पर Nitish Srivastava
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मुक्तक : 318 - न परायों से न..
डॉ. हीरालाल प्रजापति
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अमर कहानी...
देश के वीर शहिदों को, हम हिंदूस्तानी भूल गये,
खून से लिखी आजादी की, अमर कहानी भूल गये...
कितने हुए कुर्वान, न सोचा, न गिनती की,
भोगते हुए अब आजादी, हम काला पानी भूल गये..
मन का मंथन। पर Kuldeep Thakur
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कंप्यूटर का एक मज़ेदार ट्रिक्स !
Computer Tips & Tricks पर Rinku Siwan
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अन्त में...!
कार्टून :- रे रज़िया गुंडों में फँस गई ...
काजल कुमार के कार्टून
शुभ प्रभात भाई
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंसाथ में
अंजू चौधरी को
जन्म दिन पर ढेर सारी बधाई ऎवम शुभकामनाऎं !
कार्टून को भी चर्चा में सम्मिलित करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सजी चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ नया नया -
आभार गुरु जी-
सुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को सामिल करने के लिए बहुत बहुत ,आभार
जनभाषा हिंदी बने.- हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः4
बहुत ही सुंदर और वृहद चर्चा, आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
मेरी पोस्ट को सामिल करने के लिए बहुत आभार
जवाब देंहटाएंNAYAPAN LIYE SUNDAR RACHNAON KA SANKALAN KIYA HAI AAPNE !! GYAANVARDHAK OR VYANG SE BHARPOOR !!JIN MITRON KA AAJ JANAM DIN HAI UN SABKO SHUBH KAAMNAYEN !! GOOD - WISHES AND GOOD - LUCK !! प्रिय बन्धुओ और प्यारी बांध्वियो !!
जवाब देंहटाएंसादर - सप्रेम नमस्कार !!
हमारे ब्लॉग " फिफ्थ-पिल्लर - कोरप्शन - किल्लर " ( 5th pillar corruption killer ) को आप इस लिंक पर जाकर रोज़ाना पढ़ें , शेयर करें तथा अपने अनमोल कोमेंट्स हमारे ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !! क्योंकि आपके कीमती कोमेंट्स ही हमारे लिए " च्यवनप्राश " का काम करते हैं !! आप चाहें तो हमारी कोई भी पोस्ट को आप किसी भी समाचार पत्र में प्रकाशित कर सकते हैं !! हमारे ब्लॉग के सारे लेख आपको हमारी फेस-बुक , गूगल +, पेज और ग्रुप्स में भी मिल जायेंगे !! जो भी मित्र अपने लेख हमारे ब्लॉग में प्रकाशित करवाना चाहें वो हमें इ मेल करें !! pitamberdutt.sharma@gmail.com. हमारे ब्लॉग का लिंक ये है :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. और हमारी फेस-बुक का लिंक ये है :- www.facebook.com/pitamberdutt.sharma.7.
हमारा पता ये है :- पीताम्बर दत्त शर्मा ,
हेल्प-लाईन -बिग-बाज़ार,
पंचायत समिति भवन के सामने,
सूरतगढ़ , जिला श्री गंगानगर ,
मो. न. 09414657511.
फेक्स :- 01509222768.
Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE SOCIETY,Suratgarh (RAJ.)
क्या बात बधाई!
जवाब देंहटाएंसुन्दर.
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को सामिल करने के लिए बहुत आभार.................
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को सामिल करने के लिए बहुत आभार.................
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को सामिल करने के लिए बहुत आभार.................
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स...बहुत रोचक चर्चा..आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर एवं दुर्लभ लिंक
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट-
“जीवन हैं अनमोल रतन !"
सुंदर पोस्ट और लिंक्स
जवाब देंहटाएंनई रचना “जीवन हैं अनमोल रतन !"
बढिया चर्चा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ! रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी ! मेरी रचना '' न परायों से न............'' को अपने मंच पर शामिल करने के लिए ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सार्थक चर्चा ....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा...आपको एवं सभी लेखकों को बधाई और शुभकामनाएँ!! हमारी एक प्रविष्टि को स्थान देने हेतु आपका हार्दिक आभार:-))
जवाब देंहटाएंसादर/सप्रेम,
सारिका मुकेश