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रविवार, अगस्त 11, 2013

"ॐ नम: शिवाय" : चर्चामंच १३३४

"जय माता दी" रु की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे लिंक्स पर.


प्रस्तुतकर्ता : Manav Mehta



प्रस्तुतकर्ता : निवेदिता श्रीवास्तव

प्रस्तुतकर्ता : सु..मन
प्रस्तुतकर्ता : Priti Surana

प्रस्तुतकर्ता : प्रीति टेलर

प्रस्तुतकर्ता : निहार रंजन

प्रस्तुतकर्ता : Rinku Siwan

प्रस्तुतकर्ता : Virendra Kumar Sharma

प्रस्तुतकर्ता : Deepti Sharma

प्रस्तुतकर्ता : प्रवीण पाण्डेय

प्रस्तुतकर्ता : Ramaajay Sharma
प्रस्तुतकर्ता : Akshitaa Yadav



प्रस्तुतकर्ता : Albela Khtari



प्रस्तुतकर्ता : Asha Saxena



प्रस्तुतकर्ता : धीरेन्द्र सिंह भदौरिया



प्रस्तुतकर्ता : Anupama Tripathi



प्रस्तुतकर्ता : सरिता भाटिया

प्रस्तुतकर्ता : Amit Srivastava

प्रस्तुतकर्ता : Arvind Mishra

प्रस्तुतकर्ता : सुशील

प्रस्तुतकर्ता : रूपचन्द्र शास्त्री मयंक

प्रस्तुतकर्ता : Anita


इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो
जारी है 'मयंक का कोना'
उदास नुक्कड़, लाल चोंच वाली चिड़िया...

प्रतिभा की दुनिया ...

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"उपवन लगे रिझाने" 
मेरे काव्य संग्रह 'धरा के रंग' से
एक गीत
"उपवन लगे रिझाने"
मौन निमन्त्रण देतीं कलियाँ, 
सुमन लगे मुस्काने।
वासन्ती परिधान पहन कर, 
उपवन लगे रिझाने।।
पाकर मादक गन्ध 
शहद लेने मधुमक्खी आई,
सुन्दर पंखोंवाली तितली
 को सुगन्ध है भाई,
चंचल-चंचल चंचरीक, 
आये गुंजार सुनाने।
वासन्ती परिधान पहन कर, 
उपवन लगे रिझाने।।
"धरा के रंग"
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मायके से विदाई की बेला

मायके से विदाई की बेला मन और आँखों का एक साथ भरना , एक -एक करके बिखरा सामान सहेजना ... बिखरे सामान को सहेजते हुए हर जगह- हर एक कोने में अपना एक वजूद भी नज़र आया, जो बरसों उस घर में जिया था ...
नयी उड़ान +पर उपासना सियाग
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"किंग सॉफ्ट ऑफिस" 
एंड्राइड मोबाइल के लिए फ्री में डाउनलोड करें !

Computer Tips & Tricks पर Rinku Siwan

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शाहरुख़-सलमान के क़दमों के निशान मिटाके देख

! कौशल ! पर Shalini Kaushik 

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छनकी पायल - हाइगा में

हिन्दी-हाइगा पर ऋता शेखर मधु

18 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा!
    अरुण जी आपका श्रम झलक रहा है आज की चर्चा में।
    --
    सभी पाठकों को नागपंचमी की शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. शुक्रिया अरुण भाई !बहुत सुन्दर सार्थक सेतु सजाये हैं। साज सज्जा भी अभिनव है। शुक्रिया हमारे सेतु को बिठाने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात
    शुक्रिया अरुण भाई
    आपकी आज की मेहनत ने हमारा रविवार सार्थक बना दिया
    सादर

    जवाब देंहटाएं

  4. और फिर ये तो नाटक खेलते हैं हर फिल्म में नाटक खेलते हैं जिसकी कथा अलग होती है जैसे हमारे हर जन्म की कथा अलग होती है। बढ़िया प्रस्तुति। सटीक टिपण्णी की है।

    ! कौशल ! पर Shalini Kaushik

    जवाब देंहटाएं
  5. शुभप्रभात अरुण जी ,
    बहुत सुंदर चर्चा सजाई है ....!!बहुत आभार हमारे लेख को ,लक्ष्मण राव जी को यहाँ स्थान मिला ...!!

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद.

    जवाब देंहटाएं
  7. रोज की तरह
    एक सुंदर चर्चा
    सामने आई है
    आभारी हूँ
    उल्लूक की पोस्ट
    भी आपने दिखाई है !

    जवाब देंहटाएं
  8. अरुन जी, विविध रंगों से सजी चर्चा , आभार !

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर चर्चा सजाई है .... आभार आपका :)

    जवाब देंहटाएं
  10. बढ़िया चर्चा हैं आज |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  11. .सार्थक व् सराहनीय लिंक्स संयोजन .मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार शाहरुख़-सलमान के क़दमों के निशान मिटाके देख .

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत उम्दा लिंक्स ,,,
    मेरी पोस्ट को मंच में स्थान देने के लिए ,,,आभार अरुन जी,,,

    जवाब देंहटाएं

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