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बुधवार, अगस्त 21, 2013

हारे भारत दाँव, सदन हत्थे से उखड़े- चर्चा मंच 1344

 उखड़े मुखड़े पर उड़े, हवा हवाई धूल ।
आग मूतते हैं बड़े, गलत नीति को तूल । 
 
गलत नीति को तूल, रुपैया सहता जाए । 
डालर रहा डकार, कौन अब लाज बचाए । 
बहरा मोहन मूक, नहीं सुन पाए दुखड़े । 
हारे भारत दाँव, सदन हत्थे से उखड़े ॥ 
 

 रविकर की कुण्डलियाँ


दर्पण बोले झूठ कब, कब ना खोले भेद |
साया छोड़े साथ कब, यादें जरा कुरेद |
यादें जरा कुरेद, दोस्त पाया क्या सच्चा |
इन दोनों सा ढूँढ़, कभी ना खाए गच्चा |
रखिये इन्हें सहेज, कीजिये पूर्ण समर्पण |
हरदम साया साथ, सदा सच बोले दर्पण ||



वसीयत WILL


Ramakant Singh 





बी रिलैक्स


तुषार राज रस्तोगी






हादसे जो राह में मिलते रहे ... 

 (दिगम्बर नासवा) 







"भावनाओं की हैं ये लड़ी राखियाँ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

जूट की सूत की चाहे रेशम की हों,
प्यार की डोर हैं हथकड़ी राखियाँ।
कच्चा धागा इन्हें मत समझना कभी,
भावनाओं की हैं ये लड़ी राखियाँ।
माँ की गोदी में पलकर बड़े हो गये,
एक आँगन में चलकर खड़े हो गये.
धान की पौध सी हैं बहन-बेटियाँ
भेजतीं साल में भाइयों के लिए,
नेह के हैं नगीने जड़ी राखियाँ।।

"मयंक का कोना" अद्यतन लिंक

(1)
श्रीमदभगवत गीता भावार्थ:दूसरा अध्याय 
श्लोक संख्या तेइस और उससे आगे

शस्त्र इस आत्मा को काट नहीं सकते ,अग्नि इसको जला नहीं सकती। जल इसको गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती ;क्योंकि आत्मा अछेद्य ,अ-दाह्य और अशोष्य है...
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
(2)
मन के नाते
(राखी पर हाइकु)
*******
1.
हाथ पसारे 
बँधवाने राखी
चाँद तरसे !
2.
सूनी कलाई
बहना नहीं आई
भैया उदास !...
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
(3)
**~ "महके गुलशन" ~** 'चोका'

बूँद..बूँद...लम्हे....पर Anita (अनिता)

(4)
राखी नजर खोलती है -

उन्नयन (UNNAYANA)

(5)
नेताजी फ़िक्र ना करो!

मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद 

(6)
आँखों के लिए ज्योतिवर्धक आयुर्वेदिक नुस्खे !!

शंखनाद पर पूरण खण्डेलवाल

(7)
"भइया मुझे झुलाएगा"
अपनी बालकृति 
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
"भइया मुझे झुलाएगा"
 
अब हरियाली तीज आ रही,
मम्मी मैं झूलूँगी झूला।
देख फुहारों को बारिश की,
मेरा मन खुशियों से फूला।।
हँसता गाता बचपन

31 टिप्‍पणियां:

  1. सभी पाठकों को भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    आभार रविकर जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. आज के चर्चा बहुत ही बेहतरीन लिंक्स के साथ, आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  4. गया अब दादी-नानी के किस्सों का ज़माना
    गाँव-कुनबों की छोटी दुनिया का फसाना
    गाना है अब वसुधैव कुटुम्बकम का तराना
    दुनिया को है एक भूमंडलीय गाँव बनाना
    करना होगा खत्म छोटे-छोटे गाँव
    बनेगी धरती तभी तो विशाल कार्पोरेटी गाँव
    होगा ऐसे गाँव में किसान-कारीगर का क्या काम
    बारूदी मशीने बोलेंगी जय श्रीराम
    खेतों में उगेगी डालर और यूरो की फसल
    दाल-रोटी हो जायेगी घरों से बेदखल
    वाल-मार्ट होगा इस गाँव का किरानी
    कृपा से उसकी मिलेगा सभी को रोटी-पानी
    सम्हालेगा बचपन-बुढापा नदारत जवानी
    [ईमि/२१.०८.२०१३]

    जवाब देंहटाएं
  5. रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर संयोजन. मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार .
    रक्षाबंधन की मंगल कामनाएँ .

    जवाब देंहटाएं
  7. शुक्रिया इस बेहतरीन चर्चा के लिए गीता श्लोकों को समायोजित करने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  8. चर्चा मंच के सभी पाठकों को भाई बहन के पावन और निश्चल प्रेम के पर्व रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ !!
    सादर आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन, आभार रविकर जी और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह आनंद भयो कुण्डलियाँ पढ़कर .

    रविकर
    रविकर की कुण्डलियाँ

    दर्पण बोले झूठ कब, कब ना खोले भेद |
    साया छोड़े साथ कब, यादें जरा कुरेद |
    यादें जरा कुरेद, दोस्त पाया क्या सच्चा |
    इन दोनों सा ढूँढ़, कभी ना खाए गच्चा |
    रखिये इन्हें सहेज, कीजिये पूर्ण समर्पण |
    हरदम साया साथ, सदा सच बोले दर्पण ||

    जवाब देंहटाएं
  11. सहज सरल बाल मन के भाव उमड़े हैं इस गीत में।

    अब हरियाली तीज आ रही,
    मम्मी मैं झूलूँगी झूला।
    देख फुहारों को बारिश की,
    मेरा मन खुशियों से फूला।।

    जवाब देंहटाएं
  12. सुन्दर अति सुन्दर नुस्खे ही नुस्खे चुन तो लें।

    (6)
    आँखों के लिए ज्योतिवर्धक आयुर्वेदिक नुस्खे !!

    जवाब देंहटाएं
  13. बेहतरीन सूत्रों के साथ
    रविकर हैं आज यहाँ आये
    रक्षाबन्धन की ढेरों
    हार्दिक शुभकामनाएँ !

    जवाब देंहटाएं
  14. एक बकरा घूम रहा है पूरे देश में -

    बीच बीच में मिमियाता है अनर्थक कुछ बोलता भी है बाजू ऊपर चढ़ाता है -

    चुनाव निकट है तुम फ़िक्र न करो -

    खैरात बांटने वालों को वोट न दो।

    धूल चटा दो इन काले धनियों को जिनकी करतूतें काली हैं।

    तिहाड़ से भी ये गन्दी नाली हैं।



    तुम फ़िक्र न करो इनकी अम्मा भी कब तक खैर मनायेगी -



    बकरे के लिए मिमियाएगॆ।

    बढ़िया रचना है तुम फ़िक्र न करो।

    नेताजी फ़िक्र ना करो!

    मेरे विचार मेरी अनुभूति पर कालीपद प्रसाद

    जवाब देंहटाएं
  15. एक बकरा घूम रहा है पूरे देश में -

    बीच बीच में मिमियाता है अनर्थक कुछ बोलता भी है बाजू ऊपर चढ़ाता है -

    चुनाव निकट है तुम फ़िक्र न करो -

    खैरात बांटने वालों को वोट न दो।

    धूल चटा दो इन काले धनियों को जिनकी करतूतें काली हैं।

    तिहाड़ से भी ये गन्दी नाली हैं।

    तुम फ़िक्र न करो इनकी अम्मा भी कब तक खैर मनायेगी -

    बकरे के लिए मिमियाएगी

    बढ़िया रचना है तुम फ़िक्र न करो।

    जवाब देंहटाएं
  16. रुपया पुराण बेहतरीन रहा .

    उखड़े मुखड़े पर उड़े, हवा हवाई धूल ।
    आग मूतते हैं बड़े, गलत नीति को तूल ।

    गलत नीति को तूल, रुपैया सहता जाए ।
    डालर रहा डकार, कौन अब लाज बचाए ।
    बहरा मोहन मूक, नहीं सुन पाए दुखड़े ।
    हारे भारत दाँव, सदन हत्थे से उखड़े ॥

    जवाब देंहटाएं
  17. बेशक अमूर्त समाज मूर्तन इकाई मनुष्य को देख रहा ही वही उसका मूल्यांकन करता है।हमारा नागर बोध सिविलिटी प्रेम से ही सिंचित होती है।

    प्रेम का अभाव और असभ्‍यता का उदय
    smt. Ajit Gupta
    अजित गुप्‍ता का कोना

    जवाब देंहटाएं
  18. अति सुन्दर नयनाभिराम। अलावा इसके इस पुरुषोत्तम संगम युग पर स्वयं परम पिता परमात्मा हमको राखी बांधते हैं पवित्र करमा जीत बनने की कसम रखवा लेते हैं।

    रक्षा बंधन की हार्दिक बधाइयाँ

    राजेंद्र कुमार
    भूली-बिसरी यादें

    जवाब देंहटाएं
  19. बहुत सुन्दर चर्चा. रक्षा बंधन की हार्दिक बधाइयाँ . मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार .

    जवाब देंहटाएं
  20. सुंदर लिंक्स कों प्रस्तुत किया गया हैं |
    चर्चा-मंच ब्लॉग से बहुत ही खूबसूरत रचनाओं के लिंक्स मिलते रहें हैं |
    बहुत से दुर्लभ सामग्री युक्त ब्लॉग मिलते रहे हैं |
    आभार |
    www.drakyadav.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं
  21. सुंदर लिंकों चयन ,,,रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाए ,,,

    RECENT POST : सुलझाया नही जाता.

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत ही सुंदर चर्चा, आभार.

    रामराम.

    जवाब देंहटाएं
  23. बहुत ही सुन्दर चर्चा रविकर भाई ,कमाल के कलर सेट किये हैं।

    जवाब देंहटाएं
  24. रंगीन, मस्त ... लाजवाब चर्चा ....
    मुझे शामिल करने का शुक्रिया ...

    जवाब देंहटाएं
  25. बहुत ही प्यारी चर्चा !

    दिल से बधाई स्वीकार करे.

    विजय कुमार
    मेरे कहानी का ब्लॉग है : storiesbyvijay.blogspot.com

    मेरी कविताओ का ब्लॉग है : poemsofvijay.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  26. सुंदर लिंक्स सर!
    "आप सभी को 'रक्षा-बंधन' की हार्दिक शुभकामनाएँ!" :-)
    मेरी रचना को स्थान देने का आभार !

    ~सादर!!!

    जवाब देंहटाएं
  27. सुन्दर चर्चा :रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
    मेरी रचना को स्थान देने का आभार !

    जवाब देंहटाएं
  28. बहुत ही सुन्दर चर्चा..मेरी रचना को स्थान देने का आभार !:रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं
  29. आपने इस मंच पर वसीयत को स्थान दिया बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं

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