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सोमवार, अगस्त 05, 2013

गुज़ारिश दोस्तों की : चर्चा मंच 1328

 .. शुभम दोस्तो ..

दोस्ती है राधा संग कृष्ण का प्यारा अहसास  
दोस्ती है सुदामा और कृष्ण का अटूट विश्वास 

मैं 
सरिता भाटिया 
लाई हूँ 
आज की चर्चा 
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पल पल महके प्रेम से बिनु चन्दन बिनु इत्र 
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Photo: पल पल महके प्रेम से, बिनु चन्दन बिनु इत्र ।
कठिन कार्य आसान हो, साथ अगर हों मित्र ।।
........................................................
सभी मित्रों को ह्रदयतल से "मित्र दिवस" की हार्दिक बधाई.
........................................................
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दोस्ती के जलवे 
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हर रिश्ते में खुबसूरत दोस्ती 
|| 
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दोस्त मुद्द्वा 
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यू पी राजस्थान आज किसकी 
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तहजीब थी उनकी 
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नारी सशक्तिकरण 
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मन मंथन 
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धूप का साथ गया 
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गगन में छाए हैं बादल 
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दर्द दोस्त 
||
अपना ब्लॉग कैसे बनायें 
||
कोई जब राह ना पाए 
मेरे संग आए  
||
बड़ों को नमस्कार 
छोटों को प्यार 
दीजिए इजाजत 
.. शुभविदा ..

मयंक का कोना 

(१)

भाषा वर्तनी खाने लगी है। अपभ्रंश से आगे जाने लगी है

Virendra Kumar Sharma 
 ram ram bhai 

(२) 

Avast free Antivirus 2013

Aamir Dubai 

(विशेष ) 

अरुण निगम जी को जन्म दिवस की शुभकामनायें-

 
 भैया जी शुभकामना, काम मना पर आज |
जन्म दिवस लेते मना, रविकर दे आवाज |

रविकर दे आवाज, कहीं कविता हो जाती |
मित्र मंडली साज, साँझ होती मदमाती |

दुर्मिल मदिरा गीत, सभी में दिखें सवैया |
रहो स्वस्थ सानन्द, मगन मन हरदम भैया ||


22 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात
    आभार सरिता बहन
    आपने अच्छे लिंक्स से रूबरू करवाया हमें
    और दोस्ती के लिये अनीता जी की तीन लाईने...
    .......
    अधूरे सदा,
    एक दूजे के बिन..
    दोस्तों के दिन!....अनीता
    .....
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात मित्रों, आदरणीया सरिता जी आज की चर्चा बहुत ही शानदार सुन्दर एवं पठनीय सूत्रों से सुसज्जित सुव्यवस्थित चर्चा हेतु हार्दिक आभार आपका.

    जवाब देंहटाएं
  3. इस हुनरमंद चर्चा के श्रेय के साथ बहुत सारी शुभकामनायें आपको ...

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया चर्चा -
    आभार आदरणीया-

    जवाब देंहटाएं
  5. आभार......

    पाई है शुभकामना , हृदय कहे आभार
    बनी रहे यह मित्रता , बना रहे यह प्यार
    बना रहे यह प्यार,रहे जब तक यह काया
    हरदम ही सिरमौर , रहे मित्रों का साया
    कुण्डलिया हो देह , छंद साँसों में भाई
    दोहे हों दो हाथ , बिछे अंतस् चौपाई ||

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बढ़िया-
      अंतिम दो पंक्तियों ने तो लूट लिया भाई जी-
      सादर

      कुण्डलिया हों देह सी, तंत्र तथा हठयोग |
      सूक्ष्म मूल-आधार की, करके शक्ति प्रयोग |
      करके शक्ति प्रयोग, लोक कल्याण कीजिये |
      दोहे दो दो हाथ, हमेशा दान दीजिये |
      अन्तर का उन्माद, रचे चौपाई बढ़िया-
      बहुत बहुत आभार, किया जागृत कुण्डलिया |

      हटाएं
  6. sundar links sarita ji rachna ko shamil karne ke liye aabhar :-)

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. शानदार कड़ियों से सजी सुन्दर चर्चा | मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद् और सभी मित्रगण को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें :)

    जवाब देंहटाएं
  9. पुनः उपस्थित हूँ
    बधाइयाँ अरुण भैय्या को

    "आ तेरी उम्र मै लिख दूँ चाँद सितारों से
    तेरा जनम दिन मै मनाऊ फूलों से बहारो से

    हर एक खूबसूरती दुनिया से मै ले आऊ
    सजाऊ यह महफ़िल मै हर हँसी नजारों से

    उम्र मिले तुम्हे हजारों हजारों साल ...
    हरेक साल के दिन हो पचास हजार !!"

    जवाब देंहटाएं
  10. atyant shreshth links tatha saarthak evam prerak charcha...sushri sarita bhatia ji evam charchakar sathiyon ka aabhar .

    जवाब देंहटाएं
  11. Bahut sundar links Sarita ji ,meri rachna ko shamil karne pr hardik abhar

    जवाब देंहटाएं
  12. सुंदर सूत्रों की सुंदर चर्चा ।

    जवाब देंहटाएं
  13. श्रेष्ठ चयन। भाई अरुण साथी, सुश्री वंदना गुप्ता, सुश्री शालिनी कौशिक की रचनाएं अच्छी लगीं। पं. रूपचन्द्र शास्त्री जी की मज़ाहिया ग़ज़ल भी उम्दा है।

    जवाब देंहटाएं

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