..शुभम दोस्तो..
मैं
सरिता भाटिया
हाजिर हूँ
चर्चा मंच 1356 पर
सितम्बर माह की
पहली सोमवारीय चर्चा
लेकर
बच्चा नहीं जच्चा
हालात से दो दो हाथ
मिटटी का दीपक
बुतों से अर्जे हाल
पाता पोती दुष्ट
Download GOM Player
मैंने तो अपनी भाषा को प्यार किया है
भगवत गीता दूसरा अध्याय
मूक अहसास
नालायक बनने में ही आदमी का बचाव
मुक्तक
बलात्कारी और मनमर्जी
आपको..प्रेम संस्मरण
दोस्तो कीजिए विदा
एक मेरी पसंद का गीत सुनते हुए
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
..शुभविदा ..
मित्रों!
अभी मेरा ब्रॉडबैंड खराब ही है,
लेकिन प्रयास है "मयंक का कोना"
स्लोकनक्शन से लगाने का...!
--
समाज की बलि चढ़ती बेटियां
समाज पर Kartikey Raj
--
कंकरीट के जंगल
मेरा मन पंछी सा पर Reena Maurya
--
मैं अतीत के पन्ने नही पढ़ती ..
Rhythm पर नीलिमा शर्मा
--
माखनचोर- हाइगा में
हिन्दी-हाइगा पर ऋता शेखर मधु
--
न्याय-अन्याय
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
--
मत चींखो मत लड़ो दामिनी
कागज मेरा मीत है, कलम मेरी सहेली.
--
कार्टून :- सो रहे थे क्या ?
काजल कुमार के कार्टून
--
"दो और दो पांच" में एम. ए. शर्मा ’सेहर’
ताऊ डाट इन
--
"रंग-बिरंगे छाते"
--
"दोहे-कुंठित हुआ समाज"
--
"बहुत काम का"
नन्हे सुमन
मित्रों!
अभी मेरा ब्रॉडबैंड खराब ही है,
लेकिन प्रयास है "मयंक का कोना"
स्लोकनक्शन से लगाने का...!
--
समाज की बलि चढ़ती बेटियां
समाज पर Kartikey Raj
--
कंकरीट के जंगल
मेरा मन पंछी सा पर Reena Maurya
--
मैं अतीत के पन्ने नही पढ़ती ..
Rhythm पर नीलिमा शर्मा
--
माखनचोर- हाइगा में
हिन्दी-हाइगा पर ऋता शेखर मधु
--
न्याय-अन्याय
अंतर्नाद की थाप पर Kaushal Lal
--
मत चींखो मत लड़ो दामिनी
कागज मेरा मीत है, कलम मेरी सहेली.
--
कार्टून :- सो रहे थे क्या ?
काजल कुमार के कार्टून
--
"दो और दो पांच" में एम. ए. शर्मा ’सेहर’
ताऊ डाट इन
--
"रंग-बिरंगे छाते"
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
"रंग-बिरंगे छाते"
हँसता गाता बचपन--
"दोहे-कुंठित हुआ समाज"
धार लबादा सन्त का, करते पापाचार।
कश्ती को अब धर्म की, कौन करेगा पार।।
उच्चारण--
"बहुत काम का"
बालकृति "नन्हें सुमन" से
एक बालकविता
नौकर है यह बिना दाम का।
वफादार है बड़े काम का।।
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसही और सार्थक सूत्र
अच्छा लगा आज का संयोजन
सादर
उम्दा सूत्रों से सजा चर्चा मंच |
जवाब देंहटाएंआशा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंआभार सरिता भाटिया जी!
बहुत सुन्दर सटीक संयोजन !
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात, बहुत ही सुंदर सूत्रों से सजा हुआ है आज का चर्चा मंच.........
जवाब देंहटाएंधार लबादा सन्त का, करते पापाचार।
जवाब देंहटाएंकश्ती को अब धर्म की, कौन करेगा पार।।
पहले भी थे धरा पर, थोड़े-बहुत असन्त।
अब बहुतायत में हुए, भोगी और कुसन्त।।
कामी. क्रोधी-लालची, करते कारोबार।
राम नाम की आड़ में, दौलत का व्यापार।।
उपवन के माली स्वयं, कली मसलते आज।
आशाएँ धूमिल हुईं, कुंठित हुआ समाज।।
आशाओं का हनन जब, करते आशाराम।
आशा के संचार का, कौन करेगा काम।।
---------रूप मयंक शाष्त्री जी उच्चारण पर
जन जन के उदगार और आक्रोश और मलाल को वयक्त किया है आपने इस दोहावली में।
सुन्दर चर्चा मंच सजाया आपने ,
जवाब देंहटाएंसादर हमें बिठाया आपने।
"दोहे-कुंठित हुआ समाज"
जवाब देंहटाएंधार लबादा सन्त का, करते पापाचार।
कश्ती को अब धर्म की, कौन करेगा पार।।
उच्चारण
ये सबके सब आशाराम।
मत करना तुम इन्हें सलाम।
बगुलन के चाचाजी हैं ये ,
नेता करते इन्हें प्रणाम।
ये सबके सब आशाराम।
वीरुभाई (कैंटन ,मिशिगन )
हटाएंआप अभी तक हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {साप्ताहिक चर्चामंच} की चर्चा हम-भी-जिद-के-पक्के-है -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-002 मे शामिल नही हुए क्या.... कृपया पधारें, हम आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आगर आपको चर्चा पसंद आये तो इस साइट में शामिल हों कर आपना योगदान देना ना भूलें। सादर ....ललित चाहार
सटीक सूत्र ,उम्दा संयोजन....सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति,उम्दा संयोजन.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएं---
आप अभी तक हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {साप्ताहिक चर्चामंच} की चर्चा हम-भी-जिद-के-पक्के-है -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-002 मे शामिल नही हुए क्या.... कृपया पधारें, हम आपका सह्य दिल से स्वागत करता है। आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आगर आपको चर्चा पसंद आये तो इस साइट में शामिल हों कर आपना योगदान देना ना भूलें। सादर ....ललित चाहार
सुन्दर प्रस्तुति -
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया सरिता जी-
जवाब देंहटाएं:))
आभार रूपचन्द्र शास्त्री जी और सरिता भाटिया जी!
उम्दा ब्लोग्स तक पहुँचाने का और हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अतुलनीय योगदान के लिए भी बहुत शुक्रिया !
सेहर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!आभार
जवाब देंहटाएंमैंने तो अपनी भाषा को प्यार किया है - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः11
sundar charcha say ye manch sajaya apne....abhar
जवाब देंहटाएंसभी लिंक बहुत अच्छे हैं... प्रस्तुतिकरण भी सुंदर है...
जवाब देंहटाएंऐसी चर्चाओं की वजह से अच्छे ब्लॉग और अच्छी पोस्ट पढ़ने को मिल जाती हैं...
शुभकामनाएं...
बहुत उम्दा लिनक्स का संयोजन .... मेरी रचना को शामिल किये जाने का आभार
जवाब देंहटाएंबढिया लिंक्स, अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंआदरणीया सरिता जी सुन्दर एवं पठनीय सूत्रों से सुसज्जित सुव्यवस्थित शानदार चर्चा हेतु हार्दिक आभार आपका.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिंक संकलन के लिए बधाई,,,सरिता जी,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : फूल बिछा न सको
nive.
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दोस्तो.....
जवाब देंहटाएंगुरु जी प्रणाम
सुन्दर संकलन में मुझे स्थान देने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएं:-)
आपने चर्चा मंच पर जगह दिया , इसके लिए बहुत शुक्रिया और आभार ...
जवाब देंहटाएंगीता ज्ञान में ही त्राण है आज की विसंगतियों का। बहुत सुन्दर पोस्ट।
जवाब देंहटाएंबड़े ही रोचक सूत्र..
जवाब देंहटाएं