आज के चर्चा मंच पर आपका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर
धन्यवाद
"मयंक का कोना"
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साधू या शैतान
साधू सन्त नाम धारी अनेकसच्चा होगा शायद हजारों एक l बैठे हैं गेरुआ वस्त्र धारण करढोंग करते हैं भक्त का माला जपकर ll
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छंद सरसी
छंद सरसी
[16, 11 पर यति, कुल 27 मात्राएँ , पदांत में गुरु लघु]चाक निरंतर रहे घूमता , कौन बनाता देह |क्षणभंगुर होती है रचना , इससे कैसा नेह ||
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पीर जिया की (ताँका)
1.
आँखों की कोर
जहाँ पे चुपके से
ठहरा लोर,
कहे निःशब्द कथा
मन अपनी व्यथा !
2.
छलके आँसू
बह गया कजरा
दर्द पसरा,
सुधबुध गँवाए
मन है घबराए !
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
--
कार्टून :- कथा नाभि के अमृतकुंड की
काजल कुमार के कार्टून
--
जिसका जैसा नसीब..
जिसका जैसा नसीब होता है ॥
उसको वैसा नसीब होता है ॥ ....
डॉ. हीरालाल प्रजापति
--
श्रीमदभगवद गीता अध्याय चार :
श्लोक (६ -१० ) प्रभु के अवतार का उद्देश्य
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
"मयंक का कोना"
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साधू या शैतान
साधू सन्त नाम धारी अनेकसच्चा होगा शायद हजारों एक l बैठे हैं गेरुआ वस्त्र धारण करढोंग करते हैं भक्त का माला जपकर ll
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छंद सरसी
छंद सरसी
[16, 11 पर यति, कुल 27 मात्राएँ , पदांत में गुरु लघु]चाक निरंतर रहे घूमता , कौन बनाता देह |क्षणभंगुर होती है रचना , इससे कैसा नेह ||
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पीर जिया की (ताँका)
1.
आँखों की कोर
जहाँ पे चुपके से
ठहरा लोर,
कहे निःशब्द कथा
मन अपनी व्यथा !
2.
छलके आँसू
बह गया कजरा
दर्द पसरा,
सुधबुध गँवाए
मन है घबराए !
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
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कार्टून :- कथा नाभि के अमृतकुंड की
काजल कुमार के कार्टून
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जिसका जैसा नसीब..
जिसका जैसा नसीब होता है ॥
उसको वैसा नसीब होता है ॥ ....
डॉ. हीरालाल प्रजापति
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श्रीमदभगवद गीता अध्याय चार :
श्लोक (६ -१० ) प्रभु के अवतार का उद्देश्य
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
उपयोगी और अद्यतन लिंकों के साथ स्तरीय चर्चा के लिए
जवाब देंहटाएंआपका आभार भाई दिलबाग विर्क जी।
पठनीय लिंक्स...सुंदर चर्चा...आभार !!
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा के लिए आपका आभार जी।
जवाब देंहटाएंबड़े ही रोचक व पठनीय उद्गार, आभार।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा -
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
सुंदर चर्चा !
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जवाब देंहटाएंबड़े - बुजुर्गों के साये में , शैशव पाता है संस्कार
जो आया की गोद पला हो , वह क्या जाने लाड़-दुलार ||
आनंद क्या परमानंद की धार बहा दी आपने।
हमारे समय का यह एक बड़ा विद्रूप है।
दिलबाग जी, बहुत बढ़िया लिंक्स दिए है जरुर पढूंगी
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामील करने के लिए आभार आपका !
कहें झुर्रियाँ हमें पढ़ो तो
जवाब देंहटाएंबड़े - बुजुर्गों के साये में , शैशव पाता है संस्कार
जो आया की गोद पला हो , वह क्या जाने लाड़-दुलार ||
आनंद क्या परमानंद की धार बहा दी आपने।
हमारे समय का यह एक बड़ा विद्रूप है।
गुरु का एकांत वास ,पर
जवाब देंहटाएंउसमे होती है रंगरेलियां
हरि छोड़ ,चेलियों के साथ
गुरु करते है रंगरेलियां ll
कभी न कहना गुरु तुम इनको ,
कहना इनको गुरुघंटाल ,
चांडालों के ये चंडाल।
इन्हें काटने पर मर जाएगा मच्छर भी डेंगु का,
जवाब देंहटाएंये सब सेकुलर प्राणि हैं।
काजल कुमार के कार्टून
सोशल मीडिया और नेता
जवाब देंहटाएंसोशल मीडिया और नेता
नींद उड़े इनकी आँखन की ऐसे ही अब सुबहो शाम ,
मीडिया कर दे काम तमाम।
बर्तन भांडे हो नीलाम।
दिलबाग जी और मयंक जी को बहुत बढ़िया लिंक्स के लिए बधाई
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामील करने के लिए आभार आपका !
सुन्दर-पठनीय संकलन - कुछ महत्वपूर्ण चिट्ठों का , आभार
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सूत्र संकलन !
मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार आपका !
नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
sundar charcha ....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया सूत्र संकलन !
जवाब देंहटाएंमेरी रचना ''जिसका जैसा नसीब.........'' को शामिल करने के लिए आभार !
dhanybad, itne achche links ke liye aur mujhe shamil karne ke liye.....
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