आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है
शिक्षक हूँ और शिक्षक दिवस पर चर्चा लगा रहा हूँ , यह सौभाग्य की बात है , शिक्षक और गुरु का दर्जा तो भगवान से भी ऊपर माना गया है लेकिन आज का गुरु गुरु कहलाने लायक है इस पर प्रश्नचिह्न हैं , कितने ही गुरु ऐसे हैं जिन पर घिनौने अपराधों के आरोप लगे हुए हैं । शिक्षक भी गुरु के पद से तो उतर ही चुका है । अब वह शिक्षक भी रह पाएगा इसमें संदेह है । निजी अनुभव के आधार पर कहता हूँ की आज का शिक्षक शिक्षक कम लिपिक अधिक है । सरकारी स्कूलों में पढाई का कार्य बहुत पीछे है , अनिवार्य कार्य तो मिड-डे मील तैयार कारवाना, बैंक में बच्चों के खाते और राशि के लिए चक्कर लगाना , विभिन्न प्रकार की सूचनाएं विभाग को उपलब्ध करवाना और समुदाय के कामों में हाथ बंटाना ।
इतना होने पर भी सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
शिक्षक हूँ और शिक्षक दिवस पर चर्चा लगा रहा हूँ , यह सौभाग्य की बात है , शिक्षक और गुरु का दर्जा तो भगवान से भी ऊपर माना गया है लेकिन आज का गुरु गुरु कहलाने लायक है इस पर प्रश्नचिह्न हैं , कितने ही गुरु ऐसे हैं जिन पर घिनौने अपराधों के आरोप लगे हुए हैं । शिक्षक भी गुरु के पद से तो उतर ही चुका है । अब वह शिक्षक भी रह पाएगा इसमें संदेह है । निजी अनुभव के आधार पर कहता हूँ की आज का शिक्षक शिक्षक कम लिपिक अधिक है । सरकारी स्कूलों में पढाई का कार्य बहुत पीछे है , अनिवार्य कार्य तो मिड-डे मील तैयार कारवाना, बैंक में बच्चों के खाते और राशि के लिए चक्कर लगाना , विभिन्न प्रकार की सूचनाएं विभाग को उपलब्ध करवाना और समुदाय के कामों में हाथ बंटाना ।
इतना होने पर भी सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
आह्वान गुरु का सम्मान करने का
‘हविश’ की ‘घोड़ा-दौड़’ में, ’धर्म’ हुआ ‘बिगड़ैल’
पासवर्ड की चुगली करता ब्राउजर
गुन-गुन करता भँवरा आया
चूक हुई है, मंदिर-मस्जिद 'विर्क' इमारत का नाम नहीं
उल्लूक का धंधा
खो जाती है पगडण्डी भी
मैं अकेली राह पर यूँ चल रही हूँ !
गिरने से क्या घबराना
अपने हिस्से का दुःख
प्राणी रक्षक
सुरक्षा योजनाओं का ‘गंगाजल’
ये खुलती और बंद होती खिड़कियाँ
एक खेल यह भी
प्रीत की रीत निभा जाउं
धन्यवाद
--
"मयंक का कोना"
--
शत शत नमन सद्गुरु के चरणों में !
भारतीय नारी पर shikha kaushik
--
कितनी सुरक्षित आपकी बेटी ?
कितनी सुरक्षित है हमारी बेटियाँ इस समाज में ,रह रह कर यह सवाल सुमन को कचोट रहा था .उसकी अंतरंग सखी दीपा ने रो रो कर अपना बुरा हाल कर लिया था उसके घर की नन्ही कली को किसी ने मसल दिया था और उसके दुःख से सुमन भी बहुत दुखी थी,उसकी आँखों में भी आंसुओं का सैलाब उमड़ आया था...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
--
कब तलक बैठें-------
बात विरोधाभास से ही टकराती है सांप के काटे चिन्ह पर नागफनी ऊग जाती है--- हर सुबह दीखता रहा सूरज सांझ के आसरे में कब तलक बैठें खा गये हैं गोलियां खूब उडने की रात के अंधपन में क्या देखें...
उम्मीद तो हरी है .........
--
ओ तितली हो क्यूं उदास
Akanksha पर Asha Saxena
--
'मजदूर' की बेटी, पर 'मजबूर' नहीं,
7 साल में हाईस्कूल, 13 साल में एमएससी
शब्द-शिखरपरAkanksha Yadav
‘हविश’ की ‘घोड़ा-दौड़’ में, ’धर्म’ हुआ ‘बिगड़ैल’
पासवर्ड की चुगली करता ब्राउजर
गुन-गुन करता भँवरा आया
चूक हुई है, मंदिर-मस्जिद 'विर्क' इमारत का नाम नहीं
उल्लूक का धंधा
खो जाती है पगडण्डी भी
मैं अकेली राह पर यूँ चल रही हूँ !
गिरने से क्या घबराना
अपने हिस्से का दुःख
प्राणी रक्षक
सुरक्षा योजनाओं का ‘गंगाजल’
ये खुलती और बंद होती खिड़कियाँ
एक खेल यह भी
प्रीत की रीत निभा जाउं
धन्यवाद
--
"मयंक का कोना"
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शत शत नमन सद्गुरु के चरणों में !
भारतीय नारी पर shikha kaushik
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कितनी सुरक्षित आपकी बेटी ?
कितनी सुरक्षित है हमारी बेटियाँ इस समाज में ,रह रह कर यह सवाल सुमन को कचोट रहा था .उसकी अंतरंग सखी दीपा ने रो रो कर अपना बुरा हाल कर लिया था उसके घर की नन्ही कली को किसी ने मसल दिया था और उसके दुःख से सुमन भी बहुत दुखी थी,उसकी आँखों में भी आंसुओं का सैलाब उमड़ आया था...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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कब तलक बैठें-------
बात विरोधाभास से ही टकराती है सांप के काटे चिन्ह पर नागफनी ऊग जाती है--- हर सुबह दीखता रहा सूरज सांझ के आसरे में कब तलक बैठें खा गये हैं गोलियां खूब उडने की रात के अंधपन में क्या देखें...
उम्मीद तो हरी है .........
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ओ तितली हो क्यूं उदास
Akanksha पर Asha Saxena
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'मजदूर' की बेटी, पर 'मजबूर' नहीं,
7 साल में हाईस्कूल, 13 साल में एमएससी
शब्द-शिखरपरAkanksha Yadav
शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंआशा
शिक्षक दिवस और हरियाणा ब्लागर्स के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि ब्लॉग लेखकों को एक मंच आपके लिए । कृपया पधारें, आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |
जवाब देंहटाएंसबको शिक्षकदिवस की शुभकामनायें, बड़े ही सुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस पर चर्चा आज लगाया है
जवाब देंहटाएंदिलबाग दिल खोल के इसे सजाया है
आभारी है उल्लूक ऊपर वाले के धंधों
पर लिखा गये कुछ को उसने
उल्लूक का धंधा जो बताया है ! :)
शिक्षकदिवस की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें ! बहुत सुंदर सूत्रों से सजी चर्चा है आज की ! मेरी रचना को इसमें स्थान देने के लिये धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय
गुरुवर करूँ प्रणाम मैं, रविकर मेरो नाम |
पाया अक्षर ज्ञान है, पाया ज्ञान तमाम |
पाया ज्ञान तमाम, निपट अज्ञानी लेकिन |
बहियाँ मेरी थाम, अनाड़ी हूँ तेरे बिन |
सतत मिले आशीष, पुन: आया हूँ दरपर |
करिए शुभ कल्याण, शिष्य सच्चा हूँ गुरुवर -
सबको शिक्षकदिवस की शुभकामनायें, बड़े ही सुन्दर सूत्र।
जवाब देंहटाएंक्या बात! वाह!
जवाब देंहटाएंआज 'शिक्षक-दिवस; पर आप सभी मित्रों को हार्दिक वधाई !
जवाब देंहटाएंबजुत सटीक चर्चा-संयोजन समयानुकूल !
आज मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंआशा
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं--
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स
बेहतरीन संयोजन
सादर
"ज्योति"
बहुत सुंदर चर्चामंच सजाया है आपने....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार..
जवाब देंहटाएं