![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgNhto0PwEZ9WXO0vqun4717UxhH0V_EBwd7YnYIMVaj4Y3rNQF_WK9pbg7mPwKgcR3ZMV6Cq_hKob_XYxdimLP885OzoFmVqmIGKKH7rNP7WGuaULA2yeC4-jZqAUZPkfgDvGQ1tWoo5E/s400/abc.jpg)
तुम रोज़ के रोज़ वही होकर के खफा करते हो
क्यों बदलते नही? वही होकर के भी क्या करते हो...
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*एक डाल के दोनों फूल , बहना तू भाई को जाना न भूल
आन है तेरी वो,शान है तेरी वो,चुन लेगा वो तेरे पथ के सारे शूल...
गीत-ग़ज़ल पर शारदा अरोरा
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhrFB61rZr9RE8hPJ6E44Ydde5TUyd-R7GVj9cKJ7X93ujzo7Fu0s4T7uB1XeGMqiGJbZrrLy5Mj3kMpxO7Vqk1xsEs6wBmBFTvJdbNVfDN3p8Hu9hcqaxFLq6_7TrAaDE_1-fJBEuXT-k/s320/dayanand-islam-scholar-research-book.jpg)
Blog News पर HAKEEM YUNUS KHAN
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi3Bypp0PCW1CObc85hfLDqQJKq3xrxZAWMNK6v_D9P5YVSSxt2gu76uvU7FFK7T8UEes4-uIqIUMyV2vMx4MRC2ooUzukFGX0JiHmIkJiDIvrNSAv_xt9nakENmk1F2MynF0ZC8YrT53FV/s400/images.jpg)
सुबह जल्दी जागती हूं इन दिनों रियाज़ के लिए चुनती हूं राग भैरवी सैर में भैरवी की तान के संग गुनती चलती हूं स्कूल जा रहे बच्चों की मुस्कुराहटें चाय के साथ बस थामे रहती हूं अखबार फिर उठाकर रख देती हूं दूर व्यवस्थित करती हूं घर ढूंढती हूं कुछ खोई हुई चीजें दवाइयां वक्त पर लेती हूं...
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नीरव शान्ति है…
ये कहाँ हैं हम. दो तारीखें अंकित है हर एक ठौर,
एक तारीख है जन्म की और दूसरी तारीख है मृत्यु की...
बीच में एक छोटा सी लाईन सी खिंची है…
हाँ! हाईफन कहते हैं न इसे.
ये दो तारीखों के बीच के अंतराल को इंगित करता है न,
दो तारीखों को जोड़ता है न शायद….
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiBb4bdOREA4xfmbdE2iZj8Jwq0qGUBF9WQDLuV8JN_ENas3PxlCdKc_I1UiE04avl9fYPGL8KUL3pwAHB3HIvzt-H8uXZ6DaPWnoSRVC44M-raIQmIP3YXVVdfh9NLCUx-4U3gOLagav6Q/s400/1236229_10200779368829599_1474837734_n.jpg)
माँ तेरे से स्पर्श का, सुखद सुखद एहसास ।
तेरी कोमल गोद माँ, कहीं स्वर्ग से खास...
अरुन शर्मा अनन्त
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अग्गी करने से बचो, अग्गी करे अनर्थ -
रहमत लाशों पर नहीं, रहम तलाशो व्यर्थ |
अग्गी करने से बचो, अग्गी करे अनर्थ |
अग्गी करे अनर्थ, अगाड़ी जलती तीली |
जीवन-गाड़ी ख़ाक, आग फिर लाखों लीली |
करता गलती एक, उठाये कुनबा जहमत |
रविकर रोटी सेंक, बोलता जिन्दा रह मत ...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
रहमत लाशों पर नहीं, रहम तलाशो व्यर्थ |
अग्गी करने से बचो, अग्गी करे अनर्थ |
अग्गी करे अनर्थ, अगाड़ी जलती तीली |
जीवन-गाड़ी ख़ाक, आग फिर लाखों लीली |
करता गलती एक, उठाये कुनबा जहमत |
रविकर रोटी सेंक, बोलता जिन्दा रह मत ...
"लिंक-लिक्खाड़" पर रविकर
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तेरा प्यार मेरी आदत
![](https://lh3.googleusercontent.com/blogger_img_proxy/AEn0k_vk5ci06WhLEO9tTKYEjPtlq-dXxCAcekfeCibjEKIM_RAb25Zw5KjvB7hXxziZoY070HBsJAQ8lS9wIm6ZE0qOoTat88CsjGelsr3AfVOBYjTuDDQsRicqK7U2_SZULZVu2Q6S3ZLEYgLIjMNM2cMLBA=s0-d)
तेरे बारे मे सोचने बैठूं तो, दिन कब शाम की आगोश मे समां जाता है
पता ही नहीं चलता , कभी मुझे लगता है तुम मुझसे कितना प्यार करते हो,
ऐसे मेरी परवाह करते हो जैसे चाँद अपनी चांदनी की...
Love पर Rewa tibrewal
--
कुण्डलिया [प्यार]
कर लो सब से दोस्ती, छोड़ो अब तकरार
जिंदगानी दो दिन की बांटो थोड़ा प्यार ....
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
--
श्रद्धा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiS1Q4UiJtEY6HT8SWEIj0L0hI1jHH3yHVUoguxr6YzXmklRJkAg1Js_O8Q4edmmN523dVXryT2owbJXRWdpQZzgDMAar3hr6oV7vqGKI7GmAOxYMdsajR45OotXGW7MtyN1EKNlikGuvw/s400/63973.jpg)
एक कथा का आनंद लीजिये...
ज़रूरत पर Ramakant Singh
--
--चटपटी खिचड़ी हिंगलिश
--
अगले सप्ताह अंक 8 में जानते हैं ओ बी ओ मुख्य प्रबंधक
श्री गणेश जी बागी का संक्षिप्त परिचय एवं उनके विचार....
--
मेरी परछाई
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh57MFlj2JP0EunJC62d_nBGOa2ZgHs_dNetprsyD8mGwF-ISfGHqGlti15tYOJlIAEluc5arBoC9a2JB_USZtLFux1AuqAhLwQV6WBlKv7cPpshJI1Eri8O2ME5GNEbjSnMOjbPlh6wzY/s400/The_shadow_of_the_desert_by_JiriStransky.jpg)
"छाया" विषय पर आधारित सेदोका हिंदी हाइकू में प्रकाशित..
हायकु गुलशन..पर sunita agarwal
--
आशावाद निराशावाद और मुन्ना भाई एम.बी. बी.एस
विपत्ति जब आती है तब पूरे तामझाम के साथ और पूरे planning के साथ आती है. आज सुबह से ही आपका दिन ठीक नहीं था. सुबह सुबह आपकी काम वाली ने आपको धमकी दी की अगर कल से आप अपने कमरे में रोज की तरह कचड़ा फैलायेंगे तो वो काम छोड़ देगी...
आपका ब्लॉग पर Brajesh Singh
--
एक भीड़ एक पोस्टर और एक देश
इधर कुछ पढ़े लिखे कुछ अनपढ़
एक दूसरे के ऊपर चढ़ते हुऐ
एक सरकारी कागज हाथ में कुछ जवान कुछ बूढ़े
किसी को कुछ पता नहीं किसी से कोई कुछ पूछ्ता नहीं
भीड़ जैसे भेड़ और बकरियों का एक रेहड़
कुछ लैप टौप तेज रोशनी फोटोग्राफी अंगुलियों और अंगूठे के निशान
सरकार बनाने वालों को मिलती एक खुद की पहचान
एक कागज का टुकड़ा "आधार" का अभियान...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
--
"अब पढ़ना मजबूरी है"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjLAUUcSZRClEe9vlGsAM0uZaMesIawTP0o6lDJunNmwRN6bdMNpvX8CxbZJnD0hw1b4Fxpgnv2OM6J0Edp7JBJZojkKAY6D4UJHg6QeKxVSrhQRYU6sFx5Nk-tSDgxPwW0s9qc6PBNK8LY/s320/22022009273.jpg)
खेल-कूद में रहे रात-दिन,
नन्हे सुमन
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मधु सिंह : न वाइज़ रहे न ज़ाहिद
![मेरा फोटो](//lh6.googleusercontent.com/-DzhFfl_0tAE/AAAAAAAAAAI/AAAAAAAAANI/bS0h2czd9JU/s512-c/photo.jpg)
न वाइज़ रहे न ज़ाहिद कितने ज़ुल्म उठाओगे
अल्लाह की दुनियाँ में तुम कैसे रश्म निभाओगे...
मधु सिंह
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हिन्दू मंदिरों की लूट ओर काँग्रेस :
पर्दाफाश किया विदेशी लेखक ने
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgliD2NueoXO4-w0nqLns45IFHzHZXl-zwNT2fZIHtHMVK5U_NpOz2kWLo80oq6TsSZuXLGcrH-65LZlu66_pvHCQ4NYrnJPPicW378y_QtGFJsFiu7x9o0C2GKuCh4-u4UbI3sUjt6nGql/s400/Crimes+Against+India+Cover.jpg)
AAWAZ पर SACCHAI
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"पर्वत की महिलाएँ"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYYNxPDxinHotbiR3jCG2O5-pHO6jvZhzMScl2mIpdRAMruNFka8WEr0v_HUzq5tog_ZK6JueTwIOLSUwc4p4Ov1vNj_3XDiMmKHJ7c7GgUH2vuadXmD0dVDjm0WR0vpQMYGBpuvbHpY1l/s400/A_hill+life.jpg)
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तुम्हें अभी लड़ना होगा लिंकिन
लिंकिन सुबुद्धि अब भी दिमाग़ में घूम रही है। उसके सिर पर गंभीर चोटें आईँ हैं। उम्मीद करती हूं कि जल्द ही वो ठीक हो जाएंगी। लिंकिन 29-30 साल की शिक्षिका हैं। उन पर जानलेवा हमला किया गया है। क्योंकि लिंकिन ने अपनी एक होनहार छात्रा के बाल विवाह का विरोध किया...
वर्षा
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पत्नी तो नहीं हैं न हम आपकी.....दिविक रमेश
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhikenrqSrHx69KlmjH0Agn1Ry3DxfcooNbG2s7mIJs0VgbPE7rEUGb84fk73kq9vEFVMtWblQFn5N0ByF6Ac_M-dUTUa4Cj4pOBzA1qO_oOV9M62Q6flb6hG2C6PdN5IWsJCiWfi_Wh0k/s320/%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95+%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%B6.JPG)
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
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बेज़ुबां हैं, उन्हें ज़ुबां दे’जा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTBIyZvWkJiZGC1b0LKEXLErkYC9w0zfdshuQ7LHFSb-AHe-ZWx-MBPlXHHRgDbRqpTL22rVdH1khW8SbQWp0Euc7-B43qVEMn9VCWwJIiCpqCrbwpnI0IcBYpxG6CWK5MyvBLfbkCTV8/s400/parindo+ko+aashiyaan.jpg)
चंद अपनी निशानियां दे जा
ये ज़मीं और आसमां दे'जा
ग़म के मारों का दिल बहल जाए
चंद किस्से-कहानियां दे'जा...
शस्वरं पर Rajendra Swarnkar
--
कार्टून :- क्यूँ सोनपरी की तबीयत नासाज़ है
तेरे बारे मे सोचने बैठूं तो, दिन कब शाम की आगोश मे समां जाता है
पता ही नहीं चलता , कभी मुझे लगता है तुम मुझसे कितना प्यार करते हो,
ऐसे मेरी परवाह करते हो जैसे चाँद अपनी चांदनी की...
Love पर Rewa tibrewal
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कुण्डलिया [प्यार]
कर लो सब से दोस्ती, छोड़ो अब तकरार
जिंदगानी दो दिन की बांटो थोड़ा प्यार ....
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया
--
श्रद्धा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiS1Q4UiJtEY6HT8SWEIj0L0hI1jHH3yHVUoguxr6YzXmklRJkAg1Js_O8Q4edmmN523dVXryT2owbJXRWdpQZzgDMAar3hr6oV7vqGKI7GmAOxYMdsajR45OotXGW7MtyN1EKNlikGuvw/s400/63973.jpg)
एक कथा का आनंद लीजिये...
ज़रूरत पर Ramakant Singh
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--चटपटी खिचड़ी हिंगलिश
ऊँची आवाज़ में टी वी चल रहा था ,”हर एक फ्रेंड जरूरी होता है ,”जिसे सुन कर मीना की एक वर्ष की नन्ही परी रोते रोते अचानक चुप हो गई ,मीना ने हैरानी से टी वी की तरफ देखा तो वहां पर विज्ञापन के लिए ब्रेक चल रहा था ,जी हाँ मीना की नन्ही परी विज्ञापनों की दुनिया में खोई हुई थी ,अपनी नन्ही सी गुडिया के साथ विज्ञापनों की इस दुनिया ने मीना का ध्यान भी अपनी ओर आकर्षित किया, हिंगलिश में बने विज्ञापनों ने हमे बहुत सी सुन्दर सदाबहार पंक्तिया दी है जैसे ”यह दिल मांगे मोर ”,...
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
![आपका ब्लॉग](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiMfp2Ox2HgYPslqkZhM7A9XQg3hs3ycwDGisYtG5MybDnkfTPL_2nFjkyIpvrtIoSCqG4tMOcecopBieOSPKgtLNI965NLVVhJAz90zzuTSqiMnat19eXXq_jPS8ZY9x3Mzv4UbYvgk28g/s400/aapka_blog.jpg)
आपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEisF8qKJvDGDQ9a421VyPKEQ0ANRiPHTAAS9nLQ8kNS9wsejXlCBrJhppeWBvpnvcS0moHELup3-3aRSjYizFeFjPRmQ3uXfW8hVp3tV8YtoPQgh0SH9DrKLnmqt4XNAesZ9Q0hgX9BBDs1/s400/lgPicture032118420071348109.jpg)
कुछ अलग सा पर गगन शर्मा
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चुहुल - ५९
गाँधी जी जब बैरिस्टर थे तो उन्होंने एक मुवक्किल की पैरवी करके मदद की थी. बाद में जब गाँधी जी स्वर्ग चले गए तो एक बार फिर वही आदमी किसी केस में फंस गया. उसने अपने सपने में गाँधी जी से मुलाक़ात की और कहा, “आप जब ज़िंदा थे तो आपने मुझे बचाया, अब मुझे कौन बचायेगा....
जाले पर (पुरुषोत्तम पाण्डेय)
--
कार्टून :-
रे पांडू, आत्मविज्ञापन ढंग से तो करना सीख ले
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVyyQukvX9DdvXI4X0Pzqc4CIaHOcB306O6cHjNToM286zPLcz2-8mKvL1gPFz6rks0ZLOgLusSJKS8PGKz_29R0pf2s8JAkfnhvnnoLqu9lCRlyvVvwIMKKVNd7Mq4Cbkx3DROzaJfj0/s400/20.9.2013.jpg)
काजल कुमार के कार्टून
--
हल्द्वानी में आयोजित ओ बी ओ ’विचार गोष्ठी’ में
प्रदत्त शीर्षक पर सदस्यों के विचार : अंक 7
![](https://lh3.googleusercontent.com/blogger_img_proxy/AEn0k_uomlQHi5l_7y_UVBtIbjQ4kF1qA3t8ujJ-mShS4Tuuukt2fhf_sKDgi_0YVWy26UklITG_72BH6qt8czZJZlf0LRdd7AFx-kldTHZUF74YmwMaqr2sx6OSQt1t7oGLFvzMjiG6Y8M8wSefDTRecuphWJinrgBhagO7unTn3xAgM57Gng9hvLsXeTqT5eF-EO_NORCjQBm5kO1CLbf-7nxWiG5qFds0BWsM=s0-d)
ओबीओ का अर्थ ही है कि जीवन एक खुली किताब है, जिसमें कोई छिपाव नहीं होना चाहिये, हर एक के सामने हमारे दिल की बात आनी चाहिये....
गाँधी जी जब बैरिस्टर थे तो उन्होंने एक मुवक्किल की पैरवी करके मदद की थी. बाद में जब गाँधी जी स्वर्ग चले गए तो एक बार फिर वही आदमी किसी केस में फंस गया. उसने अपने सपने में गाँधी जी से मुलाक़ात की और कहा, “आप जब ज़िंदा थे तो आपने मुझे बचाया, अब मुझे कौन बचायेगा....
जाले पर (पुरुषोत्तम पाण्डेय)
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कार्टून :-
रे पांडू, आत्मविज्ञापन ढंग से तो करना सीख ले
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgVyyQukvX9DdvXI4X0Pzqc4CIaHOcB306O6cHjNToM286zPLcz2-8mKvL1gPFz6rks0ZLOgLusSJKS8PGKz_29R0pf2s8JAkfnhvnnoLqu9lCRlyvVvwIMKKVNd7Mq4Cbkx3DROzaJfj0/s400/20.9.2013.jpg)
काजल कुमार के कार्टून
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हल्द्वानी में आयोजित ओ बी ओ ’विचार गोष्ठी’ में
प्रदत्त शीर्षक पर सदस्यों के विचार : अंक 7
ओबीओ का अर्थ ही है कि जीवन एक खुली किताब है, जिसमें कोई छिपाव नहीं होना चाहिये, हर एक के सामने हमारे दिल की बात आनी चाहिये....
श्री गणेश जी बागी का संक्षिप्त परिचय एवं उनके विचार....
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मेरी परछाई
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh57MFlj2JP0EunJC62d_nBGOa2ZgHs_dNetprsyD8mGwF-ISfGHqGlti15tYOJlIAEluc5arBoC9a2JB_USZtLFux1AuqAhLwQV6WBlKv7cPpshJI1Eri8O2ME5GNEbjSnMOjbPlh6wzY/s400/The_shadow_of_the_desert_by_JiriStransky.jpg)
"छाया" विषय पर आधारित सेदोका हिंदी हाइकू में प्रकाशित..
हायकु गुलशन..पर sunita agarwal
--
आशावाद निराशावाद और मुन्ना भाई एम.बी. बी.एस
विपत्ति जब आती है तब पूरे तामझाम के साथ और पूरे planning के साथ आती है. आज सुबह से ही आपका दिन ठीक नहीं था. सुबह सुबह आपकी काम वाली ने आपको धमकी दी की अगर कल से आप अपने कमरे में रोज की तरह कचड़ा फैलायेंगे तो वो काम छोड़ देगी...
आपका ब्लॉग पर Brajesh Singh
--
एक भीड़ एक पोस्टर और एक देश
इधर कुछ पढ़े लिखे कुछ अनपढ़
एक दूसरे के ऊपर चढ़ते हुऐ
एक सरकारी कागज हाथ में कुछ जवान कुछ बूढ़े
किसी को कुछ पता नहीं किसी से कोई कुछ पूछ्ता नहीं
भीड़ जैसे भेड़ और बकरियों का एक रेहड़
कुछ लैप टौप तेज रोशनी फोटोग्राफी अंगुलियों और अंगूठे के निशान
सरकार बनाने वालों को मिलती एक खुद की पहचान
एक कागज का टुकड़ा "आधार" का अभियान...
उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi
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"अब पढ़ना मजबूरी है"
बालकृति नन्हें सुमन से
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhShDh6tx4NYT3HfND4tda40fO2Lkj0HA7RLdNJk9x89nQEYwc51nk_RmbJxotD8P3JsDFCDY1aGK6vxE_ZoKwKDU3kCRw27UzD2QNK1Adx0GF-oKb96LCUhj9rFIP4ZBITWWPZv0f-GEG9/s400/rose_garden_s+copy.jpg)
एक बालकविता
"अब पढ़ना मजबूरी है"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjLAUUcSZRClEe9vlGsAM0uZaMesIawTP0o6lDJunNmwRN6bdMNpvX8CxbZJnD0hw1b4Fxpgnv2OM6J0Edp7JBJZojkKAY6D4UJHg6QeKxVSrhQRYU6sFx5Nk-tSDgxPwW0s9qc6PBNK8LY/s320/22022009273.jpg)
खेल-कूद में रहे रात-दिन,
अब पढ़ना मजबूरी है।
सुस्ती - मस्ती छोड़,
परीक्षा देना बड़ा जरूरी है।।
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मधु सिंह : न वाइज़ रहे न ज़ाहिद
![मेरा फोटो](http://lh6.googleusercontent.com/-DzhFfl_0tAE/AAAAAAAAAAI/AAAAAAAAANI/bS0h2czd9JU/s512-c/photo.jpg)
न वाइज़ रहे न ज़ाहिद कितने ज़ुल्म उठाओगे
अल्लाह की दुनियाँ में तुम कैसे रश्म निभाओगे...
मधु सिंह
--
हिन्दू मंदिरों की लूट ओर काँग्रेस :
पर्दाफाश किया विदेशी लेखक ने
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgliD2NueoXO4-w0nqLns45IFHzHZXl-zwNT2fZIHtHMVK5U_NpOz2kWLo80oq6TsSZuXLGcrH-65LZlu66_pvHCQ4NYrnJPPicW378y_QtGFJsFiu7x9o0C2GKuCh4-u4UbI3sUjt6nGql/s400/Crimes+Against+India+Cover.jpg)
AAWAZ पर SACCHAI
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"पर्वत की महिलाएँ"
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgYYNxPDxinHotbiR3jCG2O5-pHO6jvZhzMScl2mIpdRAMruNFka8WEr0v_HUzq5tog_ZK6JueTwIOLSUwc4p4Ov1vNj_3XDiMmKHJ7c7GgUH2vuadXmD0dVDjm0WR0vpQMYGBpuvbHpY1l/s400/A_hill+life.jpg)
पर्वत की महिलाएँ,
हँसिया लेकर जंगल जातीं।
पेड़ों से सूखी शाखाएँ,
काट-काटकर लातीं।।..
उच्चारण--
तुम्हें अभी लड़ना होगा लिंकिन
लिंकिन सुबुद्धि अब भी दिमाग़ में घूम रही है। उसके सिर पर गंभीर चोटें आईँ हैं। उम्मीद करती हूं कि जल्द ही वो ठीक हो जाएंगी। लिंकिन 29-30 साल की शिक्षिका हैं। उन पर जानलेवा हमला किया गया है। क्योंकि लिंकिन ने अपनी एक होनहार छात्रा के बाल विवाह का विरोध किया...
वर्षा
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पत्नी तो नहीं हैं न हम आपकी.....दिविक रमेश
मेरी धरोहर पर yashoda agrawal
--
बेज़ुबां हैं, उन्हें ज़ुबां दे’जा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTBIyZvWkJiZGC1b0LKEXLErkYC9w0zfdshuQ7LHFSb-AHe-ZWx-MBPlXHHRgDbRqpTL22rVdH1khW8SbQWp0Euc7-B43qVEMn9VCWwJIiCpqCrbwpnI0IcBYpxG6CWK5MyvBLfbkCTV8/s400/parindo+ko+aashiyaan.jpg)
चंद अपनी निशानियां दे जा
ये ज़मीं और आसमां दे'जा
ग़म के मारों का दिल बहल जाए
चंद किस्से-कहानियां दे'जा...
शस्वरं पर Rajendra Swarnkar
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कार्टून :- क्यूँ सोनपरी की तबीयत नासाज़ है
बेहद शानदार प्रसारण आदरणीया मयंक जी हार्दिक आभार आपका!
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉगर्स चौपाल की चर्चा : हम लड़की का जन्म क्यूँ नहीं चाहते ? -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल चर्चा : अंक-007
ललित वाणी पर : कविता कैसे बन जाती है
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार.....
सादर
शनिवारीय चर्चा को आज
जवाब देंहटाएंमयंक जी ने सजाया है
"उल्लूक" प्रकट करता है
दिलसे आभार उसके सूत्र
"एक भीड़ एक पोस्टर और एक देश"
को ही आज की चर्चा का
सूत्र वाक्य जो बनाया है !
धन्यवाद जी, इससे ताज़ा चर्चा और क्या होगी कि 6.24 पर काटैून प्रकाशित किया और 6.45 पर आपने सूचना दी कि चर्चा में सम्मिलित कर रहे हैं आप. विनम्र आभार.
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा रंगी ,नई से नई लिंक से
जवाब देंहटाएंपढ़ने को है खूब , समय काटने के लिए
मन उठना नहीं चाहता ,यहीं रमे रहना चाहता |
आशा
सुंदर चर्चा...
जवाब देंहटाएंउजाले उनकी यादों के पर आना... इस ब्लौग पर आप हर रोज 2 रचनाएं पढेंगे... आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।
आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
इस के लिये आप को मात्रkuldeepsingpinku@gmail.com पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।
मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]
सुन्दर चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय-
बेहद शानदारचर्चा...
जवाब देंहटाएंआभार!
जवाब देंहटाएंआभार!
जवाब देंहटाएंदिविक रमेश
बहुत अच्छे अच्छे लिंक्स की जानकारी दी हैं. धन्यवाद सर जी
जवाब देंहटाएंआंधी
शानदार संकलन सुंदर लिंक, आभार
जवाब देंहटाएंजबर्दस्त चर्चा मयंक जी ...मजा आया
जवाब देंहटाएंमेरी लिंक को भी शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया
मोहतरम बुज़ुर्गवार ! मेरी लिंक को भी शामिल करने के लिए आपका शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंsundar charcha.....mujhe ismay sthan dene kay liye shukriya
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्र
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे अच्छे लिंक्स की जानकारी दी हैं,मेरी लिंक को भी शामिल करने के लिए आपका शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब,सुंदर सूत्र संकलन !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : हल निकलेगा
pyare links.. sundar
जवाब देंहटाएंसुन्दर संयोजन
जवाब देंहटाएंsundar links...
जवाब देंहटाएं“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”
wahh .. bahut hi sundar sanyojan .. inke madhya meri rachna ko sthan dene ke liye aapki haardik aabhari hu .. apna sneh or ashirwaad banaye rakhe .. sadar naman :)
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा जमी, मेरे लिंक के लिए शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार सूत्रों से सुसज्जित चर्चामच आपको हार्दिक बधाई आदरणीय शास्त्री जी
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