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रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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"अपना हिन्दुस्तान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जब होगा अपने भारत में, उन्नत-सबल किसान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।।
भ्रष्टाचारी जब खेतों में, कंकरीट नहीं बोयेंगे,
गट्ठर बाँध अन्न की जब सब, अपने सिर पर ढोयेंगे,
कहलायेगा तब ही अपना भारत देश महान।
तब जग का शिरमौर बनेगा, अपना हिन्दुस्तान।।
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रविकर देखे दृश्य, डोर जीवन की ढीली-
रविकर
दो बित्ते दो सेर की, देह सींच दे वक्त ।
चार हाथ दो मन मगर , रविकर हुआ अशक्त ॥
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जीवन की मौलिकता .....!!
Anupama Tripathi
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श्रीमदभगवद गीता अध्याय चार :ज्ञानकर्मसंन्यास योग ;श्लोक (१ - ५ )
Virendra Kumar Sharma
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fact 'n' fiction : राहुल गांधी को लेने आये यमदूत
Kulwant Happy
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दिन में होतीं रात आजकल
श्यामल सुमन
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वर्धा ब्लॉग सेमिनार 2013 : फ़ेसबुक, ट्विटर और ब्लॉग की जंग में जीत किसकी?
Ravishankar Shrivastava
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कार्टून:- सोशल मीडिया के सींग डराने लगे हैंnoreply@blogger.com (काजल कुमार Kajal Kumar)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून |
जिसको अपना कहा -
udaya veer singh
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सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
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सुप्रिम कोर्ट की फिर फटकार, निर्लज्ज हो गयी है भ्रष्ट सरकार
S.K. Jha
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पितरों को अर्पित...
ममता त्रिपाठी
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"मयंक का कोना"
-- तुम मैंने तुम्हारे पसन्द की चूल्हे की रोटी बनायी है वही फूली हुयी करारी सी जिसे तुम चाव से खाते हो और ये लो हरी हरी खटाई वाली चटनी ये तुम्हें बहुत पसन्द हैं ना... स्पर्श पर Deepti Sharma -- चेहरा खामोशियाँ...!!! पर rahul misra - -- सुनो !अच्छा छोड़ो तुम नहीं समझोगे सुनो एक बात कहूँ पता है तुम्हे अक्सर मै काफ़ी शाप की कार्नर वाली टेबल पर जाकर क्यूँ बैठती हूँ वहाँ तुम होते हो न--जानती हूँ तुम नहीं हो यहाँ कहीं पर है तो सिर्फ एक अहसास तुम्हारे होने का ... ये पन्ने ........सारे मेरे अपने - पर Divya Shukla -- जिसको अपना कहा - जीवन को किसी ने मधुर किसी ने निष्ठुर कहा सलिल किसी ने ज्वाल फूल किसी ने पत्थर कहा... उन्नयन (UNNAYANA) -- फिर हंसता है चेहरा तो क्यों यह मन रोता है? चेहरे की मुस्कुराहट पर ना जाओ जनाब यह तो है रोते हुए दिल का नक़ाब... गुज़ारिश पर सरिता भाटिया -- शव पुष्प - इस्पात नगरी से [65] क्या आप बता सकते हैं कि भारत का सबसे बड़ा पुष्प कौन सा होता है और कहाँ पाया जाता है? जब तक आप उत्तर ढूंढें, संसार के सबसे बड़े पुष्प से मेरी संक्षिप्त मुलाक़ात से प्राप्त जानकारी यहाँ देख और पढ़ सकते हैं. ... पिट्सबर्ग में एक भारतीय पर Anurag Sharma -- मर गयी बीमार नहीं थी बहुत खुश हो गयी थी एक लड़की हमेशा बहुत खुश दिखती थी शादी के सोलह साल बाद उम्मीद होने से उसकी खुशी दुगुनी हो गयी थी इंतजार की घड़ियां कुछ लम्बी जरूर हो गयी थी मगर होते होते बहुत छोटी हो गयी थी ... उल्लूक टाईम्स पर Sushil Kumar Joshi -- आडंबरों का प्रभामंडल यदि आप किसी को किसी के लिए बिछते देखें, कदम बोसी करते देखें, अकारण किसी का स्तुति गान करते पाएं तो उस महानुभाव को हिकारत की दृष्टि से ना देखें हो सकता है कल आपको ही उसे सम्मान देना पड जाए... कुछ अलग सा पर गगन शर्मा -- "सिखलाती गुणकारी बातें"
बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
बालगीत
"सिखलाती गुणकारी बातें"
चाट-चाट कर सहलाती है।
करती जाती प्यारी बातें।
खुश होकर करती है अम्मा,
मुझसे कितनी सारी बातें।।
बहुत चाव से दूध पिलाती,
बिन मेरे वो रह नहीं पाती,
सीधी सच्ची मेरी माता,
सबसे अच्छी मेरी माता,
ममता से वो मुझे बुलाती,
करती सबसे न्यारी बातें।
हँसता गाता बचपन |
मनभावन अन्दाज में प्रस्तुत की गयी सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार रविकर जी।
इतनी सुंदर लिंक्स के साथ मेरे संस्मरण को स्थान दिया .....आभार रविकर जी ...!!बहुत अच्छी चर्चा है ...!!
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र संकलन से सजे चर्चामंच में स्थान देने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर सार्थक प्रयास महत्वपूर्ण चिट्ठों को एक साथ संकलित कर मुझ जैसे पाठकों हेतु सुलभ बनाया आपने - शुभमस्तु
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत ही स्तरीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंnice links.
जवाब देंहटाएंमनमानी लोगों को भाति है लेकिन उसके अंजाम कई बार भयानक भी होते हैं. पुलिस अंजाम भुगतने के बाद आती है. कोर्ट उसे और ज्यादा भुगतवाता है.
बलात्कारी पुलिस और अदालत किसी की नहीं सुनते. अपनी जान की हिफाज़त खुद कर सको तो कर लो.
महिलाओं को आजादी के नाम पे गुमराह कर के उनका शोषण करने का ही एक तरीका है |यदि यह माहिलाओं द्वारा मांगी आजादी होती तो वोह दहेज़ से छुटकारा मांगती, पिता की जायदाद में से उतना हक मांगती जितना भाई को मिलता है | शादी के बाद पिता का घर ना छोड़ने की शर्त रखती इत्यादि |
सुन्दर प्रस्तुति- आभार
जवाब देंहटाएंअमर शहीद वीरांगना प्रीतिलता वादेदार की ८१ वीं पुण्यतिथि - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः23
सुन्दर और पठनीय सूत्रों से सजी सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चामंच सजाया है आपने...मेरी क्षणिकाओं के लिए आभार....
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