शुभम दोस्तों
मैं
सरिता भाटिया
लाई हूँ
चर्चामंच 1370
पर
मैं आकाश देखता हूँ

जंगल की डेमोक्रेसी

सटीक निर्णय
मोहब्बत को इनस्टॉल कर
आदमी
सस्ता इक इन्सान
कानून और दंड
वली शीरी जबानी की नहीं है

एक सुखद आश्चर्य


शिव ही सुन्दर
मनु

आइबॉल मैसेंजर
मैं से भरा उससे खाली
चाइनीज पेंटिंग

क्या रिश्ता है तेरा मेरा
महेश चन्द्र पुनेठा
नाता तेरा मेरा

अभिशाप
तुम्हें याद है वोह लम्हा
हरा घंटाघर
हबीब के लक्ष्मी गणेश
सैनिकों का अपमान ना करे

एक बहुत पुराना गीत
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
शुभविदा
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"मयंक का कोना"
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घर से चिट्ठियाँ नहीं आतीं

शब्द सक्रिय हैं
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कच्ची मिट्टी...

स्पंदन SPANDAN पर shikha varshney
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"हिन्दीदिवस पर एक गीत और एक कविता"
उच्चारण
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मधु सिंह : दिल उगाना चाहता है

वो मुझको अपना बनाना चाहता है
मेरे दिल पर अपना दिल उगाना चाहता है
इक हादसे में कट गये दोनों हाथ मेरे वो अब मुझको अपना हाथ देना चाहता है...
--
देखा एक ख्वाब...

हृदयगाथा : मन की बातें ...
--
"अरमानों की डोली"
"धरा के रंग"
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मुझे मालूम है तुम वहां नहीं हो

नयी उड़ान + पर उपासना सियाग
--
न बह जाएँ ये आँसू…

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव
--
अब कौन लिखेगा वक़्त के होंठो पर प्रेम गीत

Rhythm पर नीलिमा शर्मा
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प्रथम पुरूष को श्रद्धांजलि
कल एक अजीब वाकया हुआ ,मुझे अपनी फेसबुक मित्र पूनम माटिया जी का फ़ोन आया मेरा हाल चाल पूछने के बाद उन्होंने पूछा पूनम :आपकी दीपक अरोड़ा जी से कब बात हुई मैं : यही कोई 29 अगस्त को वोह भी केवल whatsapp पर msg के द्वारा क्योंकि मैंने अपनी एक कविता उनको पोस्ट की क्यों ? क्या हुआ ? पूनम:मुझे किसी का msg आया दीपक अरोड़ा is no more. मैं: आपने कन्फर्म किया वोह anjum वाले ही हैं या कोई और ना हो पूनम:जी उसने कहा गंगानगर वाले ,आपके पास उनका नंबर होगा आप उनको कॉल करके देखो और मुझे बताओ क्योंकि मेरे पास उनका नंबर डिलीट हो गया...
मेरी सच्ची बात
"मयंक का कोना"
--
घर से चिट्ठियाँ नहीं आतीं

शब्द सक्रिय हैं
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कच्ची मिट्टी...

स्पंदन SPANDAN पर shikha varshney
--
"हिन्दीदिवस पर एक गीत और एक कविता"
हिन्दीदिवस पर सभी देशवासियों को
हार्दिक शुभकामनाएँ!
इस अवसर पर प्रस्तुत हैं
एक गीत और एक कविता !


हिन्दीभाषा को अपनायें।
आओ हिन्दीदिवस मनायें।।
हिन्दीवालों की हिन्दी ही-
क्यों इतनी कमजोर हो गयी?
भाषा डूबी अंधियारे में,
अंग्रेजी की भोर हो गई।
एक वर्ष में पन्द्रह दिन ही-
हिन्दी की गाथा को गायें।
आओ हिन्दीदिवस मनायें।१।
--
मधु सिंह : दिल उगाना चाहता है

वो मुझको अपना बनाना चाहता है
मेरे दिल पर अपना दिल उगाना चाहता है
इक हादसे में कट गये दोनों हाथ मेरे वो अब मुझको अपना हाथ देना चाहता है...
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देखा एक ख्वाब...

हृदयगाथा : मन की बातें ...
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"अरमानों की डोली"
![]()
पवनबसन्ती चलकर आई, गाँव-गली हर ठाँव में।।
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मुझे मालूम है तुम वहां नहीं हो

नयी उड़ान + पर उपासना सियाग
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न बह जाएँ ये आँसू…

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव
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अब कौन लिखेगा वक़्त के होंठो पर प्रेम गीत

Rhythm पर नीलिमा शर्मा
--
प्रथम पुरूष को श्रद्धांजलि
कल एक अजीब वाकया हुआ ,मुझे अपनी फेसबुक मित्र पूनम माटिया जी का फ़ोन आया मेरा हाल चाल पूछने के बाद उन्होंने पूछा पूनम :आपकी दीपक अरोड़ा जी से कब बात हुई मैं : यही कोई 29 अगस्त को वोह भी केवल whatsapp पर msg के द्वारा क्योंकि मैंने अपनी एक कविता उनको पोस्ट की क्यों ? क्या हुआ ? पूनम:मुझे किसी का msg आया दीपक अरोड़ा is no more. मैं: आपने कन्फर्म किया वोह anjum वाले ही हैं या कोई और ना हो पूनम:जी उसने कहा गंगानगर वाले ,आपके पास उनका नंबर होगा आप उनको कॉल करके देखो और मुझे बताओ क्योंकि मेरे पास उनका नंबर डिलीट हो गया...
मेरी सच्ची बात
सुन्दर व पठनीय सूत्र संकलन
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ReplyDeleteसौमवार की पहली चर्चा के साथ मन प्रसन्न हुआ।
उजाले उनकी यादों के पर आना... इस ब्लौग पर आप हर रोज 2 रचनाएं पढेंगे... आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।
आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
इस के लिये आप को मात्रkuldeepsingpinku@gmail.com पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।
मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]
सरिता जी शुभ प्रभात |चर्चा मंच पर उम्दा लिंक्स और समाचार |
ReplyDeleteमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
नमस्कार आशा दीदी ,आप कृपया सरिता ही कहें ,सरिता जी नहीं
Deleteसुंदर संकलन भाटिया जी । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार
ReplyDeleteअच्छे लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteआभार सरिता जी...आपका।
सुन्दर-सहज-प्रीतिकर चिट्ठों का संकलन सरिता जी - बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत परिश्रम से सहेजे हुए लिंक्स.. सुन्दर और पठनीय .. मुझे स्थान देने का शुक्रिया ..
ReplyDeleteatisundar ...
ReplyDelete
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनायों का संकलन !
मेरी पोस्ट को चर्चामंच में स्थान देने के लिए सरिता जी आप को बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत लिंक्स !
ReplyDeleteआभार !
सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteआभार
नए सूत्र ... सुन्दर चर्चा ...
ReplyDeleteखूबसूरत लिंक्स ...................
ReplyDeleteआपकी मेहरबानी मुझ पर खास रही ,एक साथ 2 पोस्ट्स को शामिल करने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteप्रिय सरिता जी बहुत अच्छी चर्चा लगाई है सभी सूत्र पठनीय हैं हार्दिक बधाई आपको
ReplyDeleteआज मैं आपको शुक्रिया भी नही कहूँगी शास्त्री जी मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिय क्योकि मैं नही चाहती कि मेरी जिन्दगी में कभी कोई ऐसा दिन आये और मुझे किसी मित्र के लिय श्रधांजलि लिखनी पड़े ....... हर दिल आज रो रहा हैं .उनकी फेस बुक वाल पर सन्देश बता रहे हैं उनके हृदय की मिठास को जिन्होंने इतनी मिठास बांटी वोह लो सुगर की वज़ह से नीम बेहोशी में चल बसा .......बहुत दुखद घटना .......
ReplyDeleteदीपक अरोरा जी ................................
और आपने अपनी जिन्दगी के दिन गिने ही क्यों। ……
हमेशा याद रहेंगे आप अपनी कविताओ के लिय
अपनी दोस्ती के लिय
भावभीनी श्रद्धाँजलि..ईश्वर आपकी आत्मा को शान्ति दे और परिवार को इस दुःख से उबरने की सामर्थ्य दें !!! —
सबसे दूर चला गया पंछी, छूट गए लोगों को रोता छोड़!
ReplyDeleteदीपक जी रोशन रहेंगे सदा हमारी यादों में!
सुन्दर लिनक्स का संयोजन सरिता जी
ReplyDeleteसुन्दर लिनक्स का संयोजन सरिता जी
ReplyDeleteबढ़िया लिंक्स-सह चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
ReplyDeleteसुन्दर लिंक संयोजन. आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर संयोजन, चर्चामंच में शामिल करने हेतु असंख्य धन्यवाद - - नमन सह.
ReplyDeletethanks Sarita ji
ReplyDeleteबहुत सुंदर चर्चा सरिता जी, आभार इसमें नुझे शामिल करने के लिए.
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