"जय माता दी" अरुन
की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे
लिंक्स पर.
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प्रस्तुतकर्ता : Anupama Tripathi
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प्रस्तुतकर्ता : (डॉ.रूपचन्द्र
शास्त्री 'मयंक')
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प्रस्तुतकर्ता : सरिता भाटिया
प्रस्तुतकर्ता : Sunita Agarwal
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प्रस्तुतकर्ता : पूरण खण्डेलवाल
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प्रस्तुतकर्ता : रश्मि शर्मा
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प्रस्तुतकर्ता : अरुणा
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प्रस्तुतकर्ता : Alpana Verma
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प्रस्तुतकर्ता : HARSHVARDHAN
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प्रस्तुतकर्ता : नीलिमा शर्मा
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प्रस्तुतकर्ता : Dr. Sandhya Tiwari
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प्रस्तुतकर्ता : Anu
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इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||||
जारी है 'मयंक का कोना' -- जानिए वकील का अपराध -दामिनी गैंगरेप केसकानूनी ज्ञान -- मायने कभी मै गम पीता हु कभी गम मुझे पीता है मरते है सब यहाँ , पर सभी क्या जीता है ? जीने के सबने मायने बनाये है उनके लिए क्या जो कफ़न से तन को ढकता है ?... अंतर्नाद की थाप -- मातृ भाषा प्रति सौतेला व्यवहार विरिष्ठ लेखक सरदार खुशवंत सिंह के अनुसार ''हिन्दी एक गरीब भाषा है ''| सही ही तो कहा है उन्होंने,हिंदी सचमुच गरीबों की ही भाषा है,यह सोच कर सुधीर बहुत दुखी था ,सरकारी स्कूल और सरकारी कालेज से शिक्षा प्राप्त करने के बाद सुधीर ने कई कम्पनियों में इंटरव्यू दिए पर असफलता ही हाथ लगी ,ऐसा नही था की वह बुद्धिमान नही था ,याँ वह वह होनहार नही था ,वह बहुत प्रतिभाशाली था लेकिन अंग्रेज़ी भाषा को ले कर उसका आत्मविश्वास बुरी तरह से आहत हो चुका था ... Ocean of Bliss पर Rekha Joshi -- "जेन स्टिलो का तीसरा जन्मदिन" ब्लॉगमंच -- अति सूधो स्नेह को मार्ग है हिंदी - हिंदी प्रेम दिवस के उपलक्ष में घनानन्द पदावली का एक अंश सव्याख्या पढ़िएआपका ब्लॉग पर Virendra Kumar Sharma -- मुझे प्यार है तुमसे न मौत की ख़बर देते हैं न ज़िन्दगी की फिर कहते हैं मुझे प्यार है तुमसे , अस्तित्वहीन कर चले जाते हैं ज़िन्दगी से एक दिन, सालों की दुरी के बाद नींद से जागते हैं और फिर कहते हैं मुझे प्यार है तुमसे... Love पर Rewa tibrewal -- "साहित्य शारदा मंच खटीमा द्वारा हिन्दी दिवस पर कविगोष्ठी" उच्चारण |
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रविवार, सितंबर 15, 2013
मातृभाषा का करें सम्मान : चर्चामंच 1369
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सभी पाठको को हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं--
अरुण शर्मा अनन्त जी।
आपने आज की चर्चा में अच्छे लिंकों का समावेश किया है।
आभार।
जवाब देंहटाएंआद्रणीय अरुण शर्मा अनन्त जी। आप की चर्चा पढ़कर मन आनंदित हुआ...
सादर।
उजाले उनकी यादों के पर आना... इस ब्लौग पर आप हर रोज 2 रचनाएं पढेंगे... आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।
आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
इस के लिये आप को मात्रkuldeepsingpinku@gmail.com पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।
मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी एक संघर्ष ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः005
बहुत ही सुन्दर सूत्र..
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस के शुभ मौके पर हिंदी को एक ओर उपहार ---हिंदी तकनीकी दुनिया का शुभारंभ... कृपया आप भी पधारें, आपके विचारों का स्वागत किया जायेगा |
जवाब देंहटाएंहिंदी दिवस के शुभ मौके पर.....सुन्दर सूत्र.....
जवाब देंहटाएंभावों का सार लिए ,अर्थ का संसार लिए-
जवाब देंहटाएंलो फिर आया हिंदी प्रेम दिवस ,
कर लो हिंदी से प्यार।
मत बनो मनुज लाचार।
बहुत सुन्दर रचना है आपकी रचना का भाव संसार भी प्रेम संसिक्त है।
मातृभाषा का करें सम्मान
प्रस्तुतकर्ता : Anupama Tripathi
prashansa evam protsahan ke liye hriday se abhar .
हटाएंहिंदी प्रेम दिवस कहो इसे -
जवाब देंहटाएंदेखो विडंबना देखो गौर से भाई -
पड़े मनाना दिवस भी हिंदी -
चलो आज कुल्ला दिवस भी मनाएं ,
आज सभी भारत भारती कुल्ला करें ,
हाथ धोएं ,स्नान करें ,
खाना खाएं ,
मौज मनाएं
करें प्यार अंग्रेजी को पर दिल से
हिंदी भी अपनाएँ ,
बाल गोपालन को सिखलाएँ ,
चलो हिंदी प्रेम दिवस मनाएं
गुरु जी प्रणाम
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अरुण खुबसूरत चर्चा मंच पर मुझे स्थान देने के लिए
सूरज जब खाने लगे, खुद ही अपनी धूप।
जवाब देंहटाएंअँधियारे को चीर कर, कैसे निखरे रूप।४।
स्वर-व्यंजन में रमा है, रूप और विज्ञान।
अपनी भाषा का करें, आओ हम गुणगान।५।
अपने प्यारे देश में, समझो तभी सुराज।
अपनी भाषा में करे, जब हम अपने काज।१४।
शाष्त्री जी के दोहे हैं ,
मन को खूब भिगोये हैं।
इसीलिए भारतेंदु हरिश्चन्द्र ने कहा -
निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल ,
बिन निज भाषा ज्ञान के मिटे न हिय को शूल।
ॐ शान्ति
इतने शहरी हो गए लोगों के ज़ज्बात ,
हिंदी भी करने लगी अंग्रेजी में बात।
एक गजल कुछ ऐसी हो बिलकुल तेरे (हिंदी )जैसी हो ,
मेरा चाहे कुछ भी हो तेरी कभी न हेटी हो।
हिंदी की न हेटी हो।
तेरी ,मेरी कभी न हो हिंदी तेरिमेरी हो।
पहर वसन अंगरेजिया ,हिंदी करे विलाप ,
जवाब देंहटाएंअब अंग्रेजी सिमरनी जपिए प्रभुजी आप।
पहर वसन अंगरेजिया उछले हिंदी गात ,
नांच बलिए नांच ,देदे सबकू मात।
अब अंग्रेजी हो गया हिंदी का सब गात ,
अपनी हद कू भूलता देखो मानुस जात।
बढ़िया दोहावली हिंदी के प्रति पूर्ण समर्पण अर्पण लिए।
हिंदी दिवस [दोहावली]
प्रस्तुतकर्ता : सरिता भाटिया
महानगर ने फैंक दी मौसम की संदूक ,
जवाब देंहटाएंपेड़ परिंदों से हुआ कितना बुरा सुलूक।
बहुत सुन्दर दोहावली पढवाई आपने सार्थक हमारे वक्त से संवाद करती पर्यावरण के प्रति खबरदार करती।
दोहे
प्रस्तुतकर्ता : Vandana
भारत की पहचान है हिंदी
जवाब देंहटाएंभारत की पहचान है हिंदी
हर दिल का सम्मान है हिंदी
जन जन की है मोहिनी भाषा
समरसता की खान है हिंदी
छन्दों के रस में भीगी ,ये
गीत गजल की शान है हिंदी
ढल जाती भावो में ऐसे
कविता का सोपान है हिंदी
शब्दों का अनमोल है सागर
सब कवियों की जान है हिंदी
सात सुरों का है ये संगम
मीठा सा मधुपान है हिंदी
क्षुधा ह्रदय की मिट जाती है
देवों का वरदान है हिंदी
वेदों की गाथा है समाहित
संस्कृति की धनवान है हिंदी
गौरवशाली भाषा है यह
भाषाओं का ज्ञान है हिंदी
भारत के जो रहने वाले
उन सबका अभिमान है हिंदी।
--- शशि पुरवार
सूर और तुलसी का मानस '
मीरा की खड़ - ताल है हिंदी ,
बेहतरीन दोहे हिंदी प्रेम दिवस पर।
sunder sarhak links .....meri rachna ko sthan mila ,abhar Arun .
जवाब देंहटाएंहिंदी पखवाड़े को प्रदर्शित करती सुन्दर चर्चा !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
हिन्दी-दिवस विशेषांक के लिये बधाइयाँ..........
जवाब देंहटाएंहै जिसने हमको जन्म दिया,हम आज उसे क्या कहते है ,
जवाब देंहटाएंक्या यही हमारा राष्र्ट वाद ,जिसका पथ दर्शन करते है
हे राष्ट्र स्वामिनी निराश्रिता,परिभाषा इसकी मत बदलो
हिन्दी है भारत माँ की भाषा ,हिंदी को हिंदी रहने दो .....
हिंदी दिवस पर सुंदर सूत्रों का संकलन !!
RECENT POST : बिखरे स्वर.
सुन्दर चर्चा बढ़िया लिंक्स मुझे स्थान देने के लिए
जवाब देंहटाएंआभार अरुन जी,
sunder sarhak links .....meri rachna ko sthan mila ,abhar
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक .. मस्त चर्चा ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा ,बढ़िया लिंक्स,मेरी रचना को शामिल करने पर आपका हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिनक्स का संयोजन .मेरी रचना को स्थान देने के लिय आपका हार्दिक आभार @ अरुण जी
जवाब देंहटाएंलघुत्तम बहर सुन्दर भाव और अर्थ।
जवाब देंहटाएंअपनी भाषा ही अपना गौराव गान ,संस्कृति और इतिहास संजोये रहती है। अपना एक मुहावरा एक उपालम्भ लिए रहती है। जो बात तुझमे माँ सरस्वती निज भाषा में वह किसी और में नहीं भले सीखो मनोयोग से अंग्रेजी भी पर सर्च इंजिन अपनी भाषा हो। बहुत सही लेख।
बिंदी तू तो मेरे भाल की ,
घनानंद की हुई सुजान।
बेहतरीन हिंदी स्तुति
हिंदी दिवस पर विशेष
प्रस्तुतकर्ता : अरुणा
लघुत्तम बहर सुन्दर भाव और अर्थ।
जवाब देंहटाएंअपनी भाषा ही अपना गौराव गान ,संस्कृति और इतिहास संजोये रहती है। अपना एक मुहावरा एक उपालम्भ लिए रहती है। जो बात तुझमे माँ सरस्वती निज भाषा में वह किसी और में नहीं भले सीखो मनोयोग से अंग्रेजी भी पर सर्च इंजिन अपनी भाषा हो। बहुत सही लेख।
बिंदी तू तो मेरे भाल की ,
घनानंद की हुई सुजान।
बेहतरीन हिंदी स्तुति
हिंदी दिवस पर विशेष
प्रस्तुतकर्ता : अरुणा
सुन्दर लिंक
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक ...............मेरी रचना को स्थान देने के लिए........... हार्दिक आभार ...........
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंArun ji sarvpratham to der se hajiri lagane ki maafi chahungi kuchh kaam me uljhi thi to mene apka sandesh aj dekha or aa gayi hajiri lagane .. bahut badhiya links lagaya apne ek se badh kar ek rachna or vicharo se awgat karaya .. in sabke bich meri rachna ko bhi sathan dene ke liye tahedil se aabhari hu apki sabhi rachnakaro ko haardik badhayi evem shubhkamnaye :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा !
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार!