"जय माता दी" अरुन
की ओर से आप सबको सादर प्रणाम. चलते हैं आप सभी के चुने हुए प्यारे
लिंक्स पर.
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प्रस्तुतकर्ता : Manjusha Pandey
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प्रस्तुतकर्ता : विजयलक्ष्मी
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प्रस्तुतकर्ता : रूपचन्द्र शास्त्री
मयंक
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प्रस्तुतकर्ता : Rajendra Sharma
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प्रस्तुतकर्ता : सदा
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प्रस्तुतकर्ता : शकुन्तला शर्मा
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प्रस्तुतकर्ता : कुमार गौरव अजीतेन्दु
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प्रस्तुतकर्ता : Ranjana Bhatia
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प्रस्तुतकर्ता : Pratibha Katiyar
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प्रस्तुतकर्ता : Omprakash Pandey 'Naman'
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इसी के साथ आप सबको शुभविदा मिलते हैं रविवार को. आप सब चर्चामंच पर गुरुजनों एवं मित्रों के साथ बने रहें. आपका दिन मंगलमय हो | ||||||
जारी है 'मयंक का कोना'
यारी में ज़रा संभलना ![]() तमाशा-ए-जिंदगी पर तुषार राज रस्तोगी -- भारत माँ की पीड़ा,,,,,, फूलॊं कॆ गुल-दस्तॊं मॆं जब,अंगारॆ जय बॊल रहॆ हॊं ॥ मानवता कॆ हत्यारॆ जब, गरल द्वॆष का घॊल रहॆ हॊं ॥ सत्ता कॆ आसन पर बैठॆ, कालॆ बिषधर डॊल रहॆ हॊं ॥ जनता की आहॊं कॊ कॆवल,कुर्सी सॆ ही तॊल रहॆ हॊं ॥ तब आज़ादी की परिभाषा, भी लगती यहाँ अधूरी है ॥ भारत मॆं फिर सॆ भगतसिंह,का आना बहुत जरूरी है... मैं अंगार लिखूँगा,,,, -- वर्धा परिसर में अद्भुत बदलाव… ![]() सत्यार्थमित्र पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी -- बैठे ठाले... भला बताइये शून्य क्या है** ?*आप छूटते ही कहेंगे कि, अजी ये क्या बात हुई !.... शून्य एक अंक है जो '०' से प्रकट किया जाता है.... जिसका अर्थ है - कुछ नहीं, कोई नहीं, रिक्त स्थान आदि | पर हुज़ूर ! आप यह न समझें कि शून्य एक निरर्थक राशि है या कोई राशि ही नहीं है | साहिबान! यह अंक, शब्द या जो भी है,... है अत्यंत महत्वपूर्ण व महान... आलेख...डा श्याम गुप्त....सृजन मंच ऑनलाइन -- मन बैचैन अब तुम बड़े हो चुके हो। तुम जैसे हो, तुम्हारा स्वभाव जैसा है, जैसे संस्कार, जैसी संगति तुमने पाई है तुम्हारा मन भी वैसे ही ढल चुका है। मन को पुस्तक पढ़कर नियंत्रित करने के चक्कर में मत पड़ो। नहीं होगा तुमसे अब यह नियंत्रित। एक काम कर सकते हो मन को कभी अकेला मत छोड़ो। किसी कार्य पर लगा दो... बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय -- हमारी हिन्दी करें हम मान अब इतना सजा लें माथ पर बिन्दी। बहे फिर लहर कुछ ऐसी बढ़े इस विश्व में हिन्दी।। गंग सी पुण्य यह धारा यमुन सा रंग हर गहरा सुबह की सुखद बेला सी धरे है रूप ये हिन्दी... Voice of Silent Majority पर Brijesh Neeraj -- हल निकलेगा ![]() हल निकलेगा आज नही तो कल निकलेगा बातों का कुछ हल निकलेगा, बेईमानी की हाट - बजारों में खोटा सिक्का चल निकलेगा... काव्यान्जलि पर धीरेन्द्र सिंह भदौरिया -- तुच्छ राजनितिक स्वार्थों के लिए संप्रदायों के दिलों में जहर तो मत घोलो !! ![]() शंखनादपरपूरण खण्डेलवाल -- "सपनों में घिर आते हैं" ![]()
-- वहीं चंद मोती भी बिखरे मिलेंगे.. ..अस्तित्व "अंकुर" ![]() जहां भी तुम्हें दिल के टुकड़े मिलेंगे, वहीं चंद मोती भी बिखरे मिलेंगे, मैं बैठा बुलंदी पे यूं ही नहीं हूँ, हरे हों न हों जख्म गहरे मिलेंगे... मेरी धरोहर पर yashoda agrawal |
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शुक्रवार, सितंबर 20, 2013
"हिन्दी पखवाड़ा" : चर्चा - 1374
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इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेहद शानदार प्रसारण आदरणीया अरुन जी हार्दिक आभार आपका!
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लॉगर्स चौपाल की चर्चा : दिशाओं की खिड़की खुली -- हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : चर्चा अंक :006
ललित वाणी पर : कविता कैसे बन जाती है
शानदार चर्चा बेहतरीन लिनक्स ...अरुण भाई
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात
जवाब देंहटाएंखूबसूरत पोस्ट
एक से बढ़ कर एक लिंक्स से सजा हुआ
शुक्रिया और आभार
हार्दिक शुभकामनायें
अब तो चिन्ता होने लगी है कि बहन यशोदा दिग्विजय अग्रवाल जी कब नियमित होगी।
जवाब देंहटाएं--
भाई अरुण शर्मा अनन्त जी का हार्दिक आभार।
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वन्दना गुप्ता जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ।
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिनक्स , आभार
जवाब देंहटाएंअमर शहीद मदनलाल ढींगरा जी की १३० वीं जयंती - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः20
अमर शहीद मदनलाल ढींगरा जी की १३० वीं जयंती - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः20
बढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंआभार भाई जी -
सुंदर लिंक्स चयनित किए हैं मित्र अरुन शर्मा जी आपने। मेरी रचना को शामिल करने हेतु आपका हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा सूत्र !!
जवाब देंहटाएंसादर आभार !!
बहुत खूब,सुंदर सूत्र चर्चा ! मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार !
जवाब देंहटाएंRECENT POST : हल निकलेगा
शानदार --
जवाब देंहटाएंचर्चाएँ किस्म किस्म की
मानव-मन, तिलिस्म की |
अरुन जी, बहुत सुंदर जीवन से जुड़े सूत्र...बधाई व आभार !
जवाब देंहटाएंसुंदर सभी अभिव्यक्ति सुंदर ,,बधाई एवं आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्रों से सजा संकलन।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सूत्रों से सजा है ये संकलन!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार!