शुभम दोस्तो......
एवं
गणेश चतुर्थी
की
सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ !
चर्चामंच-1363
पर
मैं लाई हूँ
गणेश वंदना
रेखा जोशी
नचारी जय गणेश
दिल मेरा तुझ पर मरता है
मेरा तेरा बचपन
अपना अंगना
झाग के बुलबुले
इन्सान के जीवन
प्याज देवता
रुख बदल ही गया
पौन्ड्रक ,धर्म जंजाल
कबाड़ीवाला
आसानी से ट्रांसफर करें
समंदर
कभी सोचता हूँ
पूनम शुक्ला की कवितायेँ
बहुत दिया देने वाले ने
दीजिए इज़ाज़त
सुनिए एक मधुर गीत
बड़ों को प्रणाम
छोटो को प्यार
शुभविदा........
"मयंक का कोना"
प्रेम बुद्धि बल पाय, मूर्ख रविकर क्यूँ माता -
प्रेम बुद्धि बल पाय, मूर्ख रविकर क्यूँ माता -
पर मेरी प्रस्तुति
माता निर्माता निपुण, गुणवंती निष्काम ।
सृजन-कार्य कर्तव्य सम, सदा काम से काम ।
सदा काम से काम, पिंड को रक्त दुग्ध से ।
सींचे सुबहो-शाम, देवता दिखे मुग्ध से ।
देती दोष मिटाय, सकल जग शीश नवाता ।
प्रेम बुद्धि बल पाय, मूर्ख रविकर क्यूँ माता ??
पर्युषण शब्द की परिभाषा व व्याख्या विभिन्न आचार्यों, साधु-साध्वियों ने विभिन्न विभिन्न रुप से की है। पर्युषण शब्द का सन्धि-विच्छेद करते हुए परिउषण। परि का मतलब होता है चारों ओर से, सब तरफ से तथा उषण का अर्थ है दाह। जिस पर्व में कर्मों का दाह।विनाश किया जाये ...
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श्रीगणेश नाम स्मरण
Abhilasha पर नीलिमा शर्मा
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बालकृति
"हँसता गाता बचपन" से
एक बालकविता
♥ यह है अपना सच्चा भारत ♥
सुन्दर-सुन्दर खेत हमारे।
बाग-बगीचे प्यारे-प्यारे।।
पर्वत की है छटा निराली।
पर्वत की है छटा निराली।
चारों ओर बिछी हरियाली।।
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ऎसे ही बैठे बैठे कोई कुछ नहीं कह देता है ऎसे ही बिना सोचे कोई कुछ भी कहीं भी लिख नहीं देता है बाँधने पढ़ते हैं अंदर उबलते हुवे लावों से भरे हुऎ ज्वालामु....
उल्लूक टाईम्स
उल्लूक टाईम्स
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नभ बदल गया है, सितारे बदल गये
आजाद हिन्दुस्तान के, नारे बदल गये
सोने की चिड़िया, इसलिए कंगाल हो गयी
शासन औ सल्तनत के, इशारे बदल गये..
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जब रात आसमान उतरा था
झील के उस पार
अपनी थाली में
सजाये अनगिनित तारे
तब ये ख्वाहिश लिए
कि कुछ झिलमिल तारों को ला
टांक दूँ उन्हें
बदन पर तुम्हारे....
उड़न तश्तरी ....
बहुत सुन्दर.. हिंदी लेखक मंच पर आप को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपके लिए यह हिंदी लेखक मंच तैयार है। हम आपका सह्य दिल से स्वागत करते है। कृपया आप भी पधारें, आपका योगदान हमारे लिए "अमोल" होगा |
जवाब देंहटाएंमैं रह गया अकेला ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः003
बहुत सुंदर ब्लॉग लिंक. सुन्दर प्रस्तुति. आभार!
जवाब देंहटाएंकृपया आप सभी मित्र यहाँ भी पधारें, जाग उठा है हिन्दुस्तान ... - हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः15
आत्म को ऊर्ध्वगामी बानाने वाली रचना पर्यूषण पर्व का महात्म्य और राष्ट्रीय महत्व।
जवाब देंहटाएंपर्युषण शब्द की परिभाषा व व्याख्या विभिन्न आचार्यों, साधु-साध्वियों ने विभिन्न विभिन्न रुप से की है। पर्युषण शब्द का सन्धि-विच्छेद करते हुए परिउषण। परि का मतलब होता है चारों ओर से, सब तरफ से तथा उषण का अर्थ है दाह। जिस पर्व में कर्मों का दाह।विनाश किया जाये ...
ॐ ..प्रीतम साक्षात्कार ..ॐ
ये सारे सेकुलर मोहरे हैं तुष्टिकरण तो एक लास्खन है असल बीमारी इस देश की कथित सेकुलर वाद है।
जवाब देंहटाएंतुष्टीकरण का यह खेल कहाँ तक ले जाएगा !!
शंखनाद पर पूरण खण्डेलवाल
सादर आभार !!
हटाएंश्रेष्ठ प्रस्तुति हर मायने में।
जवाब देंहटाएंप्रेम बुद्धि बल पाय, मूर्ख रविकर क्यूँ माता -
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव"अंक - 35
पर मेरी प्रस्तुति
माता निर्माता निपुण, गुणवंती निष्काम ।
सृजन-कार्य कर्तव्य सम, सदा काम से काम ।
सदा काम से काम, पिंड को रक्त दुग्ध से ।
सींचे सुबहो-शाम, देवता दिखे मुग्ध से ।
देती दोष मिटाय, सकल जग शीश नवाता ।
प्रेम बुद्धि बल पाय, मूर्ख रविकर क्यूँ माता ??
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
सुप्रभात...। गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ..।
जवाब देंहटाएं--
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति!
बहुत सुंदर लिंक्स ,मेरी रचनाओं को शामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ,गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा -
जवाब देंहटाएंसुस्वागतम गुरु जी-
आप सभी गणेश चतुर्थी की असीम शुभकामनायें-
बहुत सुन्दर लिनक्स संजोये गये हैं आज की चर्चा में .मेरी पोस्ट को शामिल किये जाने का हार्दिक आभार शास्त्री जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा आदरणीया सरिता जी हार्दिक आभार आपका.
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाईयां !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा सूत्र !!
सादर आभार !!!
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्रों का चयन ,,,
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाए !
RECENT POST : समझ में आया बापू .
सुंदर लिंक्स...व्यवस्थित चर्चा...आभार !!!
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाए !
सरिता जी आप सब को भी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ और चर्चा मँच में मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति,आप को गणेश चतुर्थी पर मेरी हार्दिक शुभकामनायें ,श्री गणेश भगवान से मेरी प्रार्थना है कि वे आप के सम्पुर्ण दु;खों का नाश करें,और अपनी कृपा सदा आप पर बनाये रहें...
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंमयंक जी का आभार !
bahut-bahut dhanyawad, bahan sarita ji...vaastav men ek sundar evam shreshth parastuti di hai aapne, kintu main 'brahm-kshatriya' samaj jaisi avadharnaon men vishwas nahin karta aur na hi kisi saampradayik raajneetik vichar men, atah aapse prathana hai ki aisi rachnaon/ vigyapan wale ank men kripaya meri rachna sammilit na karen...
जवाब देंहटाएंsaadar, saabhar.
आज के इस चर्चा-मंच में बहुत ओजस्वी रचनाओं के शीर्षक देख कर मन में प्रसन्नता हुई !
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स हैं अभी पूरी नहीं पढ़ पाई है .
जवाब देंहटाएंजहाँ सार्वजनिक गूगल प्फ़ारोइल क्रिएट करने का फ़ार्म आ जाता है वहाँ टिप्पणी नहीं हो पाती. नचारी सम्मिलित करने के लिए आभार, सरिता जी !
रोचक लिनक्स | सुन्दर चर्चा मंच | मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद् | जय हो | मंगलमय हो |
जवाब देंहटाएंअत्यन्त रोचक और पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएं