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गुरुवार, जनवरी 02, 2014

"नये साल का पहला दिन" चर्चा - 1480

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
नव वर्ष की शुभकामनाएं तो इस मंच से आपको मिल ही गई हैं | यह चर्चा दो जनवरी को प्रकाशित होगी लेकीन मैं तो इसे एक जनवरी को ही तैयार कर रहा हूँ इसलिए अभी नव वर्ष की शुभकानाएं दे रहा हूँ |
चलते हैं चर्चा की ओर 

सिर्फ कलेण्डर ही तो बदला,
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Bal-Kishore - My Hindi stories for Kids and Teens - Pavitra Agarwal
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आभार 
आगे देखिए..."मयंक का कोना"
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नये साल का पहला दिन. 

 नये साल का पहला दिन,पहली किरण बिहान की, 
खाते कसम बदलेगें हम,किस्मत हिन्दुस्तान की... 
काव्यान्जलि पर धीरेन्द्र सिंह भदौरिया 
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शोले 3डी' का खुमार 

मुझे कुछ कहना है ....पर अरुणा 

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साल की आखिरी रात

वर्षा

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Tech Prévue Labs पर 

Vinay Prajapati
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नया साल... नया दिन... 
नया साल... 
नया दिन... 
नयी सुबह... 
नयी उम्मीदें.... 
नया जोश... 
नया होसला.... 
चलो ‘रविश’... 
टूटी हुई माला को 
फिर पिरोया जाये.. 
सादर ब्लॉगस्ते! पर raviish 'ravi'

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रिवर राफटिंग , ऋषिकेश , उत्तराखंड 

Yatra, traveling India पर Manu Tyag

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प्रधानमंत्री चयन 
सांसदों का विशेषाधिकार 

कानूनी ज्ञान पर Shalini Kaushik 

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ऐ स्त्री तू बस स्त्री ही बनी रह 
त्रियाचरित्र न दिखा ! 

ये पन्ने ........सारे मेरे अपने -पर 

Divya Shukla
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भाग्य का भागीरथ कहाँ है ? 
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Shabd Setu पर RAJIV CHATURVEDI 

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मन लागो मेरा यार फकीरी में 

"जो सुख पायो राम भजन, सो सुख नाहिं अमीरी में।।"
चौथाखंभा पर ARUN SATHI 
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जीने न दें 

जीने न दें बीते कल के साए आहत हूं मैं...
Akanksha पर Asha Saxena

20 टिप्‍पणियां:

  1. नए साल की पहली चर्चा
    लिए कई लिंक्स
    है शान दार |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |
    आशा

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात मित्रों!
    --
    आप हर्षित रहें इस नये वर्ष में.
    खूब चर्चित रहें इस नये वर्ष में.
    राष्ट्रउत्कर्ष के यज्ञ में रात-दिन,
    आप अर्पित रहें इस नये वर्ष में.
    --
    आपका दिन मंगलमय हो।
    --
    आदरणीय दिलबाग विर्क जी आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक चर्चा ! सुंदर सूत्र !

    जवाब देंहटाएं
  4. बढ़िया चर्चा सूत्र-
    बधाई आदरणीय

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर चर्चा ...!
    मेरी रचना को मंच में स्थान देने के लिए आभारी हूँ
    नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाए
    RECENT POST -: नये साल का पहला दिन.

    जवाब देंहटाएं
  6. चर्चा मंच ने मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा'
    को भी याद किया.बहुत अच्छा लगा.
    आभार.

    नववर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  7. बढ़िया लिंक्स लगाएं हैं , धन्यवाद मंच को नव वर्ष की शुभकामनाएं
    नया प्रकाशन -: जय हो विजय हो , नव वर्ष मंगलमय हो

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर चर्चा !
    नव वर्ष शुभ हो मंगलमय हो !

    जवाब देंहटाएं
  9. नए साल की सुन्दर नयी चर्चा प्रस्तुति में मुझे शामिल करने हेतु आभार!
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित

    जवाब देंहटाएं

  10. बे -हद सशक्त गज़ल।

    सुन्दर चर्चा मंच सजाया ,

    सशक्त सेतुओं का पान कराया।

    जवाब देंहटाएं

  11. कबीर दास की इन पक्तियों को ओशो ने इस तरह से व्याख्या की है. जीसस ने कहा कि ‘पुअर इन द स्पिरिट’ भीतर जो दरिद्र है वहीं फकीर। ओशो कहते है जिसके भीतर कुछ भी दावा नहीं है। मेरे-तेरे का, जिसके भीतर न धन है, न पुण्य है, न प्रतिष्ठा है वही फकीर है। जो आदमी फकीर होने को राजी हो गया वही बादशाह हो जाता है। जिसके अंदर ध्यान है, प्रेम है वही बादशाह है।

    ऐसा व्यक्ति ही कृष्णभावनाभावित है निष्कामी है। सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  12. शालिनीजी आप एक जन हित याचिका दायर कर दो भाजपा के खिलाफ। ताकि कांग्रेस शहज़ादे को भी भावी प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित न कर पाये। आपके इस कदम से भारत राष्ट्र की बड़ी सेवा हो जायेगी।

    जवाब देंहटाएं
  13. शालिनीजी जब मौन सिंह को प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था तब सोनिया जी ने उनकी पीठ पर अपना "हाथ " फिराते हुए अपने सांसदों से ये कहा था -ये आदमी प्रधानमन्त्री बनेगा। तब आपकी कलम नहीं चली।

    आज भी आदमी जैसा दिखने वाले किसी जीव की पीठ पर हाथ फिराकर सोनिया जी ये कह दें ,ये आदमी भारत का प्रधान मंत्री बनेगा तो आपकी कलम बंद हो जायेगी।

    जवाब देंहटाएं

  14. भाजपा अपनी नीतियों का संकेत दे रही हैयह कहते हुए यदि आपने हमें बहुमत दिलवाया तो हमारा प्रधानमन्त्री ऐसा होगा जो विकास का प्रतीक होगा। एक प्रखर समर्पित कर्मठ व्यक्ति होगा जो अपनी महनत से ऊपर आया है किसी खनादान का ठप्पा लगवा कर नहीं आया है शहज़ादे की तरह जिसे आपकी कोंग्रेस चोर दरवाज़े से प्रोजेक्ट कर रही है अपने पिठ्ठुओं से बारहा कहलवा कर।

    जवाब देंहटाएं
  15. शालिनीजी जब मौन सिंह को प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया था तब सोनिया जी ने उनकी पीठ पर अपना "हाथ " फिराते हुए अपने सांसदों से ये कहा था -ये आदमी प्रधानमन्त्री बनेगा। तब आपकी कलम नहीं चली।

    आज भी आदमी जैसा दिखने वाले किसी जीव की पीठ पर हाथ फिराकर सोनिया जी ये कह दें ,ये आदमी भारत का प्रधान मंत्री बनेगा तो आपकी कलम बंद हो जायेगी।

    भाजपा अपनी नीतियों का संकेत दे रही हैयह कहते हुए यदि आपने हमें बहुमत दिलवाया तो हमारा प्रधानमन्त्री ऐसा होगा जो विकास का प्रतीक होगा। एक प्रखर समर्पित कर्मठ व्यक्ति होगा जो अपनी महनत से ऊपर आया है किसी खनादान का ठप्पा लगवा कर नहीं आया है शहज़ादे की तरह जिसे आपकी कोंग्रेस चोर दरवाज़े से प्रोजेक्ट कर रही है अपने पिठ्ठुओं से बारहा कहलवा कर।
    प्रधानमंत्री चयन
    सांसदों का विशेषाधिकार

    कानूनी ज्ञान पर Shalini Kaushik

    "संविधान के अनुसार राष्ट्रपति नाममात्र का ही प्रधान है वास्तविक प्रधानता मंत्रिपरिषद में ही निहित है और उसका प्रधान प्रधानमंत्री होता है जो लोक सभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है और जिसका चयन चुनाव पश्चात् ही किया जा सकता है क्योंकि वास्तविक स्थिति चुनाव पश्चात् ही सबके सामने होती है .ऐसे में किसी भी दल को यह अधिकार नहीं है कि वह बताये कि कौन प्रधानमंत्री होगा जैसा कि भारत के एक प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी ने देश के संविधान को नकारते हुए आगे बढ़कर नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है जबकि भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई चुनाव होता ही नहीं है वह तो लोक सभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है और यदि वह राज्य सभा का सदस्य है तो उसके लिए आवश्यक है कि वह लोक सभा के बहुमत का विश्वास प्राप्त करे .
    ऐसे में संवैधानिक व्यवस्था को नकारते हुए अपने इरादों को देश पर थोपने का अधिकार किसी भी दल को नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री कौन होगा यह जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों का अधिकार है और उन्हें प्रतिनिधित्व देने वाली जनता का अधिकार है और इसे छीनने की यदि किसी भी दल द्वारा कोशिश की जाती है तो इसे संविधान की अवमानना की श्रेणी में रखा जाना चाहिए क्योंकि संविधान ने भारत को ''सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य ''का दर्जा दिया है जो कि यह तभी है जब जनता अपने प्रतिनिधि चुने और प्रतिनिधि अपना नेता और जो स्थिति भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी को अपना अगुवा बनाकर प्रस्तुत की है ऐसे में न तो यह लोकतंत्र ही रह सकता है और न ही गणतंत्र ,ऐसे में ये मात्र दलतंत्र ही कहा जा सकता है क्योंकि दल अपनी पसंद जनता पर थोप रहे हैं और एक यह दल ऐसे कुत्सित कार्य कर अन्य दलों को भी इस कार्य के लिए उकसाकर सारी संवैधानिक व्यवस्था को डगमगाने की कार्यवाही कर रहा है ऐसे में संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन करने में अग्रणी रहने वाली भारतीय जनता पार्टी की मान्यता रद्द होनी चाहिए ."
    शालिनी कौशिक
    [कानूनी ज्ञान ]

    जवाब देंहटाएं
  16. अति सुन्दर

    सिर्फ कलेण्डर ही तो बदला,

    जवाब देंहटाएं
  17. सुंदर चर्चा.
    नव वर्ष की शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  18. naye saal ke uplakshya me sundar links sundar rachanaye padhne ko mili sabhi ko badhayi .. meri rachna ko yaha sthan de kar sammanit karne ke liye haardik aabhar
    nav varsh ki haardik shubhkamnaye :)

    जवाब देंहटाएं

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