आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर













आभार
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आगे है..."मयंक का कोना"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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Kashmir ,श्रीनगर के मुख्य आकर्षण

Yatra, traveling India पर Manu Tyagi
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जीवन-दात्री

इसलिये नहीँ कि हिन्दू
मुस्लिम ।।।
इसलिये कि रूबी और
रेहाना की माँ को जब
दूध
नहीँ उतरा तो हमारी गौरी
ने भर भर माता का दूध दिया
पल गयीं।...
निरामिष पर सुज्ञ
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दूरदर्शन पर खुलेआम महिला शोषण

! कौशल ! पर Shalini Kaushik
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भावनात्मक रूप से कमज़ोर है महिला
शिखा और समीर इक्सिवीं सदी के युवा दोनों अपने अपने घर से दूर दिल्ली में नौकरी कर रहे थे ,पाश्चात्य सभ्यता से प्रभावित ,लगभग चार वर्ष से दिल्ली की एक पौश कालोनी में किराए पर जगह ले कर लिव इन रिलेशनशिप में रहना शुरू कर दिया था ,बिना शादी के इस तरह रहना आजकल फैशन बनता जा रहा है ....
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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देखे होंगे

मेरी तरह उसने भी तो रातों में
चाँद से लिपटते तारे देखे होंगे
चांदनी के आगोश में सिमटते
वो मदहोश नज़ारे देखे होंगे ....
तमाशा-ए-जिंदगी पर
Tushar Raj Rastogi
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चौदह बरस विरह-ताप को
कैसे सहेगी उर्मिला ?

भारतीय नारी पर shikha kaushik
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मुस्लिमपरस्त केजरीवाल !

ZEAL
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मैं ‘आप’ को पसंद क्यों करता हूँ- मटुकनाथ
बहुत दिनों के बाद फेसबुक पर बैठा, तो मित्रों ने प्रश्नों की झड़ी लगा दी कि आपने ‘आप’ में क्या देखा जो शामिल होने का मन बना लिया ? अलग अलग कितना जवाब दूँ। एक ही साथ सबके काम आ जाय, इसलिए अपने दिल की बात बता रहा हूँ...
मटुकजूली -पिंजर प्रेम प्रकासिया
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दीप बन के जलूँ

अंतर्मन की लहरें पर Dr. Sarika Mukesh
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बालकहानी
सोने की कढ़ी

बालकुंज पर सुधाकल्प
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हतनुर जलाशय के किंगफिशर

मनोज पर मनोज कुमार
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"आइना छल और कपट को जानता है"

सुख का सूरज
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.....फिसल गया वक्त :))

कविता मंच पर संजय भास्कर
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आप भी वोट कीजिए न..
Randhir Singh Suman
http://win.blogadda.com/view-blogs-voting/political/Loksangharsha/
http://win.blogadda.com/view-blogs-voting/political/Loksangharsha/


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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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इसलिये नहीँ कि हिन्दू
मुस्लिम ।।।
इसलिये कि रूबी और
रेहाना की माँ को जब
दूध
नहीँ उतरा तो हमारी गौरी
ने भर भर माता का दूध दिया
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दूरदर्शन पर खुलेआम महिला शोषण
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देखे होंगे

मेरी तरह उसने भी तो रातों में
चाँद से लिपटते तारे देखे होंगे
चांदनी के आगोश में सिमटते
वो मदहोश नज़ारे देखे होंगे ....
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कैसे सहेगी उर्मिला ?
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मैं ‘आप’ को पसंद क्यों करता हूँ- मटुकनाथ
बहुत दिनों के बाद फेसबुक पर बैठा, तो मित्रों ने प्रश्नों की झड़ी लगा दी कि आपने ‘आप’ में क्या देखा जो शामिल होने का मन बना लिया ? अलग अलग कितना जवाब दूँ। एक ही साथ सबके काम आ जाय, इसलिए अपने दिल की बात बता रहा हूँ...
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हतनुर जलाशय के किंगफिशर

मनोज पर मनोज कुमार
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"आइना छल और कपट को जानता है"

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.....फिसल गया वक्त :))

कविता मंच पर संजय भास्कर
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आप भी वोट कीजिए न..
Randhir Singh Suman
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अच्छा लिंक्स संयोजन !
ReplyDeleteआपके श्रम को नमन करता हूँ।
ReplyDeleteहमेशा की तरह सुन्दर चर्चा।
आभार भाई दिलबाग विर्क जी।
nice
ReplyDeletehttp://win.blogadda.com/view-blogs-voting/political/Loksangharsha/
बहुत सुंदर चर्चा । उल्लूक के "मकर संक्रान्ति - किश्त -2" को स्थान दिया । आभार ।
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा-
ReplyDeleteबढ़िया लिंक्स -
आभार आदरणीय-
बहुत उम्दा लिंक्स ...चैतन्य को शमिल करने का आभार
ReplyDeleteThanks Sir ji
ReplyDeleteउम्दा लिंक्स
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिंक संयोजन...अंतर्मन की लहरें को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार!!
ReplyDeleteअच्छे लिंक्स
ReplyDeleteआभार
सभी लिंक्स पर््शंसनीय और रोचक हैं।कहानी को स्थान देने के लिए शुक्रिया ।
ReplyDeleteसुन्दर, रोचक व पठनीय सूत्र, आभार..
ReplyDeleteमुझे तनहाई डँसती है, को शामिल करने के लिये शुक्रिया
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