आदरणीय/आदरेया : 5 फरवरी तक प्रवास पर हूँ-रविकर
वोटों की दरकार, गरीबी वोट बैंक है-लेकर कुलकर आयकर, करती क्या सरकार | लोकतंत्र सुकरात का, वोटों की दरकार | वोटों की दरकार, गरीबी वोट बैंक है | विविध भाँति सत्कार, तंत्र में फर्स्ट-रैंक है | दे अनुदान तमाम, मुफ्त में राशन देकर | करते अपना नाम, रुपैया हमसे लेकर || |
"अपना गणतन्त्र" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
![]() अंग्रेजी से ओत-प्रोत, अपने भारत का तन्त्र, मनाएँ कैसे हम गणतन्त्र। |
श्रीमान जी की तारीफ में
--पथिकअनजाना *गर चन्द लफ्जात श्रीमान की तारीफ में कर दें बयान आप* *दुनिया में हर मौके पर इससे बेहत्तर तोहफा क्या होगा*... आपका ब्लॉग |
इस देश को कौन बचाएगा ?
जयचंदों की कमी नही माँ , माना मेरे देश में । राणा और शिवाजी भी तो, बसते हैं इस देश में... निर्झर'नीर! |
"अद्यतन लिंक"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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चलिये आज आप से ही पूछ लेते हैं
कुछ लिखा जाये या रहने दिया जाये
रोज लिख लेते हैं अपने मन से
कुछ भी पूछते भी नहीं
फिर आज कुछ अलग सा
क्यों ना कर लिया जाये...
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdQV0rd7IUZjxIw2_-79Kfg-a_ns5pOu1Y51i4dJEFgMOQyAtl_hbFTBC4aKsNYSqw_zSsUmbrUXZKqQ_f3uriW4e8kDKdst2r434S5ENc9AhZI-2gSiv58Pij4U41Oi9sru_NXhVH0swh/s320/nilay1.jpg)
सुखकर कि यात्रा-क्रम में ही जन्म-तिथि भी आई..
मित्रवर आज स्वीकार कीजिए बधाई बधाई बधाई..
मित्रवर आज स्वीकार कीजिए बधाई बधाई बधाई..
Shyam Bihari Shyamal
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हिन्दी कविता में नवीन प्रयोगवादी कवियों के द्वारा जापान से जिस नई विधा ' हाइकु' का पदार्पण हुआ, उसी विधा में यह पुस्तक अपने रंग बिखेरती है . अपनी भावनाओं को कम से कम शब्दों में सार्थकता से पिरोना काफी कठिन है परन्तु सारिका मुकेश जी ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इस विधा को नए आयाम प्रदान किये है...
अंतर्मन की लहरें पर सारिका मुकेश
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कक्षा -कथा
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiXxfhXlhtVUeQUlDEQ3vvovStybKeT3uHCiOQg_YYIbaprXfalgXvaS7JCs8mnHagAMz51x9gfBwh-7jGd680gNVE_F8e2kinJguji_cm12bIaWmKDCynK9SVsH38ZKLyBzRDcKpUvPHo/s400/photo+(5).JPG&container=blogger&gadget=a&rewriteMime=image)
बालकुंज पर सुधाकल्प
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समलैंगिकता पर
SC ने खारिज की याचिका-
एक सराहनीय कदम
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/proxy/AVvXsEi2yJ569TyQoog4F_gTPdRLNTSLV0NbhMwaHh8qJ3SENPL-nOjavMFIJ_M6KAvTN0iFtwyOZ-uEjG7QlYuqrJnZs4oj8ODFYDCS0LGEs_ZAsGM-e7DUXmRYx8Kx1eeBxhHp1_2pe1ocsRjWhFfHpmFKn1vJxrkJbrK6GRrXeuCyQFbQ5BiqM3bIOvYv4zefnTWVgN0H7VkEeTzg3sghpms=)
कानूनी ज्ञान पर Shalini Kaushik
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हमें पेड़ बोने हैं और ढेर सारे पेड़ बोने हैं :)
बात थोड़ी पुरानी है, हमारे भूतपूर्व प्रधानमन्त्री स्व. राजीव गांधी ने कहा था 'हमें पेड़ बोने हैं और ढेर सारे पेड़ बोने हैं :), लेकिन उन्होंने ये बात, पर्यायवरण की रक्षा के लिए कहा था । परन्तु उसी पेड़ से हमारी भावी प्रधानमन्त्री कुछ दूसरे तरीके से फायदा उठाने की सलाह दे रहे हैं । वो चाहते हैं कि Gendercide (यहाँ कन्या की बात करते हैं) अर्थात कन्या जेंडर को विलुप्त होने से बचाना है तो पेड़ लगाएं। अगर आपके घर में बेटी जन्म लेती है तो आप उसके लालन-पालन की चिंता ताख पर रख दीजिये, उसको क़ाबिल बनाने के बारे में तो आप कल्पना भी मत कीजिये...
काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा -
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सुख : दुख
“राशि हैलो तुझे पता है कि अनिल के फादर की क्रिया आज है। दस दिन बात उसके बेटे की शादी है।” इंदु ने कहा। “नहीं मुझे नहीं मालूम ।” “अच्छा, चल मैं आ रही हूँ तू मुझे मैट्रो स्टेशन के पास मिलना...
आपका ब्लॉग पर सीमा स्मृति
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काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा -
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सुख : दुख
“राशि हैलो तुझे पता है कि अनिल के फादर की क्रिया आज है। दस दिन बात उसके बेटे की शादी है।” इंदु ने कहा। “नहीं मुझे नहीं मालूम ।” “अच्छा, चल मैं आ रही हूँ तू मुझे मैट्रो स्टेशन के पास मिलना...
आपका ब्लॉग पर सीमा स्मृति
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंपर्याप्त लिंक्स आज के लिए |
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति.,मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति
आभार
सादर.....
रोचक व पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंबहुत ही परिश्रम से संकलित सुन्दर और पठनीय सूत्र , आभार आपका ..
जवाब देंहटाएंमयंक जी आभार आपका निर्झर'नीर!
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स शानदार लिए हैं बधाई ----चर्चा मंच के सभी दोस्तों को नमस्कार ....बहुत दुःख के साथ कहना पद रहा है की गूगल ने मेरा ब्लॉग हिन्दिकवितायें आपके विचार ब्लोक कर दिया है ...मैं बहुत परेशान हूँ इस लिए कुछ नहीं कर पा रही हूँ ,कितनी रिक्वेस्ट करने पर भी अनब्लोक नहीं हो रहा पांच साल की मेहनत बेकार हो गई
जवाब देंहटाएंपठनीय व प्रशंसा के योग्य संकलन।
जवाब देंहटाएंरोचक, शानदार व पठनीय लिंक्स,मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति , आ० रविकर सर व मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi
बहुत सुंदर चर्चा ! उल्लूक का "क्या किया जाये अगर कोई कुछ भी नहीं बताता है" को शामिल करने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा .मेरी रचना..शामिल करने के लिये आभार !
जवाब देंहटाएंWe provide answers to your questions
जवाब देंहटाएंGlobal Employees
Global Employees
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