अंतर-तह तहरीर है, चौक-चाक में आग-
अंतर-तह तहरीर है, चौक-चाक में आग |
रविकर सर पर पैर रख, भाग सके तो भाग |
भाग सके तो भाग, जमुन-जल नाग-कालिया |
लिया दिया ना बाल, बटोरे किन्तु तालियां |
दिखे अराजक घोर, काहिरा जैसा जंतर |
होवे ढोर बटोर, आप में कैसा अंतर ||
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नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती (२३ जनवरी) पर विशेष
Kumar Gaurav Ajeetendu
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नींद में ही सही...
Anita
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खान अब्दुल गफ्फार खान
HARSHVARDHAN
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सुप्रभात
जवाब देंहटाएंपठनीय और प्रभावित करती लिंक्स |मी रचना शामिल करने के लिए आभार |
आशा
लिया दिया ना बाल, बटोरे किन्तु तालियां .......... ये ताली बजाने वाले हाथ , शीघ्र ही थप्पड़ भी बन जायेंगे,,,
जवाब देंहटाएंसुंदर एवं पठनीय सूत्र संकलन ,, आभार आपका ..
स्नेह के लिए आभार रविकर जी .....
जवाब देंहटाएंपठनीय सूत्र संकलन
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा.
जवाब देंहटाएंसजाये हुये सुन्दर सूत्र
जवाब देंहटाएंअच्छे सूत्र व बेहतर प्रस्तुति , आ० रविकर सर व मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi
sundar links se susajjit badhiya charcha
जवाब देंहटाएंबढ़िया एवँ पठनीय सूत्रों से सुसज्जित मंच ! मयंक का कोना आज रिक्त ही रह गया ! आशा है सब कुशलमंगल ही होगा ! ब्लॉगमंच व ब्लॉगालय पर आज की चर्चा की लिंक भी नहीं दी शास्त्री जी ने ! अवश्य ही कोई विशिष्ट कारण रहा होगा !
जवाब देंहटाएंsundar links....mujhe inmay shamil kiya abhar
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंक्स
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स अपने ब्लॉग का ट्रैफिक बढायें 10 गुना
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और व्यवस्थित चर्चा।
जवाब देंहटाएंआभार।
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मित्रों।
4 दिनों तक नेट नहीं चला।
कल शाम से ठीक हुआ है तो
अपनी हाजिरी लगा दी है।