पाया गाँधी सदन से, जो लर्निंग लायसेन्स |
बैठा ड्राइविंग सीट पर, दिखी सवारी टेंस |
दिखी सवारी टेंस, लेंस आँखों पर मोटा |
हरिश्चंद का पूत, किन्तु अनुभव का टोटा |
यमुना ब्रिज पर जाम, देख बन्दा घबराया |
देता वहीँ डुबाय, सुबह अखबार छपाया ||
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SP2/3/4 मेरे सब दिन-रैन तुम्हारे आभारी हैं - राजेन्द्र स्वर्णकार
Navin C. Chaturvedi
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हाथ सुमन बेलन जहाँ
श्यामल सुमन
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कवि की तरह ही ब्रांडिंग कर नेता बनना चाहते हैं कुमार विश्वास : बीपी गौतम स्वतंत्र पत्रकार
noreply@blogger.com (Girish Billore)
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भारत-अमेरिका रिश्तों में बचकाना बातें
Pramod Joshi
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"मयंक का कोना"
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जब कभी भी
हम ईश्वर से
करें प्रार्थना
तो उसमें हो
उसके प्रति
हमारा आभार....
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ऊसर जमीन में हम, उपहार बो रहे हैं
हम गीत और ग़ज़ल के उद्गार ढो रहे हैं !!
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प्रीत और मनुहार लेकर आ रहे हैं !
हम हृदय में प्यार लेकर आ रहे हैं !!
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हिंदी ब्लॉग जगत् अर्थात् हिंदी चिट्ठा जगत में जनवरी 2009 से प्रतिदिन अपनी उपस्थित दर्ज़ कराने वाले अनेकानेक लोगों के परम प्रिय डॉ. रूपचंद्र शास्त्री ‘मयंक’ की पुस्तक ‘सुख का सूरज’ को पढ़ने का अनुभव कुछ ऐसा ही है जैसे कि जाड़े के मौसम में कई दिनों तक कोहरा छाए रहने के उपरांत आपको एकाएक ही एक दिन कुनकुनी धूप में देरों तक बैठने का सुख मिल जाए...
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वो
सामने एक बर्फ का ढेला
औंधी पडी कुल्फी सा
प्लेट पर ...
कि जिसको चाहा था राजिया ने
बेसब्री से...
अमृतरस पर डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति
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मै चौंक गयी...
उस ओर देखा...
फिर कनखियों से गौरव की तरफ देखा...
समझ नही पायी कि ,
उसने सुना या नही...
दिल जोरसे धड़कने लगा...
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मकर राशि में आ गये, अब सूरज भगवान।
नदिया में स्नान कर, करना रवि का ध्यान।१।
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उत्तरायणी पर्व को, ले आया नववर्ष।
तन-मन में सबके भरा, कितना नूतन हर्ष।२।
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भारत में इस पर्व के, अलग-अलग हैं नाम।
“रूप” धूप का एक है, सुन्दर-सुखद-ललाम।३।...
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धनु से मकर लग्न में सूरज, आज धरा पर आया।
गया शिशिर का समय और ठिठुरन का हुआ सफाया।।
गंगा जी के तट पर, अपनी खिचड़ी खूब पकाओ,
खिचड़ी खाने से पहले, निर्मल जल से तुम नहाओ,
आसमान में खुली धूप को सूरज लेकर आया।
गया शिशिर का समय और ठिठुरन का हुआ सफाया।।...
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झुकने नहीं मैं टूटने तैयार हूँ जनाब ॥
मग़रूर नहीं थोड़ा सा खुद्दार हूँ जनाब...
डॉ. हीरालाल प्रजापति
डॉ. हीरालाल प्रजापति
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चाँदनी के शुभ्र
श्वेत पुष्पों से सजी
कोहरे की सुरमई चादर ओढ़
कोई नवोढ़ा आज मेरे घर के
बगीचे में आई है...
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संवेदनशील मसलों पर कोई भी बयान देने से पहले
उसके ध्वन्यार्थो के प्रति
अतिरिक्त सचेत होना चाहिए...
रमेश पाण्डेय
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आज मीता बहुत दुखी और उदास थी ,उसकी प्यारी भाभी को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उसके हृदय गति रुक गई,देखते ही देखते वह यह दुनिया छोड़ कर चली गई...
रेखा जोशी
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सेहतनामा
(१)कॉफी यादाशत में इज़ाफ़ा कर सकती है
जान हॉपकिंस विश्वविद्यालय के साइंसदानों ने पता लगाया है ,कोफ़ी में मौज़ूद कैफीन का लॉन्ग टर्म मेमोरी (दीर्घकालिक याददाश्त )पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अक्सर बीते कल की बात आपको आज याद नहीं रहती। कोफ़ी २४ घंटे पहले की घटनाओं को स्मृति में लाने में मददगार सिद्ध हो सकती है। नेचर न्यूरोसाइंस में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है।
वीरेन्द्र कुमार शर्मा
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बहुत उपयोगी लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएं--
आपका आभार रविकर जी।
बढ़िया चर्चा और सार्थक लिंक्स |
जवाब देंहटाएंआशा
सुंदर, सार्थक एवँ पठनीय सूत्रों से सुसज्जित मंच है आज का भी हमेशा की तरह ! मेरी रचना को इसमें सम्मिलित किया आभारी हूँ !
जवाब देंहटाएंखूबसूरत चर्चा ! उल्लूक का "साल भर नहीं नहाने वाला भी आज के दिन कम से कम नहाता है" को शामिल करने पर आभार !
जवाब देंहटाएंसार्थक एवँ पठनीय सूत्रों से सुसज्जित चर्चा,आपका आभार रविकर जी।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति... ब्लॉग जगत में एक नया ब्लॉग --- शिक्षा पोर्टल --- शुरू हुआ है। जिसका नाम ·٠• Education Portal •٠· है। कृपया पधारें, आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | सादर ..... आभार।।
जवाब देंहटाएंसुंदर सूत्र व प्रस्तुति , मंच को धन्यवाद
जवाब देंहटाएंनया प्रकाशन -: वेबसाइटव ब्लॉग(यू आर एल) को submit करें ४०० सर्चइंजन के साथ -
सारे लिंक्स बेहतरीन....हमारी पोस्ट लगाने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंदो-दो त्यौहार एक साथ और उन पर इतनी बेहतरीन पोस्ट एक स्थान पर देने हेतु आभार ... हमारी दो पोस्ट भी आपने यहाँ शामिल की हैं उसके लिए तहे-दिल से शुक्रिया!!
जवाब देंहटाएंसादर,
सारिका मुकेश
बड़े ही रोचक व पठनीय सूत्र..
जवाब देंहटाएंचर्चामंच पर आकर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना ''झुकने नहीं मैं टूटने तैयार हूँ जनाब....'' शामिल करने हेतु धन्यवाद मयंक जी !
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