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गुरुवार, मई 01, 2014

श्रमिक दिवस का सच { चर्चा - 1599 )

    आज की चर्चा में आप सबका स्वागत है 
एक मई यानी मजदूर दिवस, इस दिवस पर हंसना चाहिए या रोना । मजदूर तो  लोग हैं बस मजदूरी का अंतर है, लेकिन मालिक के  हैं लेकिन दुर्भाग्य यह है की ज्यादातर मजदूर इस सच से अनभिज्ञ हैं वरना मौक़ा तो उन्हें मिलता है  का । फिलहाल तो यह मौक़ा उनके हाथ में है अगर फायदा उठाया जा सके तो ।  
चलते हैं चर्चा की ओर 
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आभार 
"अद्यतन लिंक"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नींव और मजदूर...... 

(मई दिवस विशेष) 

उनके हाथ
जो रंगे रहते हैं
बेहतरीन सीमेंट और
मनमोहक पेंट से
रंग नहीं सकते
खुद की दीवारें .....
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash
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रिश्ते की गहराई में दुख भी उतना ही गहरा होता है। जितना गहरा रिश्ता उतना ही गहरा दुख | दिखता नहीं है पर दबा होता है कहीं, किसी कोने में | जैसे- जैसे रिश्ता गहराता जाता है दुख भी प्रकट होने लगता है धीरे-धीरे...
सु..मन (Suman Kapoor) 

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स्टडी: ब्लड सेल्स में 

वाई क्रोमोसोम की कमी घटाती है उम्र 

Virendra Kumar Sharma
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कुछ कवितायें .....  

विमल कुमार 

मैंने हिटलर को तो नहीं देखा है 
पर उस आदमी को ज़रूर देखा है 
जो मेरे शहर में इन दिनों आया हुआ है 
एक अजीब वेश में...
हम और हमारी लेखनी पर गीता पंडित
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चुनावी मानसून के बादल 

ज्यों ही लगे गरजने! 

shilpa bhartiya
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निंदा के पात्र बने रामदेव 

भारतीय नारी पर savan kumar
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आत्मनिर्भरता... 

( लघुकथा) 

ऋता शेखर 'मधु'
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु 
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पँचतंत्र लोकतंत्र पर हावी होने जा रहा है 

 खरगोश अकेला दौड़ लगा रहा है 
कछुआ बहुत दिनों से गायब है 
दूर दूर तक कहीं भी नजर नहीं आ रहा है 
सारे कछुओं से पूछ लिया है 
कोई कुछ नहीं बता रहा है ...
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
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"जब याद किसी की आती है" 

हार्ट अटैक आने से कुछ दिन पहले बॉडी देने लगती है संकेत
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कार्टून :-  

मुए लोकतंतर ने फैसन की तो रेड़ लगा दी... 

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"हँसता उपवन मेरी नज़र में" 

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’) 

14 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    उम्दा सूत्रों से सजा आज का चर्चा मंच
    ढूँढ रहे अपनी रचना इन सूत्रों के उपवन में |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात।
    आपका दिन मंगलमय हो।
    श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    --
    सुन्दर और सार्थक चर्चा।
    आदरणीय दिलबाग विर्क जी आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. श्रमिक दिवस की सभीको हार्दिक शुभकामनायें ! बहुआयामी चर्चा के लिये साधुवाद ! मेरी प्रस्तुति को भी सम्मिलित किया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. आज श्रमिक दिवस की सुंदर चर्चा में 'उलूक' के सूत्र 'पँचतंत्र लोकतंत्र पर हावी होने जा रहा है ' को भी जगह देने के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. व्यवस्थित सार्थक चर्चा...मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार !!
    श्रमिक दिवस की शुभकामनाएँ !!

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन रचनाओं से सजी चर्चा के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएँ और मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !!

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
    श्रमिक दिवस की शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  8. बढ़िया लिंक्स व अच्छी प्रस्तुति , मेरे पोस्ट को स्थान दने हेतु , विर्क साहब , आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

    जवाब देंहटाएं
  9. ek arse ke baad fir se judne ki koshish kar raha hun,,aaj aate hi itna anupam sanklan mila. bahut se naye kalamkaron se parichay hoga..koshish karunga ki ab nitya upastithi darz ho sake..bahut bahut abhar.

    जवाब देंहटाएं
  10. bahut achhi rachnaon ka sankalan kuchh ko maine abhi padh liya shesh bhi padhungi. aapka meri rachna ko yahan sthan dene ke liye abhaar.

    shubhkamnayen

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत बहुत धन्यवाद सर!


    सादर

    जवाब देंहटाएं
  12. सुंदर चर्चा ! Dilbag जी.

    पी.सी. की समस्या का समाधान पाइए..... मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  13. नदियाँ जमी-जमी लगती हैं,
    दुनियाँ थमी-थमी लगती हैं,
    अँखियाँ नमी-नमी लगती हैं,
    दिल में कुछ-कुछ होता है,
    जब याद किसी की आती है।
    मन सब सुध-बुध खोता है,
    जब याद किसी की आती है।।

    सुन्दर है कविता भी चर्चा मंच की सज्जा एवं सेतु चयन भी हमारे सेतु के चयन के लिए शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  14. शानदार भाव विरेचन करती दन्त कथा सी रचना शुक्रिया सुशील भाई आपकी टिप्पणियों के लिए।
    पँचतंत्र लोकतंत्र पर हावी होने जा रहा है
    खरगोश अकेला दौड़ लगा रहा है
    कछुआ बहुत दिनों से गायब है
    दूर दूर तक कहीं भी नजर नहीं आ रहा है
    सारे कछुओं से पूछ लिया है
    कोई कुछ नहीं बता रहा है ...
    उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
    --

    जवाब देंहटाएं

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