मित्रों नमस्कार!
कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही से
दिनांक 31-08-2014 की रात को 2-30 AM पर
उत्तराखण्ड खटीमा का सबसे पुराना पावर हाउस बह गया।
जिसके कारण पूरा क्षेत्र अन्धकार में डूब गया है।
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विदित हो कि लोहियाहेड पावरहाउस
खटीमा से मात्र 5 किमी दूर है।
शारदा मुख्य नहर पर यह पावरहाउस सन् 1955 में बना था।
इसकी विशेषता यह थी कि सबसे कम लागत पर
विद्युत का उत्पादन करता था।
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दिनांक 31-08-2014 की रात को 2-30 AM पर
अचानक नहर में पानी बढ़ गया
और कर्मचारी/अघिकारी निद्रा पड़े हुए सोते रहे।
जिसके कारण पानी बिजलीघर के बाँध को तोड़कर
लोहियाहेड कालोनी को बहाकर ले गया।
इससे स्थानीय निवासियों में हड़कम्प मच गया।
लोग अपना घर बार छोड़कर
जहाँ भी उनको सुरक्षित स्थान मिला
वहाँ पर चले गये और कुछ
इस अचानक आयी आपदा में
कालकवलित भी हो गये।
विद्युत आपूर्ति बाधित है।
पता नहीं कब इन्वर्टर भी धोखा दे जाये।
इसलिए त्वरित चर्चा में
मेरी पसंद के कुछ लिंक देखिए।
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गणपति वन्दना (चोका )

अनुभूति पर कालीपद "प्रसाद
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लव जेहाद

Shabd Setu पर
RAJIV CHATURVEDI
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धर्म जीवन को संवारता है गढ़ता है ।
अंहकार का भाव ना रखूं ,
नहीं किसी पर खेद करूं ।
देख दूसरों की बढ़ती को
कभी ना ईष्या भाव धरूं ...
रसबतिया पर- सर्जना शर्मा-
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बताएं क्या तुम्हें ?
इश्क़ के मानी बताएं क्या तुम्हें
राह अनजानी बताएं क्या तुम्हें...
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जाना चाहती हूँ
जाना चाहती हूँ दूर बहुत
इस भव सागर से
सब कार्य पूर्ण हो गए
जो मुझे करने थे |
अब मन नहीं लगता
किसी भी कार्य में
कोई उत्साह नहीं शेष
थके हुए जीवन में
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उतरप्रदेश में लगातार बिगडती स्थतियाँ
चिंताजनक है !!

शंखनादपरपूरण खण्डेलवाल
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प्रिय तुम्हारी मादकता में
प्रिय तुम्हारी मादकता में,
सारी बातें भूल गए
गुज़रे कब ये सूरज चँदा,
दिन और रातें भूल गए...
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भारत सेक्स क्रांति के कगार पर!

काव्य मंजूषा पर स्वप्न मञ्जूषा
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मेरा खाता - भाग्य विधाता

मनोज कुमार श्रीवास्तव
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भविष्य की दुनिया बदल देंगी
यह उभरती तकनीकें
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वृंदा की अद्भुत छवि

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साईं पर सियासत या साजिश ...
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manisha sanjee
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कुछ यूँ भी....!!! :)

♥कुछ शब्द♥ पर निभा चौधरी
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ठेसियत की ठोसियत

Smart Indian
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उर्दू बहर पर एक बातचीत :
किस्त 09
अहबाब-ए-महफ़िल !
बहुत दिनों बाद एक बार फिर इस ब्लाग पर हाज़िर हो रहा हूँ। ताख़ीर[विलम्ब] के लिए माज़रतख्वाह[क्षमा प्रार्थी] हूँ। दीगर कामों में मसरूफ़[व्यस्त] था। माहिया निगारी और तन्ज़-ओ-मिज़ाह को माइल [ आकर्षित] हो गया था ।मुझे लगा कि उर्दू बहर पर इस मज़्मून का कोई तलबगार नहीं है तो दीगर अक़्सात के लिए हौसला न हुआ । हमारे एक हिन्दीदाँ दोस्त ने जब यह कहा कि इन मज़ामीन से वो काफी मुस्तफ़ीद हुए है और कुछ कुछ ग़ज़ल कहने का ज़ौक़-ओ-शौक़ पैदा हो रहा है तो मैं जज़्बाती हो गया कि कोई तो है जो इस मज़ामीन से मुस्तफ़ीद हो रहा है ,यही सोच कर फिर आ गया हूँ अब ये सिलसिला चलता रहेगा। ख़ुदा इस कारफ़रमाई की तौफ़ीक़ अता करे...
बहुत दिनों बाद एक बार फिर इस ब्लाग पर हाज़िर हो रहा हूँ। ताख़ीर[विलम्ब] के लिए माज़रतख्वाह[क्षमा प्रार्थी] हूँ। दीगर कामों में मसरूफ़[व्यस्त] था। माहिया निगारी और तन्ज़-ओ-मिज़ाह को माइल [ आकर्षित] हो गया था ।मुझे लगा कि उर्दू बहर पर इस मज़्मून का कोई तलबगार नहीं है तो दीगर अक़्सात के लिए हौसला न हुआ । हमारे एक हिन्दीदाँ दोस्त ने जब यह कहा कि इन मज़ामीन से वो काफी मुस्तफ़ीद हुए है और कुछ कुछ ग़ज़ल कहने का ज़ौक़-ओ-शौक़ पैदा हो रहा है तो मैं जज़्बाती हो गया कि कोई तो है जो इस मज़ामीन से मुस्तफ़ीद हो रहा है ,यही सोच कर फिर आ गया हूँ अब ये सिलसिला चलता रहेगा। ख़ुदा इस कारफ़रमाई की तौफ़ीक़ अता करे...
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"आदमी और सौर मण्डल"
आदमी
घूमता है
तारा बन
अपने ही
बनाये
सौर मण्डल
में...
तारा बन
अपने ही
बनाये
सौर मण्डल
में...
"गीत-दो शब्द"
अब कैसे दो शब्द लिखूँ,
कैसे उनमें अब भाव भरूँ?
तन-मन के रिसते छालों के,
कैसे अब मैं घाव भरूँ?
मौसम की विपरीत चाल है,
धरा रक्त से हुई लाल है,
दस्तक देता कुटिल काल है,
प्रजा तन्त्र का बुरा हाल है,
बौने गीतों में कैसे मैं,
लाड़-प्यार और चाव भरूँ?
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आटे की कुरकुरी चकली

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कार्टून :- उलटबॉंसी का योग

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"कार्टूनिस्ट अनिल भार्गव का कार्टून-7"
आम आदमी की सुबह ऐसे होती है!

सुप्रभात
ReplyDeleteआज चर्चा मंच पर खटीमा बिजलीघर के बारे में देखा |पूरे देश में ही वर्षा की अनिश्चितता के कारण कोई न कोई समस्या आ रही है |प्राकृतिक आपदा से निपटना बहुत मुश्किल है |
लिंक्स में मेरी रचना की लिंक देखी |
रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद और आभार |
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क्या क्या नहीं
ReplyDeleteबह रहा है
कौन कुछ कहीं
कह रहा है
जिम्मेदारी पानी
अपने सिर पर
क्यों नहीं फिर
ले रहा है ?
सुंदर चर्चा । 'उलूक' के सूत्र 'आदमी और सौर मण्डल' तथा 'बन रही हैं दुकाने अभी जल्दी ही बाजार सजेगा' को चर्चा में लाने के लिये आभार शास्त्री जी ।
शास्त्री जी, ईश्वर से प्रार्थना है की खटीमवासियों की बिजली की समस्या जल्द ही दूर हो! मेरी प्रविष्टि 'आटे की कुरकुरी चकली' चर्चा मे शामिल करने के लिए शुक्रिया.
ReplyDeletebahut khubsurat links ...padhate hain samy milte hi dheere dheere sabhi _/\_
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति ..आभार!
ReplyDeleteआदमी
ReplyDeleteघूमता है
तारा बन
अपने ही
बनाये
सौर मण्डल
में...
सत्य सार्थक चर्चा ......शुक्रिया खुबसूरत लिंक्स से अवगत करने के लिए ...
सत्य से अवगत कराती हुई चर्चा बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा व सूत्र संकलन , मंच व आदरणीय शास्त्री जी को धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
मिश्रित स्वाद वाला संयोजन !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय
ReplyDeleteमेरी प्रविष्टि ''प्रिय तुम्हारी मादकता में'' चर्चा मे शामिल करने के लिए आभार.
सुन्दर समायोजन सभी सेतुओं का आपने किया है।
ReplyDeleteओह, लोहियाहेड पावरहाउस का बह जाना और जन-जीवन की हानि तो बहुत ही दुखद है। अफसोस!
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