फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

बुधवार, जुलाई 29, 2020

"कोरोना वार्तालाप" (चर्चा अंक-3777)

मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
--
ऐतिहासिक स्वर्णिम पल 
मन्दिर निर्माँण की प्रथम ईंट रखने के लिए दो जुलाई को सुबह 8 से 10 बजे तक प्रस्तावित था कार्यक्रम, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 
प्रधानमंत्री मोदी बनने वाले थे आयोजन का हिस्सा। 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने कहा- भारत 
चीन सीमा की परिस्थिति गंभीर, यह निर्माणकार्य के लिए ठीक समय नहीं। राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त को होना है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आखिरी बैठक में मंदिर के डिजाइन में कई बदलावों को मंजूरी मिली मसलन, अब मंदिर की ऊंचाई 20 फीट बढ़ाकर 161 फीट होगी। यह जानकारी मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट रहे सी सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा ने दी है।
समाज के 10 करोड़ परिवार से धन संग्रह किया जाएगा,
इसके बाद ही मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा।
अगर लॉकडाउन की परिस्थितियां सामान्य रहीं तो
अगले तीन वर्ष में मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।
अब चलते हैं कुछ नियमित और अद्यतन लिंकों की ओर... 

प्यार और दोस्ती ... 

दोस्ती वो है जो आपके जस्बात को समझे,

दोस्ती वो है जो आपके एहसास को समझे!
मिल तो जाते हैं अपना कहने वाले ज़माने में बहुत,
अपना वो है जो बिना कहे ही आपको अपना समझे !! 

वक़्त की साँकल में अटका इक दुपट्टा रह गया 

आँसुओं से तर-ब-तर मासूम कन्धा रह गया
वक़्त की साँकल में अटका इक दुपट्टा रह गया

मिल गया जो उसकी मायाजो हुआ उसका करम
पा लिया तुझको तो सब अपना पराया रह गया 
स्वप्न मेरे पर दिगम्बर नासवा  

लैंडलाइन में कोरोना वार्तालाप 

तभी टू टू टू टू की आवाज के साथ अचानक फोन कट गया। दोनों कोरोना वायरस बिल-बिलाकर रह गए। किसी तरल पदार्थ के ढाले जाने की आवाज के साथ इधर वाला कोरोना फुर्ती से हीरोइनी के मुँह से वापस नाक में घुस गया, क्योंकि हीरोइनी ने फिर से दारू का गिलास भर लिया था। 
VYANGYALOK पर प्रमोद ताम्बट  

पदचाप तुम्हारी 

--

हाईकू  

(अश्रु जल ) 

१- 
आँखों का जल  
समुद्र के पानी सा  
खारा लगे  
 २-  
बिना जल से  
भरे नैनों के झरने  
बहते जाते...  

प्रेम में पड़ी स्त्रियाँ 

प्रेम में पड़ी स्त्रियाँ हो जाती हैं
गोमुख से निकली गंगा
जिसके घाटों पर बुझती है
प्यासों की प्यास
लहरों पर पलते हैं धर्म
स्पर्श मात्र से तर जाती हैं पीढ़ियाँ 

कुण्डली 

सरगर्मी नित बढ़ चली,  बही चुनावी ब्यार;
बोतल के मुंह खुल गये, बढ़ा प्रेम व्यवहार;
बढ़ा प्रेम व्यवहार, प्रेम में रंग जायेगा ;
रसना को रस मिले, कौन अब घर जायेगा;
कह दहिया सुन बात, जेब में आती गर्मी;
तेरे प्रेमी लोग , बढ़ाते तब सरगर्मी । 
चिंतन पर सरोज  

कभी सड़को पे हंगामा....... 

कभी सड़कों पे हंगामा कहीं नफरत की आवाजे,
तुझी से पूछती भगवन इंसानी संस्कृति क्या है!

किसी के टूटते ख्वाब कोई सिसकीयों को रोकता
जो आदी है उजालों के उन्हें मालूम नही तीरगी क्या है! 
सागर लहरें पर उर्मिला सिंह 

अनमोल गहना 

करूँ विनती सुनो भैया,हमें भी याद कर लेना।  
बहन राखी लिए बैठी,कहाँ अब चैन दिन रैना।  
लगे सावन बड़ा फीका,न कोई संग दिखता है।  
चले आना जरा मिलने,नहीं हमको भुला देना। 
सैलाब शब्दों का पर Anuradha chauhan  
आज के लिए बस इतना ही...!

14 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर प्रस्तुति और समसामयिक भूमिका।
    आखिर राम मंदिर निर्माण का वह शुभ अवसर आ ही गया है, जिसकी प्रतीक्षा असंख्य हिन्दुओं को है । मुझे वह दिन याद है,जब मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर काशीवासी जय श्रीराम का उद्घोष करते हुए हर गलियों से निकल पड़े थे । गले में से एक केसरिया दुपट्टा था। सभी अयोध्या की ओर चल पड़े थे। ऐसा उल्लास मैंने अपने जीवन में इससे पूर्व कभी नहीं देखा था। ख़ैर, बाबरी ढांचा गिरने के बाद जो भय का माहौल बना, वह भी मैंने देखा । बस इतना ही कहूँगा, जो धर्मस्थल अथवा घर हो, वहाँ सुकून हो सद्भाव हो, मानवता हो और सर्वप्रथम राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव हो।

    जवाब देंहटाएं
  2. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. सभी रचनाएँ शानदार। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    मेरी रचनाएं शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |
    सभी रचनाएं शानदार आज के अंक में |

    जवाब देंहटाएं
  5. बेहतरीन अंक सभी लिंक्स बहुत बढ़िया

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति, मेरी रचनाओं को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।हमारी रचना को शामिल करने के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  8. चर्चा मंच के इस अंक में भी हिन्दी ब्लॉग जगत की बेहतरीन रचनाओं का उल्लेख उनके ब्लॉगरों के प्रति सबका ध्यान आकर्षित करता है। सार्थक सार -संकलन की सुन्दर प्रस्तुति के लिए आपको और सभी ब्लॉगर साथियों को हार्दिकबधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  9. रोचक लिंक्स का संकलन। मेरी पोस्ट को इस चर्चा में शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।