स्नेहिल अभिवादन
आज की प्रस्तुति में
आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
(शीर्षक आदरणीय शांतनु सान्याल जी की रचना से )
ॐ तमसो मा ज्योतिर्गमय।
ॐ असतो मा सद्गमय।
ॐ मृत्योर्मामृतं गमय ॥
हे माँ
मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो।
मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो।
मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥
इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं
आज की कुछ खास रचनाओं की ओर.......
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नक्षत्रों का महोत्सव ख़त्म हो चुका,
छायापथ में खो गए सभी जाने
अनजाने तारों के उजाले,
दिगंत की दहलीज़
में कौन देता
है जीर्ण
हाथों
ज्योत्सना का रात पर , पहरा लगा सा है ।
आसमां का रंग भी , उजला-उजला सा है ।।
पत्तियों में खेलता ,एक शिउली का फूल ।
डालियों के कान में ,कुछ कह रहा सा है ।।
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मन दीये में नेह रुप भरुँ
बैठ स्मृतियों की मुँडेर पर।
समर्पण बाती बन बल भरुँ
समय सरित की लहर पर।
प्रज्वलित ज्योति सांसों की
बन प्रिय पथ पर पल-पल जलूँ।
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आज दशहरा है, हजारों वर्षों से असत्य पर सत्य की विजय
आप सभी स्वस्थ रहें ,सुरक्षित रहें। कामिनी सिन्हा
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उपयोगी लिंकों के साथ सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीया कामिनी सिन्हा जी।
सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल करने के लिए आपका आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंंदर सारगर्भित प्रस्तुति कामिनी जी!
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को शुभकामनाएँँ। मेरी रचना को मान देने के लिए हृदय से आभार।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
उम्दा लिंक्स का चयन.. साधुवाद
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को "चर्चा मंच" में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा ! सभी रचनाकारों को बधाई, आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंंदर सारगर्भित प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को शुभकामनाएँँ।
सारगर्भित विभिन्न रचनाओं का संकलन मुग्ध करता है, बहुत कुछ जानने व समझने का मौका भी देता है जो कि चरित्र निर्माण में सहायक होता है, मुझे जगह देने हेतु हार्दिक आभार - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय कामिनी दी।मेरे सृजन को स्थान देने हेतु दिल से आभार।
जवाब देंहटाएंसादर
Kamini ji,
जवाब देंहटाएंयह लेख बहुत उपयोगी और अच्छा लिखा गया है,
शेयर करने के लिए धन्यवाद ...
ऐसे ही बेस्ट हिंदी लेख शेयर करते रहे।
मंच पर उपस्थित होने के लिए आप सभी स्नेहीजनों का तहेदिल से शुक्रिया एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी जी, आपका श्रम आज की चर्चा में स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे लिंक्स....
हार्दिक शुभकामनाएं,
स्नेह सहित
- डॉ. वर्षा सिंह