मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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गीत प्रणय के गाता उपवन।
मधुमक्खी-तितली-भँवरे भी,
खुश हो करके करते गुंजन।।
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आता है जब नवसम्वतसर,
मन में चाह जगाता है,
जीवन में आगे बढ़ने की,
नूतन राह दिखाता है,
होली पर अच्छे लगते हैं,
सबको नये-नये व्यंजन।
मधुमक्खी-तितली-भँवरे भी,
खुश हो करके करते गुंजन।।
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Onkar Singh 'Vivek', मेरा सृजन
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अनीता सैनी, गूँगी गुड़िया
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चित्तौड़ का किला घूमने के बाद हमारे अंदर ज्यादा दम नहीं बचा थी कि हम अगले दिन फिर एक और किला घूम सकें वो क्या है ना कि इतना चलने फिरने और घूमने की आदत नहीं है हमारी, पर क्या करते राजस्थान जाकर भी यदि किले ना देखे और ना घूमे तो राजस्थान यात्रा सफल नहीं होती।
Pallavi saxena,
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गोपेश मोहन जैसवाल, तिरछी नज़र
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छू कर मेरी उंगलियाँ
बस इतना ही कहा
आओ तुमको दिखाती हूँ
अपना हर एक ठिकाना !
मेरी बेबस सी उदासी ने झाँका
उसकी उदास आँखों में
तुमको खोजने और कहीं क्यों जाऊँ
तुम तो बसी हो मेरे अंतर्मन में
सुनो ! पहले मुझको तो मुक्त करो
फिर चल दूँ साथ तुम्हारे !
बस इतना ही कहा
आओ तुमको दिखाती हूँ
अपना हर एक ठिकाना !
मेरी बेबस सी उदासी ने झाँका
उसकी उदास आँखों में
तुमको खोजने और कहीं क्यों जाऊँ
तुम तो बसी हो मेरे अंतर्मन में
सुनो ! पहले मुझको तो मुक्त करो
फिर चल दूँ साथ तुम्हारे !
निवेदिता श्रीवास्तव, झरोख़ा
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सुरमयी लोहित सांझ और अकेला मन,
सुध नहीं अपनी तुझमें ही खोया मन।
रजनी पसार रही नीरव चादर घनेरी,
गहराती निशा और गूफ्तगू करता मन।
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शिवम् कुमार पाण्डेय, राष्ट्रचिंतक
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Abhilasha, मन के मोती
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"मर्द को दर्द नहीं होता!"
"मर्द होकर रोते हो?"
"मर्द को डर नहीं लगता!"
"मर्द होकर क्या औरतों की तरह रो रहे हो?"
ऐसी बातें हजारों बार कही और सुनी जाती है। क्यों भाई, क्या मर्द पत्थर के बने हुए है? क्या मर्द के सीने में दिल नहीं है? क्या मर्द इंसान नहीं है? यदि मर्द इंसान है, तो उनको भी डर लग सकता है...उनको भी दर्द हो सकता है...! क्या सचमुच मर्द को दर्द नहीं होता?? आइए, जानते है क्या है सच्चाई...
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यह भय का दौर है
आदमी डर रहा है आदमी से
गले मिलना तो दूर की बात है
डर लगता है अब तो हाथ मिलाने से
घर जाना तो छूट ही गया था
पहले भी अ..तिथि बन
अब तो बाहर मिलने से भी कतराता है
Anita, मन पाए विश्राम जहाँ
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virendra sharma, कबीरा खडा़ बाज़ार में
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भारत के अमेरिका के साथ रिश्तों के अलावा रूस के साथ रिश्ते भी इस समय कसौटी पर हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार रात दिल्ली पहुंच गए। उनकी यह यात्रा तब हो रही है जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव के संकेत हैं। लावरोव के कुछ तीखे बयान भी हाल में सुनाई पड़े हैं। लावरोव की आज मंगलवार को विदेशमंत्री एस जयशंकर से मुलाकात हो रही है। इसमें तमाम द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा ब्रिक्स, एससीओ और आरआईसी (रूस, भारत, चीन) जैसे संगठनों की भावी बैठकों को लेकर भी चर्चा होगी।
Pramod Joshi, जिज्ञासा
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Sawai Singh Rajpurohit, AAJ KA AGRA
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आज के लिए बस इतना ही।
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उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सच कहा आप ने शास्त्री जी, जब से फेस बुक पर साहित्यकार सक्रिय हुए और पेज भी वहां बनाने लगे ब्लाग को सजाने संवारने का काम रुक सा गया है , चर्चा मंच सराहना के योग्य है कम से कम इस दिन लोग एक दूजे के ब्लाग पर तो पहुंच कर कुछ रफ्तार देते हैं , आभार आप का मेरी रचना 'मुझको भी ले चल तू मुन्ना रंग बिरंगे सपनों में ' को स्थान देने के लिए, आभार और प्रणाम, राधे राधे
जवाब देंहटाएंसभी काव्य प्रेमी और साहित्य प्रेमी को सादर अभिवादन
वाह, सदा की तरह एक से बढ़कर एक रचनाओं के सूत्रों से सजा चर्चा मंच, जो अपनी भूमिका से कभी भी पीछे नहीं हटता। आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और विविधरंगी चर्चा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया प्रस्तुति। मेरे ब्लॉग को चर्चा मंच में शामिल करने लिए आपक बहुत बहुत धन्यवाद आभार एवं आभार। 🙏🌻
जवाब देंहटाएंमेरे लेख को स्थान देने के लिए आपका आभार आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स बहुत सुन्दर
चर्चामंच पर मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी
बढ़िया लिंक्स....
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा...
समस्त रचनाकारों को साधुवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई,सभी की रचनाएं एक से बढ़कर एक,पढ़कर अच्छा लगा।मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सराहनीय चर्चा
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