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बुधवार, अप्रैल 14, 2021

"नवसम्वतसर आपका, करे अमंगल दूर" (चर्चा अंक 4036)

 आप सबको भारतीय नव वर्ष, 
चैत्र नवरात्र और अम्बेदकर जयन्ती की 
हार्दिक शुभकामनाएँ।
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आइए अब शुरू करते हैं चर्चा का क्रम। 

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रानगिर की देवी हरसिद्धि | नवरात्रि की शुभकामनाएं । डॉ. वर्षा सिंह 
पत रखियो रानगिर वाली
पत रखियो सब जन की मोरी मैया। 
मैया के मड़पे चम्पा धनेरो।
महक भरी फुलवन की।
मोरी मैया... 
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ज़िम्मेदारी 

स्टेशन,प्लेटफॉर्म,पटरियाँ, रेलगाड़ियाँ -

सब साधन हैं बस,

किनका इस्तेमाल करना है,

करना भी है या नहीं,

कैसे करना है,

कितना करना है,

कब करना है,

मुसाफ़िर को ही तय करना है. 

सफ़र की ज़िम्मेदारी उसे ही लेनी पड़ती है,  

जिसे मंज़िल पर पहुँचना होता है. 

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मौसम में उसके आसपास 

फूल 

देखा मैंने देखी

उसकी गहराई।

तुमने 

रंग देखे

मैंने 

देखी

रंगों की जुगलबंदी। 

SANDEEP KUMAR SHARMA, पुरवाई  
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लेखन में रूचि रहने वालों के लिए खुशखबरी !  पॉकेट fm में कर सकते हो फुल टाइम जॉब !! 

पॉकेट fm के साथ काम करने का सुनहरा मौका !

दोस्तों ! आपके अपने ब्लॉग गल्पज्ञान की शुरू से ही ये प्राथमिकता रही है कि, गल्पज्ञान द्वारा साहित्य संबंधी जानकारी के साथ -साथ आप लोगों को आपकी लेखन प्रतिभा द्वारा धनोपार्जन की जानकारी भी दी जाय।

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ईरघाट ते बीरघाट 
वैसे भी बड़ा मुश्किल होता है अपने ही हाथों के घुटने को अपने ही मुँह लगा पाना । सच्ची कर के देखो आप ... और अगर कर सको तो मुझे जरूर बताना ,मैं टिकट लगा कर सबको दिखाऊंगी ... और हाँ ! जो पैसे आएंगे अपन आधा - आधा बाँट लेंगे आखिर आइडिया मेरा और मेहनत आपकी जो है । 
निवेदिता श्रीवास्तव, झरोख़ा  
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क्रिप्टोकरंसी क्या है? जानें समझें 

यह एक वर्चुअल करेंसी है और हर क्रिप्टो कॉइन का एक यूनिक नंबर होता है जैसे कि नोट पर एक सीरियल नंबर होता है। ट्रांज़ेक्शन इलेक्ट्रॉनिक लेज़र से वेरिफाई होते हैं, जिसे ब्लॉकचैन (Blockchain)भी कहते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे बनाई जाती है ओर स्टोर की जाती है

कॉइन को कठिन मैथमैटिकल पजल्स को सॉल्व करके बनाया जाता है और यह प्रोसेस कंप्यूटर पर एक कॉम्प्लेक्स प्रोग्राम द्वारा की जाती है,जिसे की माइनिंग (Mining) कहा जाता है। माईनिंग करने के लिये कंप्यूटर का हार्डवेयर बहुत उन्नत होना चाहिये  

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किताबों की दुनिया - 229 
आदमी की भूख मकड़ी की तरह है दोस्तो 
और जीवन उसके जाले की तरह उलझा हुआ  
नीरज गोस्वामी, नीरज 
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एक ग़ज़ल ये गीत ये किस्सा कहानी छोड़ जाऊँगा 

ग़ज़ल ये गीत ये किस्सा कहानी छोड़ जाऊँगा

तुम्हारा प्यार ये चेहरा नूरानी छोड़ जाऊँगा


अभी फूलों की खुशबू झील में सुर्खाब रखता हूँ

किसी दिन गुलमोहर ये रातरानी छोड़ जाऊँगा 

जयकृष्ण राय तुषार, छान्दसिक अनुगायन  
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आज का उद्धरण  
विकास नैनवाल 'अंजान', एक बुक जर्नल  
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गैर लगे मन 
दूर कहीं, तुम हो,
जैसे, चाँद कहीं, सफर में गुम हो!

गैर लगे, अपना ही मन,
हारे, हर क्षण,
बिसारे, राह निहारे,
करे क्या!
देखे, रुक-रुक वो! 
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा, कविता "जीवन कलश"  
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सत्ता के गलियारों में 

रोज़ ख़बर छप जाया करती अपनी भी अख़बारों में,

पैठ   बना   लेते  जो  शासन- सत्ता  के गलियारों  में।

दख़्ल हुआ है नभ में जब से इस दुनिया के लोगों का,

इक  बेचैनी  सी  रहती  है  सूरज - चाँद -सितारों  में। 

Onkar Singh 'Vivek', मेरा सृजन  
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अन्त में देखिए सम्वतसर, बैसाखी और 
अम्बेदकर जयन्ती पर मेरी तीन रचनाएँ।
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दोहे "भारतीय नववर्ष"  

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नवसम्वतसर आपकाकरे अमंगल दूर।
देश-वेश परिवेश मेंहों खुशियाँ भरपूर।।
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कट्टरपन्थी मत बनोमन को करो उदार।
केवल हिन्दू वर्ष क्योंइसको रहे पुकार।। 
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कोरोना से मुक्त होअपना प्यारा देश।

सारे ही संसार मेंबने विमल परिवेश।।  

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गीत "जनमानस के अन्तस में आशाएँ मुस्काती हैं"  
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खेतों में बिरुओं पर जब, बालियाँ सुहानी आती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं।।
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सोंधी-सोंधी महक उड़ रही, गाँवों के गलियारों में,
खुशियों की भरमार हो रही, आँगन में, चौबारों में,
बैसाखी आने पर रौनक, चेहरों पर आ जाती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं।। 
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दोहे  

"भीम राव अम्बेदकर, नमन तुम्हें शत् बार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक') 


निर्बल-शोषित वर्ग पर, किया बहुत उपकार।
भीम राव अम्बेदकर, नमन तुम्हें शत् बार।।

पढ़ने-लिखने का सदा, मन में रहा जुनून।
भारत को तुमने दिया, उपयोगी कानून।।
उच्चारण  
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आज के लिए बस इतना ही।
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24 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन संकलन ,
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  2. बढ़े कोरोना बढ़ते - बढ़ते
    दिल्ली के बाॅर्डर पर जाय,
    जितने भी नेता किसान हैं
    सबको हाॅस्पिटल ले जाय...

    हो सकती पूरी ये आस ,
    आम होय चाहे ख़ास
    कोविड का यकसां संत्रास।
    बेहद की प्रासंगिक रचना धारदार तंज लिए रचनात्मकता के संग साथ ,व्यंग्य वही सार्थक, जो कुछ करने को उकसाये ,विशाल भाई चर्चित हो जाय
    हाहाकार मचे चहुँ ओर
    तब हम फिर टीवी पर आयँ,
    कहें भाइयों - बहनों आओ
    हम फिर से एकजुट हो जायँ...

    आज रात को आठ बजे सब
    अपनी - अपनी छत पर आय,
    दो गज दूर हो मास्क लगाकर
    अबकी माथा पीटा जाय...

    पाक - बांग्लादेश - श्रीलंका
    इनको तो दें फ्री वैक्सीन,
    ताकि ये एक सुर में बोलें
    भारत दोस्त है - दुश्मन चीन...

    हँसी - हँसी में बात कही ये
    लेकिन बात बड़ी ग॔भीर,
    काँटे से काँटा निकले है
    ज़हर से जाये ज़हर की पीर...

    कहते हैं 'चर्चित' कि जागो
    ओ माय ह्वाइट दाढ़ी मैन,
    छोड़ इलेक्शन हिस्ट्री सोचो
    कम आॅन डू इट यू कैन...

    - विशाल चर्चित
    veerusa.blogspot.com
    कट्टरपन्थी मत बनो, मन को करो उदार।
    केवल हिन्दू वर्ष क्यों, इसको रहे पुकार।।
    --बाधाएँ सब दूर हों, आपस में हो मेल।
    मन के उपवन में सदा, बढ़े प्रेम की बेल।।
    --
    एक मंच पर बैठकर, करो विचार-विमर्श।
    अपने प्यारे देश का, कैसे हो उत्कर्ष।।
    --
    कोरोना से मुक्त हो, अपना प्यारा देश।
    सारे ही संसार में, बने विमल परिवेश।।
    सदाशयता सार्थकता धनात्मक सोच की परवाज़ हैं शस्त्री जी के दोहे
    सार्थक ग़ज़ल कही विवेक ओंकार ने
    दर्द बयाँ करती है वो अब मज़लूमों-मज़दूरों का,
    क़ैद नहीं है आज ग़ज़ल ऊँचे महलों-दरबारों में।
    फुटपाथों पर चलने वालों का भी थोड़ा ध्यान रहे,
    बेशक आप चलें सड़कों पर लंबी - लंबी कारों में।

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  3. मन की परतों से रिसती है उदासी जैसे रोटी बासी बेहतरीन रचना पुरुषोत्तम सिन्हा जी की
    इक बेचारा, तन्हा तारा,
    गगन से, हारा,
    पराया, जग सारा,
    करे क्या!
    जागे, गुम-सुम वो!

    जवाब देंहटाएं
  4. कभी सुनना हो मुझको तो मेरा दीवान पढ़ लेना

    किताबों में मैं फूलों की निशानी छोड़ जाऊँगा



    दिलों की आलमारी में हिफ़ाजत से इसे रखना

    इसी घर में मैं सब यादें पुरानी छोड़ जाऊँगा



    हमारी प्यास इतनी है कि दरिया सूख जाते हैं

    किसी दिन राख, मिट्टी, आग- पानी छोड़ जाऊँगा

    कविवर जाय कृष्ण राय तुषार जी ने बेहतरीन ग़ज़ल कही है वजनदार हर शैर उम्दा भर्ती का इनके यहां कुछ नहीं मिलता।

    veerusa.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  5. veerusa.blogspot.com

    शुंभभावना मांगलिकता से सिंचित सांस्कृतिक पार्विक आलोड़न करती छंदबद्ध रचना है अनिता सुधीर आख्या की ,पूरा आख्यान है तीज त्यौहार कथा है यहां परम्परा और संस्कृति के मूल तत्व हैं यहां तग्य हैं कवित्री

    संवत 2078
    ***
    चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा,है हिन्दू नववर्ष।
    नव संवत प्रारंभ है ,हो जीवन में हर्ष ।।
    संवत 'राक्षस' वर्ष में ,'मंगल' हैं भूपाल,
    मंगल ही मंत्री बने, करें जगत उत्कर्ष ।।
    ***
    गुड़ी ,उगाड़ी पर्व अरु,भगवन झूले लाल।
    नौ दिन का उत्सव रहे ,नव संवत के साल।।
    रचे विधाता सृष्टि ये ,प्रथम विष्णु अवतार ,
    अठहत्तर नव वर्ष में ,उन्नत हो अब काल।।
    ***
    नौरातों में प्रार्थना ,माँ आओ उर धाम ।
    करे कलश की स्थापना,पूजें नवमी राम ।।
    कष्टहारिणी मातु का ,वंदन बारम्बार ,
    कृपा करो वरदायिनी,पूरे मङ्गल काम ।।
    ***
    धर्म ,कर्म उपवास से ,बढ़ता मन विश्वास।
    अन्तर्मन की शुद्धता ,जीवन में उल्लास।।
    पूजें अब गणगौर को ,मांगे अमर सुहाग,
    छोड़ जगत की वेदना,रखिये मन में आस।।
    **
    कली ,पुष्प अरु मंजरी,से सुरभित संसार ।
    कोयल कूके बाग में ,बहती मुग्ध बयार ।।
    पके अन्न हैं खेत में ,छाये नव उत्साह ,
    मधुर रागिनी छेड़ के,धरा करे श्रृंगार ।।

    अनिता सुधीर आख्या

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  6. बेहतरीन संकलन ,
    मुझे भी मंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय। ।।।

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  7. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स आज की |मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |नव दुर्गे की शुभ कामनाएं |

    जवाब देंहटाएं
  8. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,आदरणीय शास्त्री जी।

    जवाब देंहटाएं
  9. बढ़िया चर्चा . बेहतरीन लिनक्स ! मेरी पोस्ट को चर्चा में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद शास्त्री जी ..
    आप सभी का दिन सुभ हो !

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन संकलन.मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार.

    जवाब देंहटाएं
  11. बेतरीन पढनीय लिंकों से सजा सुंदर श्रमसाध्य चर्चा अंक सर । आप सभी को नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये

    जवाब देंहटाएं
  12. बेहतरीन चर्चा
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।

    जवाब देंहटाएं
  13. रचनाकारों को उनकी सुन्दर रचनाओं के लिए हार्दिक शुभकामनाएं

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  14. लाजवाब सूत्रों से सजी सुंदर चर्चा प्रस्तुति । रोचक और खूबसूरत संकलन के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय शास्त्री जी,आपको मेरा सादर नमन ।

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  15. बेहतरीन और सार्थक सृजन । सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई ।

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  16. बहुत ही उम्दा संकलन !!
    मेरी रचना को यहां स्थान देने जे लिए धन्यवाद !!
    सभी रचनाकारों को दिल से बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  17. बहुत बढ़िया चर्चा
    मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏

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  18. सार्थक---सभी रचनाकारों को बधाई।

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  19. सुन्दर संकलन, सुंदर सार्थक प्रस्तुति।
    आदरणीय शास्त्री जी मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत आभार

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  20. परीक्षा के लिए "इग्नू" वाले मॉडल को भी अपनाया जा सकता है, जिसमें ज्यादातर मार्क्स "असाइनमेण्ट" पर मिलते हैं, जिसे विद्यार्थी घर पर तैयार करते हैं और कुछ मार्क्स परीक्षा-हॉल की परीक्षा में मिलते हैं। यानि एक या दो दिन की परीक्षा पर्याप्त होगी- इसे भी "ऑनलाईन" किया जा सकता है। बाकी मार्क्स असाइनमेण्ट पर दिये जा सकते हैं।

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