आप सबको भारतीय नव वर्ष,
चैत्र नवरात्र और अम्बेदकर जयन्ती की
हार्दिक शुभकामनाएँ।
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आइए अब शुरू करते हैं चर्चा का क्रम।
स्टेशन,प्लेटफॉर्म,पटरियाँ, रेलगाड़ियाँ -
सब साधन हैं बस,
किनका इस्तेमाल करना है,
करना भी है या नहीं,
कैसे करना है,
कितना करना है,
कब करना है,
मुसाफ़िर को ही तय करना है.
सफ़र की ज़िम्मेदारी उसे ही लेनी पड़ती है,
जिसे मंज़िल पर पहुँचना होता है.
फूल
देखा मैंने देखी
उसकी गहराई।
तुमने
रंग देखे
मैंने
देखी
रंगों की जुगलबंदी।
यह एक वर्चुअल करेंसी है और हर क्रिप्टो कॉइन का एक यूनिक नंबर होता है जैसे कि नोट पर एक सीरियल नंबर होता है। ट्रांज़ेक्शन इलेक्ट्रॉनिक लेज़र से वेरिफाई होते हैं, जिसे ब्लॉकचैन (Blockchain)भी कहते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे बनाई जाती है ओर स्टोर की जाती है
कॉइन को कठिन मैथमैटिकल पजल्स को सॉल्व करके बनाया जाता है और यह प्रोसेस कंप्यूटर पर एक कॉम्प्लेक्स प्रोग्राम द्वारा की जाती है,जिसे की माइनिंग (Mining) कहा जाता है। माईनिंग करने के लिये कंप्यूटर का हार्डवेयर बहुत उन्नत होना चाहिये
ग़ज़ल ये गीत ये किस्सा कहानी छोड़ जाऊँगा
तुम्हारा प्यार ये चेहरा नूरानी छोड़ जाऊँगा
अभी फूलों की खुशबू झील में सुर्खाब रखता हूँ
किसी दिन गुलमोहर ये रातरानी छोड़ जाऊँगा
रोज़ ख़बर छप जाया करती अपनी भी अख़बारों में,
पैठ बना लेते जो शासन- सत्ता के गलियारों में।
दख़्ल हुआ है नभ में जब से इस दुनिया के लोगों का,
इक बेचैनी सी रहती है सूरज - चाँद -सितारों में।
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नवसम्वतसर आपका, करे अमंगल दूर।
देश-वेश परिवेश में, हों खुशियाँ भरपूर।।
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कट्टरपन्थी मत बनो, मन को करो उदार।
केवल हिन्दू वर्ष क्यों, इसको रहे पुकार।।
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कोरोना से मुक्त हो, अपना प्यारा देश।
सारे ही संसार में, बने विमल परिवेश।।
खेतों में बिरुओं पर जब, बालियाँ सुहानी आती हैं।
बेहतरीन संकलन ,
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार
बढ़े कोरोना बढ़ते - बढ़ते
जवाब देंहटाएंदिल्ली के बाॅर्डर पर जाय,
जितने भी नेता किसान हैं
सबको हाॅस्पिटल ले जाय...
हो सकती पूरी ये आस ,
आम होय चाहे ख़ास
कोविड का यकसां संत्रास।
बेहद की प्रासंगिक रचना धारदार तंज लिए रचनात्मकता के संग साथ ,व्यंग्य वही सार्थक, जो कुछ करने को उकसाये ,विशाल भाई चर्चित हो जाय
हाहाकार मचे चहुँ ओर
तब हम फिर टीवी पर आयँ,
कहें भाइयों - बहनों आओ
हम फिर से एकजुट हो जायँ...
आज रात को आठ बजे सब
अपनी - अपनी छत पर आय,
दो गज दूर हो मास्क लगाकर
अबकी माथा पीटा जाय...
पाक - बांग्लादेश - श्रीलंका
इनको तो दें फ्री वैक्सीन,
ताकि ये एक सुर में बोलें
भारत दोस्त है - दुश्मन चीन...
हँसी - हँसी में बात कही ये
लेकिन बात बड़ी ग॔भीर,
काँटे से काँटा निकले है
ज़हर से जाये ज़हर की पीर...
कहते हैं 'चर्चित' कि जागो
ओ माय ह्वाइट दाढ़ी मैन,
छोड़ इलेक्शन हिस्ट्री सोचो
कम आॅन डू इट यू कैन...
- विशाल चर्चित
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कट्टरपन्थी मत बनो, मन को करो उदार।
केवल हिन्दू वर्ष क्यों, इसको रहे पुकार।।
--बाधाएँ सब दूर हों, आपस में हो मेल।
मन के उपवन में सदा, बढ़े प्रेम की बेल।।
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एक मंच पर बैठकर, करो विचार-विमर्श।
अपने प्यारे देश का, कैसे हो उत्कर्ष।।
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कोरोना से मुक्त हो, अपना प्यारा देश।
सारे ही संसार में, बने विमल परिवेश।।
सदाशयता सार्थकता धनात्मक सोच की परवाज़ हैं शस्त्री जी के दोहे
सार्थक ग़ज़ल कही विवेक ओंकार ने
दर्द बयाँ करती है वो अब मज़लूमों-मज़दूरों का,
क़ैद नहीं है आज ग़ज़ल ऊँचे महलों-दरबारों में।
फुटपाथों पर चलने वालों का भी थोड़ा ध्यान रहे,
बेशक आप चलें सड़कों पर लंबी - लंबी कारों में।
मन की परतों से रिसती है उदासी जैसे रोटी बासी बेहतरीन रचना पुरुषोत्तम सिन्हा जी की
जवाब देंहटाएंइक बेचारा, तन्हा तारा,
गगन से, हारा,
पराया, जग सारा,
करे क्या!
जागे, गुम-सुम वो!
कभी सुनना हो मुझको तो मेरा दीवान पढ़ लेना
जवाब देंहटाएंकिताबों में मैं फूलों की निशानी छोड़ जाऊँगा
दिलों की आलमारी में हिफ़ाजत से इसे रखना
इसी घर में मैं सब यादें पुरानी छोड़ जाऊँगा
हमारी प्यास इतनी है कि दरिया सूख जाते हैं
किसी दिन राख, मिट्टी, आग- पानी छोड़ जाऊँगा
कविवर जाय कृष्ण राय तुषार जी ने बेहतरीन ग़ज़ल कही है वजनदार हर शैर उम्दा भर्ती का इनके यहां कुछ नहीं मिलता।
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जवाब देंहटाएंशुंभभावना मांगलिकता से सिंचित सांस्कृतिक पार्विक आलोड़न करती छंदबद्ध रचना है अनिता सुधीर आख्या की ,पूरा आख्यान है तीज त्यौहार कथा है यहां परम्परा और संस्कृति के मूल तत्व हैं यहां तग्य हैं कवित्री
संवत 2078
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चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा,है हिन्दू नववर्ष।
नव संवत प्रारंभ है ,हो जीवन में हर्ष ।।
संवत 'राक्षस' वर्ष में ,'मंगल' हैं भूपाल,
मंगल ही मंत्री बने, करें जगत उत्कर्ष ।।
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गुड़ी ,उगाड़ी पर्व अरु,भगवन झूले लाल।
नौ दिन का उत्सव रहे ,नव संवत के साल।।
रचे विधाता सृष्टि ये ,प्रथम विष्णु अवतार ,
अठहत्तर नव वर्ष में ,उन्नत हो अब काल।।
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नौरातों में प्रार्थना ,माँ आओ उर धाम ।
करे कलश की स्थापना,पूजें नवमी राम ।।
कष्टहारिणी मातु का ,वंदन बारम्बार ,
कृपा करो वरदायिनी,पूरे मङ्गल काम ।।
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धर्म ,कर्म उपवास से ,बढ़ता मन विश्वास।
अन्तर्मन की शुद्धता ,जीवन में उल्लास।।
पूजें अब गणगौर को ,मांगे अमर सुहाग,
छोड़ जगत की वेदना,रखिये मन में आस।।
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कली ,पुष्प अरु मंजरी,से सुरभित संसार ।
कोयल कूके बाग में ,बहती मुग्ध बयार ।।
पके अन्न हैं खेत में ,छाये नव उत्साह ,
मधुर रागिनी छेड़ के,धरा करे श्रृंगार ।।
अनिता सुधीर आख्या
बेहतरीन संकलन ,
जवाब देंहटाएंमुझे भी मंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय। ।।।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स आज की |मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |नव दुर्गे की शुभ कामनाएं |
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद,आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा . बेहतरीन लिनक्स ! मेरी पोस्ट को चर्चा में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद शास्त्री जी ..
जवाब देंहटाएंआप सभी का दिन सुभ हो !
बेहतरीन संकलन.मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंबेतरीन पढनीय लिंकों से सजा सुंदर श्रमसाध्य चर्चा अंक सर । आप सभी को नववर्ष और नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।
रचनाकारों को उनकी सुन्दर रचनाओं के लिए हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंलाजवाब सूत्रों से सजी सुंदर चर्चा प्रस्तुति । रोचक और खूबसूरत संकलन के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय शास्त्री जी,आपको मेरा सादर नमन ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और सार्थक सृजन । सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा संकलन !!
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को यहां स्थान देने जे लिए धन्यवाद !!
सभी रचनाकारों को दिल से बधाई ।
उम्दा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
सार्थक---सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन, सुंदर सार्थक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत आभार
सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपका हृदय से आभार सादर प्रणाम
जवाब देंहटाएंपरीक्षा के लिए "इग्नू" वाले मॉडल को भी अपनाया जा सकता है, जिसमें ज्यादातर मार्क्स "असाइनमेण्ट" पर मिलते हैं, जिसे विद्यार्थी घर पर तैयार करते हैं और कुछ मार्क्स परीक्षा-हॉल की परीक्षा में मिलते हैं। यानि एक या दो दिन की परीक्षा पर्याप्त होगी- इसे भी "ऑनलाईन" किया जा सकता है। बाकी मार्क्स असाइनमेण्ट पर दिये जा सकते हैं।
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