आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
फेसबुक पर रोज साहित्यिक मित्रों के बिछुड़ने के समाचार इन दिनों खूब मिल रहे हैं| मृत्यु शाश्वत है| पहले भी लोग मृत्यु का ग्रास होते थे, लेकिन इन दिनों संख्या बढ़ी लगती है| बहुत से लोग कोरोना ग्रस्त होने के समाचार दे रहे हैं| अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन न होने के समाचार आ रहे हैं, जो परेशान करते हैं| चर्चा मंच के संस्थापक डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक' जी भी इन दिन दिनों कोरोना से प्रभावित हैं| हम सब उनके स्वास्थ्य की कामना करते हैं|
एक मित्र फेसबुक पर एक देसी नुस्खा शेयर करते रहते हैं, हालांकि फेसबुक उनकी पोस्ट को अब ब्लॉक करने लग गया है, मैं इस बारे में निजी रूप से कुछ नहीं कह सकता ( हालांकि हमारे परिवार वालों ने भी इसे आम प्रचलित नुस्खा कहा है )| इसके अतिरिक्त यह आश्वासन दिया जा सकता है कि मैं उस मित्र को व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ और उस पर विश्वास किया जा सकता है| नुस्खा -
फिटकरी को तवे पर गर्म करने के बाद इसका चूर्ण बना लिया जाए| इसके एक चौथाई चम्मच में दस बूँद अदरक का रस और चम्मच भर शहद रात को सोते समय लें|
यह ब्लॉक फेफड़ों को खोलने की क्षमता रखता है, दो-तीन दिन तक इसका प्रयोग किया जा सकता है|
चलते हैं चर्चा की ओर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स आज की |बढ़िया सजा चर्चा मंच |मेरी रचना को स्थान देने के लिए ह्रदय से आभार दिलबाग जी |
शुभ प्रभात जी,
जवाब देंहटाएंसभी सार्थक लिंक्स दिए है दिल से आभारी हूँ इनमे मुझे शामिल करने के लिए !
शास्त्री जी के स्वास्थ्य की मंगल कामना करती हूँ कि वे जल्द से जल्द स्वस्थ हो !
आप सब स्वस्थ हो निरोग हो यही ईश्वर से प्रार्थना है !
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, दिलाबागसिंह भाई।
जवाब देंहटाएंजिस तरह कोरोना का कहर जारी है उससे लगता है यह महामारी न जाने कितने सपनों को असमय ही कलकवलित कर देने पर उतारू है। हम सभी को सतर्क रहना है, स्वयं को तो बचना ही है और हमारे कारण किसी को संक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखना है। सर्वे संतु निरामया की प्रार्थना हर काल में करनी है। सुंदर चर्चा, साहित्य की मशाल इसी तरह जलती रहे और लोगों को मार्ग दिखाती रहे, आभार !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दिलबाग जी, मेरी ब्लॉगपोस्ट को अपने इस नायाब मंच पर लाने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार सर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति सर, बेहद जरूरी नुस्खा साझा किया है आपने,जिन देशी नुस्खे को हम भुल चुके हैं उन्हें याद करने का वक़्त आ गया है,अब भी स्वदेशी ना अपनाया तो कब, दुनिया हमारी संस्कृति अपना रहीं हैं और हम...
जवाब देंहटाएंसादर नमस्कार आपको
वाह!बेहतरीन भूमिका के साथ सराहनीय संकलन आदरणीय सर।
जवाब देंहटाएंसादर
दिलबाग जी,श्रमसाध्य कार्य तथा सुंदर चर्चा प्रस्तुति के लिए हार्दिक शुभकामनाएं ।
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