मित्रों!
23 अप्रैल, 2021 को मुझे कोरोना हुआ था।
पूरे 110 दिन बाद
चर्चा मंच पर आने का प्रयास किया है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक-
"नागदेव रक्षा करें, निर्भय हों सब लोग"
श्रावण शुक्ला पञ्चमी, बहुत खास त्यौहार।
नागपञ्चमी आज भी, श्रद्धा का आधार।1।
--
महादेव ने गले में, धारण करके नाग।
विषधर कण्ठ लगाय कर, प्रकट किया अनुराग।2।
--
दुनिया को अमृत दिया, किया गरल का पान।
जो करते कल्याण को, उनका होता मान।3।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--
धीरे धीरे चलती रही !!
कभी बादलों के गाँव में
चंदा की तरह ,
कभी आसमान की छाँव में
सूरज की तरह ,
कभी धरती पर चमेली सी
उड़ती ,ठहरती महकती रही यादें
--
जिनके
घर-बार
हुए वो भी बंजारों से,
खतरा है
नदियों के
टूटते किनारों से,
चाँदनियों
के चेहरे
हैं बिना सिंगार के ।
--
---बाल कविता 'पन्द्रह अगस्त' : नागेश पांडेय 'संजय
ऋषियों मुनियो ने जब खोली घनी जटाएँ
जा अम्बर पे लिख दीं सुंदर वेद ऋचाएँ
अंतर्मन के चक्षु खुले और खिली ज्ञान की क्यारी
जिज्ञासा की जिज्ञासा(स्वामी विवेकानंद जी को समर्पित)
आजादी का अनमोल दिवस,
जिससे पहले सब थे परवश।
अंग्रेजों का शासन कठोर,
अन्याय, दमन का सिर्फ जोर।
तब लड़कर-भिड़कर, मरकर भी,
दुश्मन को दी थी हाँ, शिकस्त।
पन्द्रह अगस्त ! पन्द्रह अगस्त !
अग्निशिखा :: यायावर मेघ - - --
*बच्चों के लिए श्री बालकवि बैरागी की तेईस छोटी-छोटी कविताओं की किताब‘गीत बहार’* गीत बहार--मन का प्लेनेटेरियम | कविता | डॉ शरद सिंह
मगर
मन के
प्लेनेटेरियम में
दिनदहाड़े
चमकते, धधकते
लुभाते, बुलाते
मनचाहे ग्रह-नक्षत्र,
कभी-कभी
आवारा उल्लकाएं भी
गुज़र जाती हैं
बिलकुल क़रीब से
--
जहन में एक गाँव रहता है
जिसमें न बिजली थी
न अस्पताल था
न पाठशाला थी
न रेल गाड़ियों की
आवाजाही
न बसों की चीख-पुकार
उस गाँव में वृक्ष रहते थे
अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ
एक बंबा था
जिसमें न बिजली थी
न अस्पताल था
न पाठशाला थी
न रेल गाड़ियों की
आवाजाही
न बसों की चीख-पुकार
उस गाँव में वृक्ष रहते थे
अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ
एक बंबा था
--
नमस्ते शास्त्री जी आपके उत्तम स्वास्थ्य हेतु ईश्वर से प्रार्थना है। उत्कृष्ट लिंक संयोजन। मेरी कृति को स्थान दिया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंदुनिया को अमृत दिया, किया गरल का पान।
जवाब देंहटाएंजो करते कल्याण को, उनका होता मान।3।
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ। उतने ही सुन्दर सूत्र।
आप अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें।
सादर अभिवादन।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका।सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंसादर अभिवादन सर,
जवाब देंहटाएंआप की उपस्थिति देख बेहद खुशी हुई। अब आप पूर्णतः स्वस्थ रहें यही कामना करती हूं।
बहुत सुकून मिला आप की उपस्थिति से ! सदा स्वस्थ, प्रसन्न रहें यही कामना है
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति! सभी को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं!
जवाब देंहटाएंआदरणीय रूपचंद शास्त्री 'मयंक' जी, मेरी कविता को चर्चा मंच में शामिल करने पर आपका हार्दिक आभार एवं बहुत-बहुत धन्यवाद🌹🙏🌹
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण लिंक्स का विशिष्ट संयोजन !!!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹
मंच पर आपको सक्रिय देख कर अतीव प्रसन्नता हुई । स्वास्थ्य का ख़्याल रखें । सुन्दर सूत्र संयोजन । सादर .
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी,प्रणाम🙏
जवाब देंहटाएंआपकी मंच पर उपस्थिति बहुत ही हर्ष की अनुभूति करा गई,लगा जैसे कोई बड़ा बहुत दिनों बाद घर आया,ईश्वर आपको हमेशा स्वस्थ रखे यही कामना है ।
बहुत सुंदर सराहनीय अंक,मेरी रचना का चयन मेरे लिए बहुत गर्व का विषय है,बहुत बहुत शुभकामनाएं एवम बधाई ।
मैंने कल यहॉं एक टिप्पणी की थी। आज दिखाई नहीं दे रही।
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम सर।
हटाएंनेटवर्क नहीं होने से पब्लिश नहीं हुई होगी।
नेटवर्क प्रॉब्लम से कई बार ऐसा होता है।
आपकी उपस्थित मंच की शोभा है 🙏
सादर
स्वास्थ्य लाभ की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय शास्त्री जी सर।
जवाब देंहटाएंआपकी उपस्थिति मंच की गरिमा है।
बहुत ही शानदार प्रस्तुति सभी लिंक बेहतरीन।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
सादर।
Thanks for the post uere
हटाएं