कल सावन गया आज से भादों मास का आरंभ। भारी बारिश,बाढ़;भूस्खलन और जलभराव के लिए ज़्यादा जाना जाता है भादों का महीना। इस माह की आठवीं तिथि धार्मिक पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में भारत में श्रद्धा-भक्ति और धूमधाम से मनाई जाती है।
लीजिए प्रस्तुत हैं आज की चुनिंदा रचनाएँ-
अब कभी नहीं आओगे जानती हूँ में
आज उदासी ने घेरा है
यादे ही शेष रही अब तक।
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उस दिन मेरी बेटी ने मुझसे बेदर्द , असभ्य , अधिकारों का हनन करने वाले समाज के बीच सर्वाइव करने का पहला पाठ पढ़ा। और जाना कि आप कितनी भी मजबूत या कमजोर जमीन पर क्यों न खड़े हों लेकिन अपनी लड़ाई आपको अपने हौसलों से खुद तो लड़नी ही पड़ेगी। बिना लड़े जीत कोई दूसरा आपको तश्तरी में रख कर भेंट नहीं कर सकता ।
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4.अफगानिस्तान में ‘प्रतिक्रांति’
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5. गृह लक्ष्मियाँ...
6. सलीके से जो देखो आईना चेहरा दिखा देगा
मगर फिर भी, मेरे महबूब का नाम आप मत पूछो
सलीके से जो देखो आईना चेहरा दिखा देगा
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7. ऊपर वाले से मांगो तो हमेशा ये मांगो...खुशदीप
एक और समस्या युवा साथियों के सामने पेश आ सकती है. वो है अपना बर्ताव तो हम कंट्रोल में रख सकते हैं लेकिन दूसरों का क्या करें. वो हमारे साथ ठीक से पेश नहीं आ रहे. एक सूरत तो ये हो सकती है कि आप भी उनसे ठीक से पेश न आए. या फिर उनसे बात ही करना बंद कर दें. लेकिन इसका नतीजा क्या निकलेगा. माहौल नकारात्मक बनेगा, आपके अंदर खुद भी निगेटिविटी आएगी जो निश्चित तौर पर आप पर भी असर डालेगी.
8. वह एकाकी तारा | कविता | डॉ शरद सिंह
तारों के बीच
अपने होने का उद्देश्य
और अकुलाकर
ढूंढता है अपना 'ब्लैक होल'
क्योंकि उसने सुन रखा है
जो तारा टूटता नहीं
उसका होता है अंत
'ब्लैक होल' में
जो होती है
एक अनन्त यात्रा की
शुरुआत
आकाशगंगा से परे
मृत्यु के समकक्ष
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9. हमारा घर-31
"तुम्हें तो रमन की नौकरी का पता ही है।आज बैंगलोर जा रहा तो कभी चेन्नई ,ऐसे ही पिछले महीने अचानक चेन्नई की जगह एन मूवमेंट पर बॉस ने जयपुर भेज दिया।बस मैडम के दिमाग में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा है। ऊपर से उसके किसी दोस्त ने रमन के साथ अपने बच्चों की फोटो सेंड कर आग में घी डालने का काम कर दिया..!
"तो दिया ने रमन से झगड़ा कर लिया..?
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10. अव्यक्त
भीड़ के कुछ लोग आगे आये थे पर वापस चले गए , सुना शायद किसी ने पुलिस को इत्तिला किया है ,रात होने को है कल सुबह होगी देखा जाएगा / जिसका जो कार्य होगा करेगा ,फिलहाल अभी वक्त विलंबित है।
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आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगले सोमवार।
रवीन्द्र सिंह यादव
सभी को पवित्र रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। साथ ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी की भी अग्रिम शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआज की चर्चा में भादों माह के आगमन की अनुभूति हुई।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसादर
भादो के आगमनात्मक प्रस्तुति का आकर्षक अंदाज । सुन्दर सूत्रों का संकलन । हार्दिक आभार एवं शुभकामनाएँ ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंचर्चाकार का बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सराहनीय अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा अंक, मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसुंदर भुमिका के साथ शानदार लिंक चयन सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर।
सुंदर चर्चा।