सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
(शीर्षक आदरणीया आशा लता जी की रचना से )
आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
परमात्मा हमें सद्बुद्धि प्रदान करें
इसी प्रार्थना के साथ चलते हैं आज की रचनाओं की ओर...
------------------------------------------
Akanksha-बाँसुरी कान्हां की
कान्हां तुम्हारी बाँसुरी का स्वर
लगता मन को मधुर बहुत
खीच ले जाता वृन्दावन की गलियों में
मन मोहन जहां तुम धेनु चराते थे
-----------------------------
मन के पाखी-विचार
विचार
मन के कोरे कैनवास पर
मात्र भावनाओं की
बचकानी या परिपक्व कल्पनाओं के
खोखले कंकाल ही नहीं गढ़ते
विचार बनाते है
------------------------
जब हम ‘नर हो, न निराश करो मन को’ पंक्ति को सुनते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कोई हमें चुनौती देते हुए कह रहा हो कि मानव होकर तुम सांसारिक जीवन की छोटी कठिनाइयों से घबरा जाते हो क्योंकि तुमने अभी तक जीवन की बाधाओं का सामना करना नहीं सीखा है।
--------------------------------
Sudhinama-गोल्डन चांस
हमारे देश की कई दुखी आत्माओं के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है ! दुनिया में इसी ज़मीन पर एक और जन्नत का अवतरण हुआ है ! एक और नितांत पाक साफ़ देश अस्तित्व में आ गया है जहाँ सारे कायदे क़ानून शरीया के लागू होते हैं, तीन तलाक पर कोई पाबंदी नहीं है,
---------------------------
Editor Blog-सुधार का कोई शार्टकट नहीं होता
मैं जानता हूं कि जीवन में सकारात्मकता सबसे महत्वपूर्ण होती है, लेकिन यहां हालात वैसे नहीं हैं, हम केवल उत्सवी आनंद में जीने वाली विचारधारा के होकर रह गए हैं। हमें एक ही दिन खुश होना है, एक ही दिन परिवार के साथ बैठना है,
-----------------------------
मेरी अभिVयक्ति-यूँ देखकर हमको क्यूँ #किनारा कर लिया !
यूँ देखकर हमको क्यूँ किनारा कर लिया ,
मन को बेघर कर क्यूँ बंजारा कर दिया ,
पलकों से नींदों को नौ दो ग्यारह कर दिया ,
होठों की हंसी पर भी एक ताला जड़ दिया ।
-------------------------------
मेरे मन के भाव-हमारा घर-37
"अपने भाई सा को ऐसे आश्चर्य से मत देखो। तुम्हारे रमन भाई सा मेरे पति है।और मैं तुम्हारी भाभी सा की छोटी बहन हूँ दिया..!"
"यह सच्ची कह रहीं हैं क्या भाभी सा ? क्या यह सच में थारी बहन है..?"झुमकी ने पूछा।
"हाँ झुमकी.. सिर्फ यही नहीं यह दोनों भी मेरी बहनें हैं।यह मुझसे छोटी प्रिया उसके बाद यह दिया और सबसे छोटी यह जूही है। रमन और दिया पति-पत्नी हैं इसलिए उसे तुम्हें रमन के साथ देखकर गलतफहमी हो गई..!"
---------------------
श्रीसाहित्य-दोहे - लीलाधारी कृष्ण कन्हैया
आदि अविनाशी अंतर्यामीअवतार तूं,।
कृष्ण कन्हैया, केशव ,कमला के भरतार तूं।
कालीमर्दन ,कंसनिकंदन, करुणानिधि ,करतार तूं।
--------------------------------
वोकल बाबा -श्रीकृष्णजन्माष्टमी विशेष
------------------------------------
आज का सफर यही तक
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
आज कान्हा की मधुर बाँसुरी सी ही चर्चामंच की मधुर टेर सुनाई दी है ! सभी सूत्र बहुत ही आकर्षक एवं पठनीय ! मेरे संक्षिप्त से व्यंग को सम्मिलित किया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे ! श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आप सबको अग्रिम शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआदरणीय मेरी प्रविष्टि् को "बाँसुरी कान्हां की"(चर्चा अंक- 4171) पर स्थान देने के लिये सादर धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ सुंदर और बढ़िया , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयाँ ।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आप सबको बहुत शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ । जय श्रीकृष्णा ।
बहुत सुंदर सारगर्भित रचनाओं का संकलन, बहुत शुभकामनाएँ कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद कामिनी सिन्हा जी!
बहुत बहुत आभारी हूं आपका...मेरी रचना को सम्मान देने के लिए साधुवाद।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर सूत्रों से सजी उत्सव के भाव उत्पन्न करती सराहनीय प्रस्तुति प्रिय कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंसुगढ़ प्रस्तुति में मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार आपका।
सस्नेह शुक्रिया।
देरी के क्षमाप्रार्थी हूँ। चर्चा-मंच की बाकी प्रस्तुतियों की तरह आज की प्रस्तुति भी शानदार और प्रभावित करने वाली है। मुझे चर्चामंच का हिस्सा बनाने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसुरुचिपूर्ण लिंकों से सजा शानदार चर्चाअंक लाने हेतु आप बधाई की पात्र हैं प्रिय कामिनी। आपने मेरा निबंध अंक में शामिल किया, इसके लिए हृदयपूर्वक धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक मनभावन लिंकों से सजा संवरा।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।
सादर सस्नेह।