सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
शीर्षक आदरणीय संदीप जी की रचना से
"जिन्दगी "कैसी पहली
कभी हँसाती है कभी रुलाती है....
मगर फिर भी मन को लुभाती है....
ख़ैर,आईये चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....
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अहा ये जिंदगी
मेरी
श्वास
की गति
प्रभावित करती है
तुम
जीतोगी
क्योंकि
तुम्हारी मुस्कान तुम्हारी ताकत है
और
मेरी भी...।
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अबोलापन
बाँधता है
संवाद से पहले
होनेवाली
भावनाओं की
उथल-पुथल को
साँसों की डोरी से ।
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'महत्त्वहीन' (कहानी)
दो दिन पहले कुछ पुराने कागज़ात ढूंढने के दौरान मुझे अनायास ही कॉलेज के दिनों में लिखी अपनी कहानी 'महत्त्वहीन' की हस्तलिखित प्रति मिल गई, जिसे उस समय हुई अन्तर्महाविद्यालयी कहानी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला था। मुझे कहानी का मूल कथानक तो अभी तक स्मरण था, किन्तु कहानी में समायी उस समय की मौलिकता को नये रूप से यथावत लिख पाना मेरे लिए सम्भवतः दुष्कर कार्य था। -----------------बचपन के दोस्त
याद करें वो घड़ियाँ,
जब खेलते थे हम ताई की बनाई गुड़ियाँ,
मन की ढेरों यादों से,
अपनी कुछ नन्ही सी यादें चुरा लें ।
चलो...
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उद्गम - -
सहस्त्र धाराओं में बहती है भूमिगत नदी,
वक्षस्थल के ऊपर, निझूम पड़ी
रहती है चंद्रप्रभा की चादर,
उठते गिरते निश्वासों में
जागता रहता है मरू
प्यास रात भर,
न जाने
किस
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टोक्यो ओलंपिक: नॉर्वे की टीम ने क्यों किया ‘बिकिनी’ का विरोध??
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--------------------आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दें
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
सुप्रभात...। आभार आपका कामिनी जी...।। मेरी रचना और शीर्षक को मान देने के लिए साधुवाद...। कुछ रचना केवल कविता नहीं होती... वह जिंदगी के खूबसूरत तोहफे की तरह हो जाती हैं..। बेटी और पिता के बीच एक खूबसूरत सा अबोला रिश्ता होता है, मैंने इसे शब्द दे दिए हैं...। बेटी के बचपन के साथ आप भी चाहें तो एक खुशियों की बेल लगा लीजिए... यकीन मानना वह बेल ताउम्र हरी रहेगी...। खूब आभार.।।।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने संदीप जी,बेटियां खुशियों की अमर बेल ही तो होती है जो पास हो या दूर जीवन में आनंद ही दैती है। परमात्मा ने मुझे भी एक बेटी देकर धन्य किया है। आभार आपका मंच पर उपस्थित होने के लिए,सादर नमन
हटाएंमेरी कहानी 'महत्त्वहीन' को इस प्रतिष्ठित पटल पर स्थान देने के लिए स्नेहिल अभिवादन के साथ आभार महोदया कामिनी जी! इस सुन्दर अंक में प्रतिष्ठा पाने वाली अन्य रचनाओं के रचनाकारों को भी सस्नेह नमस्कार!
जवाब देंहटाएंमंच पर उपस्थित होने के लिए हृदयतल से धन्यवाद एवं नयन सर
हटाएंआभारी हूँ कामिनी दी मेरे सृजन को मंच पर स्थान देने हेतु।
जवाब देंहटाएंसमय मिलते ही सभी रचनाओं पर प्रतिक्रिया दूँगी।
बेहतरीन संकलन हेतु हार्दिक बधाई।
सादर
आभार अनीता
हटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ज्योति जी
हटाएंकामिनी जी,वैविध्यपूर्ण रचनाओ से सज्जित आज का अंक बहुत ही सुंदर और सराहनीय है,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार,शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जिज्ञासा जी
हटाएंहमेशा की तरह मोहक व आकर्षक रचनाओं से सज्जित चर्चा मंच बहुत कुछ लिखने को प्रोत्साहित करता है, मुझे शामिल करने हेतु असंख्य आभार - - नमन सह आदरणीया।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद एवं नयन सर
हटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भारती जी
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