सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
(शीर्षक आ. अनुराधा जी की रचना से )
सावन की रिमझिम बूंदो की थिरकन और बागों में झूलों की बहार....
हरियाली तीज की ये यादें शायद ही कभी भूल पाएंगे....
जाने कहाँ गये वो दिन....
खैर,जो बीत गये उसे कहाँ तक याद करे....
आप सभी को हरियाली तीज की हार्दिक शुभकामनायें
चलते हैं आज की रचनाओं की ओर....
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हे गोविंद.. हे कृष्ण मुरारी…
मंदिर की घंटियों सी
कानों मे गूंजती
मीठी सी आवाज से
खुलती थी नींद..
पसरे हुए सन्नाटे के बीच
मुझसे बोलता हुआ अनहद
कुछ मुझको जता गया
जड़ से चेतना ,
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-------------------------------हौंसले के पैरों खड़ा अब तक
प्रकृति ने हमें जीवन दिया और हमने उसके शरीर की शिराओं में काला जहर घोल दिया है...। पता नहीं हम कैसे हैं...हमने प्रकृति पर आंखें मूंद रखी हैं...। मैं काफी देर ठिठका सा रह गया... वो पेड़ अपने आत्मबल पर खड़ा था वरना हमने तो उसकी जड़ों में जहर घोल ही दिया है...।प्रकृति ने हमें जीवन दिया और हमने उसके शरीर की शिराओं में काला जहर घोल दिया है...। पता नहीं हम कैसे हैं...हमने प्रकृति पर आंखें मूंद रखी हैं...। मैं काफी देर ठिठका सा रह गया... वो पेड़ अपने आत्मबल पर खड़ा था वरना हमने तो उसकी जड़ों में जहर घोल ही दिया है...।======================हरियाली तीज की 15 शुभकामनाएं
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है, वहीं कुंवारी लड़कियां मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया, फिर भी माता को पति के रूप में शिव मिल न सके!
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आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दें
आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें
कामिनी सिन्हा
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन । सभी लिंक्स अत्यंत सुन्दर । संकलन में मेरे सृजन को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार कामिनी जी।
जवाब देंहटाएंकामिनी जी, आज का अंक विविध रचनाओं से सज्जित,सराहनीय और पठनीय है, कुछ रचनाओं पर गई,कुछ पर अभी जाना है, आपके श्रम को असंख्य नमन,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार और अभिनंदन, शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया।
जवाब देंहटाएंमंच पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने हेतु आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंक्षमाप्रार्थी हूँ... देर से प्रतिक्रिया दे रहा हूँ...। आभार आपका कामिनी जी...। सुंदर अंक...और साधुवाद
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