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मंगलवार, अगस्त 24, 2021

"कटु यथार्थ"(चर्चा अंक 4166)

सादर अभिवादन 
आज  की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। 
(शीर्षक आदरणीया मीना भरद्वाज जी की रचना से )

आज बिना किसी भूमिका के चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....

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आहान"कटु यथार्थ"




"यहाँ पर तो एक फैमिली रहती थी पहले अभी तो बड़ी

सुनसान लग रही है यह हवेली ।" 

बहुत समय के बाद बाहर से लौटे अंशुमन ने अपने दोस्त समीर

से चाय पीते हुए पूछा । वैसे उसे याद तो 'एक फैमिली' की

इकलौती लड़की का नाम भी था और उसके पिता का नाम

भी मगर दोस्त और उसकी पत्नी के आगे बोलना नहीं

चाहता था ।


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जब हर तरफ से उंगली उठती है
तो बड़ी घबराहट
अकबकाहट होती है
लेकिन उस बेचैन स्थिति में भी
सारथी बने हरि साथ होते हैं

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कभी-कभी किसी शब्द का अर्थ समय के साथ बदल, कैसे विवादित हो जाता है, उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है शब्द ''गोरखधंधा'' ! पता नहीं कब और कैसे धीरे-धीरे इस का प्रयोग गलत कार्यों की व्याख्या के लिए होने लग गया। यह शब्द चर्चा में तब आया जब हरियाणा सरकार ने इसके अर्थ को अनुचित मान इस पर प्रतिबंध लगा दिया ! 


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जागो भारत के

भरतपुत्र

सरहद पर कर दो शंखनाद ।

फिर शांति 

अचम्भित, विस्मित है

फिर मानवता के घर विषाद ।


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जिज्ञासा की जिज्ञासा-टूटा तारा




टूटा तारा
शायद टूटे
मन को भाया ।
अपनों ने दोनों 
को खुद से
तोड़ गिराया ।।

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कुछ तड़फती आत्मायें जो भोग विलास करने के लिए शिक्षा में आई और ब्यूरोक्रेट्स ना बन पाने के अपराध बोध में आकर शिक्षा में नवाचार के नाम पर व्याभिचार शुरू किए थे - वे आज कहते है कि "अलाना - फलाना पोलिटिकल व्यक्ति है", और इन गंवारों और ढपोरशंखियो को यह सरल बात समझ नही आती कि शिक्षा, साक्षरता या विकास में काम करना ही पोलिटिकल होना है

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परमस्नेही प्रबुद्ध पाठक और कलमकार मित्रों,
पिछले सप्ताह के अंक में मैंने लिखा था कि हर कहानी के किरदारों के साथ एक और किरदार,  उसका पाठक साथ- साथ चलता  है, दृश्य या अदृश्य रुप में। इसे कोई भी कहानीकार नजरअंदाज नहीं कर सकता। इसपर आ उषा वर्मा जी की बहुत सुंदर टिप्पणी आयी है। 


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गुज़ारिश हैं करवटें बदलते रातों की l  
खुलूस रातें बहके हो थोड़ी रूमानी सी ll

महके हिना गुलबदन काफिर की l
फ़रियाद कर रही रूह साँसों की ll

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हिन्दुकुश से लेकर म्यांमार तक हमने
देखा है, वही मासूम चेहरे चीखते
हुए, कांटेदार तारों के बीच
हाथ बढ़ा कर जीवन
की भीख मांगते
हुए, उड़ते
विमान
से

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आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दें आप सभी स्वस्थ रहें,सुरक्षित रहें कामिनी सिन्हा 

10 टिप्‍पणियां:

  1. आप का पोस्ट संयोजन शानदार है।
    Very useful information. Thanks Sir.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। सभी सूत्रों की रचनाओं के अंश रोचक व प्रभावित करने वाले । दिन भर में पढ़ने के लिए बेहतरीन सूत्र उपलब्ध करवाने के लिए और संकलन के शीर्षक रूप में मेरी रचना को चयनित करने के लिए आपका हार्दिक आभार कामिनी जी ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर सूत्रों से सजाई गयी उपयोगी चर्चा...
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी.

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत शानदार प्रस्तुति।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    सभी रचनाएं बहुत आकर्षक।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर संकलन का संयोजन किया है आपने मीना जी, मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।आपको बहुत शुभकामनाएँ एवं बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. उत्साहवर्धन करने हेतु आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं नयन

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
    सादर

    जवाब देंहटाएं

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