मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
--
"शीतलता का अन्त हुआ"
"बैशाखी की धूम"
--
"गुलमोहर का रूप सबको भा रहा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--
अमर लेखनी कितनों ने किया है त्याग , कितनों ने किया बलिदान। कितने मर कर जीवित है, कितनों का मिटा निशान।।
- अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर, कानपुर।--
दौलत वालों के सब ठाठ निराले हैं
--
बहुत जरूरी है पहुँचनासामान बाँधते बमुश्किल कहते पिताबेटी जिद करतीएक दिन और रुक जाओ न पापाएक दिन
--
निठल्लों की फ़ौज और नेताओं की मौज
--
--
ज़मज़म ही चाहिए न सादा आब चाहिए ।। गंगा का जल न रूद ए चनाब चाहिए ।। बेशक़ तड़प रहा हूॅं प्यास से मगर मुझे , दो घूॅंट ही सही फ़क़त शराब चाहिए ।। -डाॅ. हीरालाल प्रजापतिडॉ. हीरालाल प्रजापति का "कविता विश्व"
--
--
हार कर भी मुस्कुराना ही तेरी जीत है
हार कर भी मुस्कुराना ही तेरी जीत है,
बीते लम्हों को भूल जाना ही
दुनिया की रीत है।
--
मुठी भर कलम तबा की स्याही, ताको विद्या कभऊँ न आई
नए-नए पेन का उपयोग करने का अपना ही मजा है, बस उसी मजे को लेते हुए घर आते ही उसमें स्याही भरी गई और लिखना शुरू. ऐसे ही एक दिन अपने कमरे में बैठे कुछ लिखा पढ़ी हो रही थी. उसी समय सबसे छोटे वाले भाई का आना हुआ. उसने पेन देखा और आश्चर्य से उसे अपने हाथ में लेकर बोला, ये तो बहुत अच्छा लग रहा, बहुत छोटा भी है. उसकी आँखों की चमक बता रही थी कि अगले को वो पेन चाहिए है. यहाँ एक पल रुक कर आप सबको बता दें कि पेन, घड़ी के शौक भी उसे हमारी तरह रहे हैं. हमने कहा कि वो पेन रख दो, तुम्हारे लिए अलग रखा है एक पेन.
--
--
पाकिस्तान के ‘हाइब्रिड-प्रशासन’ का रूपांतरण
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के साथ ही 70 साल के शहबाज़ शरीफ़ की पांच शादियां भी सुर्खियों में आ गई है. इस मामले में वे पीटीआई नेता इमरान ख़ान से भी दो कदम आगे हैं. इमरान ख़ान ने जेमिमा गोल्डस्मिथ, रेहम ख़ान और बुशरा बीबी से शादियां कीं जिनमें जेमिमा और रेहम से उनका तलाक हो चुका है.
इमरान की तीन शादियों के मुकाबले शहबाज़ पांच शादियां कर चुके हैं. तीन पत्नियों से वो तलाक ले चुके हैं.
--
नहीं चाहती आर्त हृदय की
मेरी कोई भी पुकार अब
कभी भी तुम तक पहुँचे,
नहीं चाहती व्यथा विगलित
मेरा एक भी शब्द कभी भूले से भी
तुम्हारी आँखों के सामने से गुज़रे
--
आज लिए बस इतना ही...!
--
सुप्रभता
जवाब देंहटाएंआभार सहित धन्यवाद आज के अंक में मेरी रचना को आज के अंक में स्थान देने के लिए |
बहुत ही सार्थक और सामयिक चर्चा। इस चर्चा में मेरी रचना को स्थान देने के लिए मंच का आभार🙏🙏
जवाब देंहटाएंसार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी रचना को भी स्थान दिया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स।सादर अभिवादन
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच में सभी प्रस्तुतियाँ शानदार.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सराहनीय रचनाओं से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक। मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय शास्त्री जी । आपको मेरा नमन और वंदन ।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतियाँ चर्चा में स्थान देने के लिए मंच का आभार
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंसुंदर हृदय स्पर्शी अंक
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएं