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रविवार, अप्रैल 17, 2022

"कोटि-कोटि वन्दन तुम्हें, पवनपुत्र हनुमान" (चर्चा अंक 4403)

सादर अभिवादन 

रविवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 

शीर्षक और भूमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से  

बिगड़े काम बनाइए, बनकर कृपा निधान।
कोटि-कोटि वन्दन तुम्हें, पवनपुत्र हनुमान।। 

पवनपुत्र हनुमान हम सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखें 
इसी कामना के साथ और उन्हें सत-सत नमन करते हुए 
चलते हैं,आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...

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दोहे "कोटि-कोटि वन्दन तुम्हें, पवनपुत्र हनुमान" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')



जिनके हृदय-अलिन्द में, रचे-बसे श्रीराम।
धीर-वीर, रक्षक प्रबल, बलशाली-हनुमान।।
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महासिन्धु को लाँघकर, नष्ट किये वन-बाग।

असुरों को आहत किया, लंका मे दी आग।।

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हनुमान



चैत्र माह की पूर्णिमा,प्रकट हुए हनुमान ।

राम नाम उर में धरे ,करें राम का ध्यान।।


मारुति सुत हनुमान हैं,अनघ रुद्र अवतार।

रामदूत बजरंग जी ,करते  बेड़ा  पार ।।


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निरभ्र गगन खुलता जाता


नील वितान धरा को थामे 

मन मेघ देख क्यों कँप जाता, 

पल भर में छँट जाते बादल 

नीरव अंबर खुलता जाता !


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कर्म पर भारी पड़ती, किस्मत



कहानी कुछ पुरानी जरूर है पर है बड़ी दिलचस्प। जो यह बताती है कि कर्म के साथ किस्मत का सांमजस्य होना कितना जरुरी  होता है ! बात उन दिनों की है जब आधुनिक संचार व्यवस्था का नाम भी लोगों ने नहीं सुना था ! लोग आने-जाने वालों, व्यापारियों, घुम्मकड़ों, सैलानियों से ही देश विदेश की खबरें, जानकारियां प्राप्त करते रहते थे। ऐसे ही अपने आस-पास के व्यापारियों की माली हालत अचानक सुधरते देख छोटी-मोटी खेती-बाड़ी करने वाले जमुना दास ने अपने पड़ोसी की मिन्नत चिरौरी कर उसकी खुशहाली का राज जान ही लिया।
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बहुत विचलित करती हैं "अडिग" की कविताएं : पुष्तक समीक्षा


उक्त काव्य संग्रह के कवि सूबेदार बलबीर सिंह राणा 'अडिग' भारतीय सेना का गौरव हैं । उन्होंने कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखाने के साथ-साथ सरहद पर अनेक अवसर पर शत्रु के विरुद्ध मुठभेड़ अभियानों में भाग लिया है। चमोली जिले के मटई (ग्वाड़) गाँव के निवासी 'अडिग' शांतिरक्षक सेना के अंग के रूप में कांगो(अफ़्रीका) में भी सेवारत रहे हैं। इसके अलावा वे  'अडिग शब्दों का पहरा' हिंदी में और 'उदंकार' नाम से गढ़वाली भाषा में ब्लॉग लेखन करते हैं। ब्लैक कैट कमांडो रह चुके श्री राणा अच्छे बॉक्सर भी हैं।
--------------------------------मनुष्य से पहले: M से Megalodon


 इस शृंखला में अब कुछ दिनों तक मैं  ऐसे जीवों पर ध्यान केंद्रित करूँगा जो कि जल में रहा करते थे। यह तो हम जानते ही हैं कि जल में जीव पहले पैदा हुए लेकिन यह भी एक तथ्य है कि समुद्र की गहराई का जल धरती में पाये जाने वाले विशालकाय जीवों का घर रहा है। कुछ तो आज भी उधर निवास करते हैं।
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एक ग़ज़ल-उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को समर्पित


हरेक रावण की लंका में अब बुल्डोजर चलाता हूँ

कभी मैं शंख,घंटा और कभी डमरू बजाता हूँ

सनातन धर्म का रक्षक हूँ मठ,मन्दिर सजाता हूँ


मनोहर स्फटिक पर अब सिया संग राम बैठे हैं

मैं सरयू के किनारे अब विजयदशमी मनाता हूँ


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 जब आप अपना दिन शुरू करते हैं.. अपनी जेब में 3 शब्द रखें..

कोशिशसच ,विश्वास...

तो सफलता आपके कदमों में होगी! 

बहुत ही सुंदर विचार 

ग्रीन मैन नरपत सिंह राजपुरोहित जी को सत-सत नमन 

और हार्दिक शुभकामनायें 

जब आप अपना दिन शुरू करते हैं. अपनी जेब में 3 शब्द रखें..


ग्रीन मैन नरपत सिंह राजपुरोहित 20 अप्रैल को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करने वाले हैं आपने साईकिल पर जम्मू-कश्मीर से यात्रा प्रारंभ की थी 2019 से जोकि जयपुर में समाप्त होने वाली है 20 अप्रैल को इस दौरान साइकल से आपने 25 राज्य 4 केंद्र शासित राज्य में अपनी साईकिल यात्रा की है जो कि दुनिया की सबसे ज्यादा साइकिलिंग चलाने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज करने वाले हैं।

------------------------------अब कुछ स्वस्थ संबंधित जरूरी जानकारी सबसे आवश्यक स्वास्थ्य सूत्र -सतीश सक्सेना


मृत्युभय निकालना होगा अगर ऐसा न कर सके तो बढ़ती बीमारियों का बोझ कम न होकर बढ़ता ही जाएगा आपकी आंतरिक जीवन रक्षा शक्ति को मजबूत बनाने का एक ही तरीका है कि आप बीमारियों को महत्व न दें उनपर ध्यान न दें और ऐसा निडर होकर करें प्राकृतिक तैर पर ठीक होने का विश्वास बनाये रखें कि आपकी आंतरिक रक्षा शक्ति बेहद ताकतवर है और प्रकृति द्वारा शरीर को सौ वर्ष जीवित रखने के लिए डिजाइन्ड है जबकि मेडिकल साइंस के तथाकथित रक्षक खुद को इतने वर्ष नहीं बचा पाते हैं !
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सेनेटरी पैड की तुलना में मेंस्ट्रुअल कप क्यों बेहतर है?
दोस्तों,आज मैं एक ऐसे विषय पर...सेनेटरी पैड और मेंस्ट्रुअल कप पर बात करना चाहती हूं जिस पर सहसा कोई बात नहीं करता है। क्योंकि ये विषय सिर्फ़ महिलाओं की सेहत से जुड़ा हुआ नहीं है तो ये संपुर्ण मानव जाती, संपुर्ण प्राणि जगत और पूरी धरती से जुड़ा है। आप कहेंगे कि माहवारी तो महिलाओं को ही आती है तो फ़िर सेनेटरी पैड या मैंस्ट्रुअल कप का संपुर्ण मानव जाती या धरती से क्या संबंध है? 
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आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे 
आपका दिन मंगलमय हो 

कामिनी सिन्हा 

7 टिप्‍पणियां:

  1. रोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा। आभार।

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  2. बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी|

    जवाब देंहटाएं
  3. उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।

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  4. सुप्रभात! सराहनीय तथा उत्तम जानकारी देती हुई रचनाओं का सुंदर संकलन, आभार!

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  5. वेहतरीन संकलन, हार्दिक आभार कामिनी जी, मेरी कविता संग्रह "सरहद से अनहद' की समीक्षा को चर्चा मंच तक लाने हेतु कृतज्ञ हूँ.

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  6. Bahut hi umda Charcha Manch ki aaj ki post .... बहुत-बहुत aabhar dhanyvad aadarniy Kamini ji

    जवाब देंहटाएं

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