सादर अभिवादन।
शुक्रवारीय प्रस्तुति में आपका हार्दिक स्वागत है।
शीर्षक व काव्यांश आदरणीया अमृता तन्मय जी की रचना 'तुम्हें अमिरस पिलाना है' से -
देखो न हर बूँद में ही, ऐसे अमृत टपक रहा है
देखो तो जो चातक है, उसे कैसे लपक रहा है
कहाँ खोकर बस तू, क्यों पलकें झपक रहा है
आओ! अंजुरी भर के, तुम्हें अमिरस पिलाना है
हाँ! तुम्हें छू कर, गीतों का अंकुर फिर उगाना है ।
आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
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दोहे "तरस रहा माँ-बाप की, सुनने को आवाज़"
जब-जब तेरे, सारे दुख कल्पित हो जाए
जाने-अनजाने में ही, मन निर्मित हो जाए
उसमें स्थायी सुख भी, सम्मिलित हो जाए
तब-तब मुझे, तेरे विवश प्राणों तक आना है
तुम्हें छू कर, गीतों का अंकुर फिर उगाना है
---कितना अलग है यह रिश्ता
उन सारे रिश्तों से,
जो मैं कभी जी न सका,
पर ज़िन्दगी-भर निभाता रहा.
गाढ़ अंधकार, चंद्र विहीन आकाश
में है बदस्तूर सितारों का
उत्थान - पतन, शूल
सेज पर होता है
तब अक्सर
एकाकी
ये जीवन, झुरमुटों से झांकते हैं कुछ -
आत्मीय स्वजन,
आज देवरानी जेठानी परिचर्चा में शांति की आंखें पूरी तरह गीली होकर बह चलीं, उस महामना जेठानी की याद में ।
आज का सफ़र यहीं तक
@अनीता सैनी 'दीप्ति'
सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित संक्षिप्त चर्चा ! मेरी रचना को इसमें शामिल किया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंपठनीय लिंको के साथ बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएं--
आपका आभार अनीता सैनी 'दीप्ति' जी!
बहुत ही सुंदर और सार्थक चर्चा।सभी की रचनाएँ उच्चस्तरीय और प्रेरणादाई🌷🌷🙏🙏👍👍
जवाब देंहटाएंसुंदर और सार्थक सूत्रों को संजोया है
जवाब देंहटाएंसाधुवाद आपको
सभी सम्मलित रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर
सार्थक रचनाओं से परिपूर्ण सराहनीय अंक ।
जवाब देंहटाएंरचनाएँ पढ़ीं, उम्दा चयन प्रिय अनीता जी ।
मेरी लघुकथा शामिल करने के लिए हृदय से आभार ।
सादर शुभकामनाएँ ।
उम्मदा संग्रह से सजा सराहनीय अंक ,हमारी रचना मो शामिल करने के लिए ह्रदय से आभारी हूँ अनिता जी ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा अंक प्रिय अनीता, मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद। सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
जवाब देंहटाएंवाह अनीता जी, सभी लिंक बहुत ही शानदार रहे...और देवरानी जिठानी की बातें हों या अमृता जी की कविता, कामिनी जी की कोयलिया हो या उर्मिला जी की नारी मनोव्यथा...सभी पढ़कर आनंद आ गया...
जवाब देंहटाएंसराहनीय संकलन!!! बधाई और आभार!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा.मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंआकर्षक एवं पठनीय सूत्रों का रह वटवृक्ष सतत् विस्तारित होता रहे यही हार्दिक कामना है। नित नये-नये गीतों का यूँ ही अंकुरण होता रहे जिससे तृषित हृदय तृप्त हो। हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आभार।
जवाब देंहटाएंसैनिक अंतिम साँस तक डटा रहता है यही मेरा प्रयास रहेगा। आपका स्नेह अनमोल है।
हटाएंसादर स्नेह