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गुरुवार, फ़रवरी 25, 2010

“मिलने का मौसम आया है” (चर्चा मंच)

"चर्चा मंच" अंक-74
चर्चाकारः डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
आइए आज का
"चर्चा मंच" सजाते हैं-  
आज की चर्चा में केवल पोस्ट का शीर्षक, रचनाकार का नाम और ब्लॉग के नाम ही है!  तात्पर्य यह है कि आप यही से आधी-अधूरी पोस्ट न पढ़ें अपितु चर्चित पोस्ट पर भी जायें!   

निवेदन यह  है कि यदि आप
पल-पल! हर पल!! http://palpalhalchal.feedcluster.com/

में अपना ब्लॉग शमिल कर लेंगे तो
मुझे
चर्चा मंच में आपका लिंक उठाने में सरलता होगी।

ऑपरेशन कनखजूरा 
Feb 25, 2010 | Author: Udan Tashtari | Source: उड़न तश्तरी ....
बड़े आदमी की पूछ है, छोटे को कौन पूछे. -यही चलन है. [read more]
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मिलने का मौसम आया है : रावेंद्रकुमार रवि
Feb 25, 2010 | Author: रावेंद्रकुमार रवि | Source: रवि मन
मिलने का मौसम आया है [read more]
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नखरे वारे सजन
Feb 25, 2010 | Author: वन्दना | Source: ज़ख्म…जो फूलों ने दिये
ओ रे सजन, प्यारे सजन नखरे वारे सजन फाग का महिना आ गया है होरी का रंग भा गया है तन मन ऐसे भीग रहे हैं प्रेम रस में सींच रहे हैं यूँ ना करो बरजोरी गोरी से न करो ठिठोली बैयाँ ऐसे ना पकड़ो सजना रंग अबीर मलो मुख पे ना ऐसे करो ना बरजोरी नाजुक कलइयां है मोरी सजना ऐसे मचल रहे हैं भाँग सुरू ... [read more]
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मेरी पोस्ट पर मठाधीशों की बात करने वाला कुत्ते का पिल्ला है!!
Feb 25, 2010 | Author: बी एस पाबला | Source: ज़िंदगी के मेले
यह बिल्कुल सत्य घटना है, ना तो होली के मूड वाली कोई पोस्ट है और ना ही किसी तरह की मौज या हास्य व्यंग्य वाली पोस्ट। शीर्षक भी बिल्कुल ठीक ही है। कोई गलतफहमी ना रह जाए इसलिए एक बार फिर लिख देता हूँ कि मेरी पोस्ट पर मठाधीशों की बात करने वाला कुत्ते का पिल्ला है। [read more]
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पता नहीं मन की ये दुविधा कब पीछा छोडेगी
Feb 25, 2010 | Author: पं.डी.के.शर्मा"वत्स" | Source: कुछ इधर की, कुछ उधर की
मालूम नहीं क्यों, कभी कभी तो ऎसा लगने लगता है कि ये ब्लागिंग,फ्लागिंग कुछ नहीं--सब फालतू की टन्टेबाजी है--ऎसा लगता है कि अपनी कोई खुशी, कोई दुख, कोई जानकारी, मन में आया जरा सा कोई विचार अपने तक ही सीमित न रख पाना और उसे झट से एक पोस्ट के जरिये ठेल देना बिल्कुल एक भोले बालकपन का सा काम है। जब कभी ... [read more]
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द संडे पोस्ट में 'कुछ भी कभी भी', 'ई ब्लॉग टिप्स', 'ब्लॉग बुखार', 'कुछ मेरी कलम से' तथा 'ब्लॉग मदद'
Feb 25, 2010 | Author: बी एस पाबला | Source: प्रिंट मीडिया पर ब्लॉगचर्चा
साप्ताहिक द संडे पोस्ट, 21-18 फरवरी 2010 अंक के पाक्षिक स्तंभ 'ब्लॉगनामा' में दिल्ली की हालिया ब्लॉगर मीट के साथ साथ कुछ भी कभी भी, ई ब्लॉग टिप्स, ब्लॉग बुखार, कुछ मेरी कलम से तथा ब्लॉग मदद जैसे ब्लॉग्स का उल्लेख करता एक लेख [read more]
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संग ठन जाये ब्‍लॉगरों की आपस में ऐसा संगठन कभी नहीं चाहूंगा (अविनाश वाचस्‍पति)
Feb 25, 2010 | Author: अविनाश वाचस्पति | Source: तेताला
होली का मजाक न समझें बिल्‍कुल गंभीर हूं [read more]
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गप्प - बदरी काका : भाग १
Feb 25, 2010 | Author: Ashok Pande | Source: कबाड़खाना
समय काल की सीमा से परे हैं बदरीकाका . कुछ लोकगाथाओं के मुताबिक काका का जन्म तब हुआ था जब पेड़ पौधे पत्थरों से बातें किया करते थे ऐसा भी माना जाता है कि उन दिनों बदरी काका का सीधा संवाद देवताओं को साथ था. कालांतर में धरती पर मानव जाति के साथ साथ भाषा के विविध रूपों का भी विकास हुआ और किसी उचित जा ... [read more]
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बहनजी, अपने पति को पहचान अन्दर ले लीजिए :)
Feb 25, 2010 | Author: Gagan Sharma, Kuchh Alag sa | Source: Alag sa
होली फिर आ गयी। चलिए एक छोटा सा निश्चय करें, खुश रहने और खुश रखने का... सभी अनदेखे अपनों को होली की ढेरों शुभकामनाएं। [read more]
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फर्जी फोन से शांति-वार्ता चाहते हैं माओवादी
Feb 25, 2010 | Author: ख़बर आज की | Source: aidichoti
(उपदेश सक्सेना) [read more]
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लौट रही है ईस्ट इण्डिया कंपनी
Feb 25, 2010 | Author: KK Yadava | Source: शब्द-सृजन की ओर...
ईस्ट इण्डिया कंपनी के नाम से भला कौन अपरिचित होगा। इसी कंपनी के माध्यम से अंग्रेजों ने भारत को गुलामी के बंधन में जकड़ा था. तब किसी ने नहीं सोचा था कि व्यापार के बहाने भारत आई ईस्ट इण्डिया कंपनी एक दिन ब्रिटिश सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का भी जरिया बनेगी, पर अंतत: यही हुआ. व् ... [read more]
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लाइए हमारा इनाम .. हमने आपको झूठी कहानी सुना दी !!
Feb 25, 2010 | Author: संगीता पुरी | Source: गत्‍यात्‍मक चिंतन
एक राजा को झूठी कहानियां सुनने का बहुत शौक था , मतलब कि ऐसी कहानी जो सच हो ही नहीं सकती। उन्‍होने पूरे राज्‍य में घोषणा कर दी थी कि उनको जो भी झूठी कहानी सुना दे , जो कभी सत्‍य हो ही नहीं सकती , तो राजा की ओर से इनाम के रूप में बडी राशि दी जाएगी। पूरे राज्‍य से राजा को ऐसी कहानियां सुनाने के लिए ... [read more]
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100 पोस्ट का सफ़र
Feb 25, 2010 | Author: KK Yadava | Source: शब्द-सृजन की ओर...
''शब्द-सृजन की ओर'' पर 100 पोस्ट का सफ़र पूरा हो चुका है और यह 101वीं पोस्ट है. आप सभी ने समय-समय पर अपनी टिप्पणियों व सुझावों से प्रोत्साहित किया और राह दिखाई. यह आप सभी का स्नेह ही है, जो मुझे प्रशासनिक व्यस्तताओं के बीच भी ब्लॉग पर लिखने को तत्पर करता है. आने वाली पोस्टों में भी आप सभी का स्न ... [read more]
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आज हरी शर्मा की वैवाहिक वर्षगांठ है
Feb 25, 2010 | Author: बी एस पाबला | Source: हिंदी ब्लॉगरों के जनमदिन
आज, 25 फरवरी को नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे वाले हरी शर्मा की वैवाहिक वर्षगांठ है। इनका ईमेल पता harisharmaster@gmail.com तथा मोबाईल नम्बर 09001896079 है। [read more]
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आर. के. भारद्वाज की दो कविताएँ
Feb 25, 2010 | Author: Raviratlami | Source: रचनाकार
तलाश [read more]
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बसपा से नाराज़ हाथी !
Feb 25, 2010 | Author: ख़बर आज की | Source: aidichoti
(उपदेश सक्सेना) [read more]
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हिंदी टेक ब्लॉग होली अवकाश पर
Feb 25, 2010 | Author: नवीन प्रकाश | Source: Hindi Tech Blog
वैसे इस नए साल की शुरुआत से ही ब्लोगिंग से बहुत छुट्टियाँ ले ली हैं पर अबसे होली तक ब्लॉग्गिंग पर समय देना संभव नहीं होगा । [read more]
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दरअसल : मुनाफा बांटने में हर्ज क्या है ?
Feb 25, 2010 | Author: chavanni chap | Source: chavanni chap (चवन्नी चैप)
-अजय ब्रह्मात्‍मज [read more]
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दासता का दंश !
Feb 25, 2010 | Author: पी.सी.गोदियाल | Source: अंधड़ !
(छवि HT नेट से साभार) [read more]
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“आई होली! आई होली!!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
Feb 25, 2010 | Author: डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक | Source: नन्हें सुमन
आयी होली, आई होली। रंग-बिरंगी आई होली। [read more]
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ये क्या गड़बड़झाला है...
Feb 25, 2010 | Author: pratibha | Source: प्रतिभा की दुनिया ...!!!
ज्योति नंदा 'माय नेम इज खान' के रिलीज़ के एक हफ्ते बाद दर्शकों की प्रतिक्रिया स्वरुप एक अखबार में ३ स्टार दिए गए, जबकि पूरे मीडिया फिल्म आलोचकों ने इसे 5 या 4 स्टार से अलंकृत किया था. एक आम दर्शक की भाँति ही मुझे भी समझ में नहीं आया कि ऐसा इस फिल्म में क्या नवीन और अद्भुत है,जो अब से पहले कभी न ... [read more]
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" internet explorer " 
के जगह अपना नाम कईसे डाले ?
Feb 25, 2010 | Author: RINKU SIWAN |
Source: रिंकू का भोजपुरी धमाका | 
Enter your blog topic here
इन्टरनेट एक्स्प्लोरर को खोलते ही
सबसे ऊपर खुले हुए पेज का नाम
" internet explorer " ही लिखा होता है !
इसकी जगह अपना नाम डालना हो तो ?
हमेशा की तरह रजिस्ट्री एडिटर खोलिए ( start>run>regedit.exe) -
इस एंट्री पर जाइये- HKEY_CURRENT_USER\
Software\Microsoft\Internet Explorer\Main " Main " नामक फोल ... [read more]
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सोदा
Feb 25, 2010 | Author: दिगम्बर नासवा | Source: स्वप्न मेरे................
विकसित होने से पहले कुचल जाते हैं कुछ शब्दों के भ्रूण [read more]
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“बरफी-लड्डू के चित्र देखकर, अपने मन को बहलाते हैं” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
Feb 25, 2010 | Author: डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक | Source: उच्चारण
  [read more]
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तेरे छूने से
Feb 25, 2010 | Author: रंजना [रंजू भाटिया] | Source: कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **
तेरे छुने से बरसो बाद मेरा मौन टूटा है एक पर्दा सा था तन मन पर मेरे तेरे छुने से वो भ्रम जाल टूटा है आज बरसो बाद दिल में प्यार फूटा है !! [read more]
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सचिन निसंदेह एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी है मगर....
Feb 25, 2010 | Author: पी.सी.गोदियाल | Source: अंधड़ !
सर्वप्रथम सचिन को इस उपलब्धि के लिए मेरी तरफ से हार्दिक बधाई ! निश्चित तौर पर उनकी इस उपलब्धि से क्रीडा के क्षेत्र में देश गौरवान्वित हुआ है । मगर एक बात अपने देश के मीडिया और उन क्रिकेटान्ध से कहना चाहूँगा कि सचिन भगवान् नहीं है भाई ! कल शाम को मैं अपने टीवी सेट पर खबरे सुनने बैठा, सचिन भगवान् ... [read more]
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मैं तो खेलूँगा होली खाटू श्याम के संग
Feb 25, 2010 | Author: सूर्य गोयल | Source: समाचार:- एक पहलु यह भी
लगता है अब होली आ गई. एक तो बाजारों में बच्चे पिचकारी लिए खड़े दिखने लगे है तो कहीं-कहीं अबीर-गुलाल की दुकाने भी सजने लगी है. ब्लॉगर तो लगभग पांच दिन पूर्व से ही होली की शुभकामनाये अपने-अपने ब्लॉग पर देने लगे थे. तभी आज कुछ दोस्तों ने कहा की कल खाटू श्याम जी चलते है होली खेलने के लिए तो लगा की अब ... [read more]
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सलीम ख़ान ने पूरी की महफूज़ अली की तमन्ना, ....और हिच्च-हिच्च की आवाज़ आने लगी !!!
Feb 25, 2010 | Author: सलीम ख़ान | Source: Science Bloggers' Association
महफूज़ अली को तो आप जानते ही होंगे? हाँ-हाँ, आप सही जा रहे हैं। उन्हीं महफूज़ भाई ने 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' पर प्रकाशित सलीम ख़ान की पिछली पोस्ट 'मुझे पीने का शौक नहीं, पीता हूँ ग़म भुलाने को' पर एक मासूम सी टिपण्णी कर दी थी। उन्होंने कहा था कि 'थोडा सिगरेट पर भी रौशनी डालें..... हिच...हिच्च. ... [read more]
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११- आए हैं पाहुन वसंत के
Feb 25, 2010 | Author: नवगीत की पाठशाला में हम सीखेंगे | Source: नवगीत की पाठशाला
आए हैं, पाहुन वसंत के बगिया महकी है बौराए हैं आम कुंज में कोयल कुहकी है। बातों ही बातों में तुमने- पृष्ठ पलट डाले खुले चित्र-वातायन कितने विविध रंग वाले जिनमें हमने कभी लिखी थीं- शहदीली रातें कचनारों से पंख खोलकर उड़ने की बातें यादों के अंगार डाल टेसू भी दहकी है। [read more]
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हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान यहां देखिये.........
Feb 25, 2010 | Author: भारतीय नागरिक - Indian Citizen | Source: भारतीय नागरिक - Indian Citizen
इस लिंक पर जाइये http://bharhaas.blogspot.com/2010/01/blog-post_7783.htmlऔर देखिये कि किस तरह मकबूल फिदा हुसैन ने अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं का अपमान किया है. इस सबके खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरू आगे क्यों नहीं आते और क्यों मुस्लिम संगठन इस सबको चुपचाप देखते रहते हैं. क्य ... [read more]
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होली के बहाने यादें बचपन की
Feb 25, 2010 | Author: HARI SHARMA | Source: हरि शर्मा - नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे
आज होली के इस मौके पर जब मैं ब्लॉग लेखक के रूप में धीमी लेकिन सक्रिय शुरुआत कर चुका हूँ, मुझे अपने बचपन की होली याद आती है। याद आती है अपने कस्बे की और वहाँ की होली, जिसकी चर्चा दूर दूर तक थी और आस पास के गाँव के लोग चलकर होली के दिन भी धमाल देखने आते थे। [read more]
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होली का तरही मुशायरा :- आज आ रही है एक चांडाल चौकड़ी जिसमें शामिल हैं गिरीश पंकज, डॉ. मोहम्‍मद आज़म, राजेन्‍द्र स्‍वर्णकार और जोगश्‍वर गर्ग । सनम की गली में जूते खाने ।
Feb 25, 2010 | Author: पंकज सुबीर | Source: सुबीर संवाद सेवा
( नोट : होली तक के लिये समूचे भारतवर्ष में किसी भी प्रकार के दिमागी काम पर रोक लगा दी गई है । वे सारे लोग जो कि होली के अवसर पर किसी भी प्रकार से दिमाग का उपयोग करते पाये जाएंगें उनका रोमगोपाल वर्मा की आग फिल्‍म पूरे सप्‍ताह भर दिखाई जायेगी । होली दिमाग का नहीं दिल का मामला है । ) [read more]
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"---चिट्ठाकार चर्चा में--(ललित शर्मा)
Feb 25, 2010 | Author: ललित शर्मा | Source: चिट्ठाकार-चर्चा
कल ममता का रेल बजट आया और सारी समस्याओं का ठीकरा लालू के सर पर फोड़ा, मैनेजमेंट गुरु हो चुके लालू के मेनेजमेंट का सारा भंडा फोड़ कर रख दिया. जो हमने सोचा समझा था वही हुआ. आंकड़ों के खेल से लालू ने सबको चकित कर दिया था. लेकिन अब कलाई खुलने पर पता चला है कि झोल कहाँ पर था? ममता ने सब कुछ सामने ला ... [read more]
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पूर्णागिरी – जहाँ सती की नाभि गिरी थी
Feb 25, 2010 | Author: नीरज मुसाफिर जाट | Source: मुसाफिर हूँ यारों
वो किस्सा तो सभी को पता ही है – अरे वो ही, शिवजी-सती-दक्ष वाला। सती ने जब आत्महत्या कर ली, तो शिवजी ने उनकी अन्त्येष्टि तो की नहीं, बल्कि भारत भ्रमण पर ले गये। फिर क्या हुआ, कि विष्णु ने चक्र से सती की ’अन्त्येष्टी’ कर दी। कोई कहता है कि 51 टुकडे किये, कोई कहता है 52 टुकडे किये। हे भगवान! मरने क ... [read more]
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मेरी रातें-------[कविता]-----चंद्रपाल सिंह
Feb 25, 2010 | Author: हिन्दी साहित्य मंच | Source: हिन्दी साहित्य मंच
मेरी रातें , मेरा शकुन है, [read more]
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क्या आप इन पर विश्वास कर सकते हैं.....
Feb 25, 2010 | Author: परमजीत बाली | Source: मस्तमौला
आज ही एक मित्र ने ई मेल से कुछ तस्वीरे भेजी हैं...बहुत ही रोचक व अविश्वनीय लगी...आप भी देखें। [read more]
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मैं और आईना........
Feb 25, 2010 | Author: देवेश प्रताप | Source: विचारों का दर्पण
देवेश प्रताप [read more]
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रफ़ी साहब ने नही गाया होता--बाबुल दुवाएं लेती जा--- तो बिदाई कैसे होती? (ललित शर्मा)
Feb 25, 2010 | Author: ललित शर्मा | Source: ललितडॉटकॉम
गत दिवस की कथा से आगे चलते हैं----------वैदिक संस्कृति में अग्नि के फेरे लेने का अर्थ होता है शपथ लेना. अग्नि को साक्षी मान कर वर शपथ लेता है कि "मै तुम्हारा पत्नी के रूप में वरण करता हूँ". पाणिग्रहण के समय उच्चारण किये जाने वाले मन्त्रों की तरफ ध्यान दें तो उसमे गृहस्थ जीवन प्रारंभ करने पर होने ... [read more]
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होली को 'नज़ीर' अब तू खड़ा देखे है यां क्या
Feb 25, 2010 | Author: sidheshwer | Source: कबाड़खाना
कविवर नज़ीर अकबराबादी विरचित होली के नायाब समुन्दर में से कुछ मोती आप पहले भी यहीं इस ठिकाने पर देख / पढ / सुन चुके हैं। इस सिलसिले को बढ़ाते हुए आज प्रस्तुत है ग्रन्थावली में संकलित नज़्म होली - ६ के सात अंतरों में से कुल पाँच अंतरे। यह बताना तो जरूरी नहीं फिर आप सहृदय लोग भूले न होंगे कि इस नज़्म ... [read more]
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मौसम चुहुल मसखरी वाला
Feb 25, 2010 | Author: डॉ० डंडा लखनवी | Source: नुक्कड़
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कुछ इधर की, कुछ उधर की
पता नहीं मन की ये दुविधा कब पीछा छोडेगी - मालूम नहीं क्यों, कभी कभी तो ऎसा लगने लगता है कि ये ब्लागिंग,फ्लागिंग कुछ नहीं--सब फालतू की टन्टेबाजी है--ऎसा लगता है कि अपनी कोई खुशी, कोई दुख, कोई
इंतज़ार
Feb 25, 2010 | Author: हास्यफुहार | Source: हास्यफुहार
इंतज़ार [read more]
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ताऊजी डॉट कॉम

फ़र्रुखाबादी जीनियस विजेता (195) : सुश्री अल्पना वर्मा - नमस्कार बहनों और भाईयो. रामप्यारी पहेली कमेटी की तरफ़ से मैं समीरलाल "समीर" यानि कि "उडनतश्तरी" फ़र्रुखाबादी सवाल का जवाब देने के लिये आचार्यश्री यानि
नन्हा मन

राधा - कष्ण की होली - नमस्कार बच्चो , कल मैने सुनाई थी अपको होली से संबंधित होलिका और प्रह्लाद की कहानी । आज उससे जुडी एक ऐसी कहानी सुनाऊंगी जिसके लिए ब्रज की लट्ठमार होली प्रसि..
आज की चर्चा को देते है विराम!
सभी को रंग भरी राम-राम!!

14 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद. यहां आकर कई नई पोस्टों की उम्दा जानकारी मिलती है.

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  2. शास्त्री जी राम-राम
    बहुत बढिया चर्चा
    आभार

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  3. आज की चर्चा में
    सबसे ख़ास बात यह लगी कि
    कमेंट करने के लिए सीधा लिंक मिल रहा है!
    यह शायद आपके नए ब्लॉग एग्रीगेटर "पल-पल! हर पल!!" का कमाल है!

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  4. आनन्द आ गया चर्चा बाँच कर...बढिया लिंक्स समेटे हैं!!

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  5. कमेंन्टस का लिंक अपने आप अपडेट हो जाता है क्या?


    बढ़िया चर्चा.

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  6. समीर भाई!
    ऐसा नही है!
    जिस समय चर्चा लगाई जाती है उस समय जितने कमेंट्स होते हैं वो ही दिखाई देते हैं!
    हाँ इतना अवस्य है कि मेरे एग्रीगेटर को खोलने से आप अद्यतन कमेंट्स का जायजा ले सकते हैं!

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  7. bahut hi badhiya charcha ........kafi mehnat ki gayi hai..........aabhar.

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