.. शुभम दोस्तो ..
दोस्ती है राधा संग कृष्ण का प्यारा अहसास
दोस्ती है सुदामा और कृष्ण का अटूट विश्वास
मैं
सरिता भाटिया
लाई हूँ
आज की चर्चा
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पल पल महके प्रेम से बिनु चन्दन बिनु इत्र
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दोस्ती के जलवे
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हर रिश्ते में खुबसूरत दोस्ती

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दोस्त मुद्द्वा
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यू पी राजस्थान आज किसकी
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तहजीब थी उनकी
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नारी सशक्तिकरण
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मन मंथन
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धूप का साथ गया
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गगन में छाए हैं बादल
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दर्द दोस्त
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अपना ब्लॉग कैसे बनायें
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कोई जब राह ना पाए
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बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
दीजिए इजाजत
.. शुभविदा ..
बड़ों को नमस्कार
छोटों को प्यार
दीजिए इजाजत
.. शुभविदा ..
मयंक का कोना
(१)
भाषा वर्तनी खाने लगी है। अपभ्रंश से आगे जाने लगी है
Virendra Kumar Sharma
(२)
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Aamir Dubai

(विशेष )
अरुण निगम जी को जन्म दिवस की शुभकामनायें-
भैया जी शुभकामना, काम मना पर आज |
जन्म दिवस लेते मना, रविकर दे आवाज |
जन्म दिवस लेते मना, रविकर दे आवाज |
रविकर दे आवाज, कहीं कविता हो जाती |
मित्र मंडली साज, साँझ होती मदमाती |
दुर्मिल मदिरा गीत, सभी में दिखें सवैया |
रहो स्वस्थ सानन्द, मगन मन हरदम भैया ||
शुभ प्रभात
ReplyDeleteआभार सरिता बहन
आपने अच्छे लिंक्स से रूबरू करवाया हमें
और दोस्ती के लिये अनीता जी की तीन लाईने...
.......
अधूरे सदा,
एक दूजे के बिन..
दोस्तों के दिन!....अनीता
.....
सादर
शुभ प्रभात मित्रों, आदरणीया सरिता जी आज की चर्चा बहुत ही शानदार सुन्दर एवं पठनीय सूत्रों से सुसज्जित सुव्यवस्थित चर्चा हेतु हार्दिक आभार आपका.
ReplyDeleteइस हुनरमंद चर्चा के श्रेय के साथ बहुत सारी शुभकामनायें आपको ...
ReplyDeletebahut badiya charcha or badiy badiya chune gaye links
ReplyDeleteInternet Download Manager को स्पीड अप करने का छोटा सा तरीका
बढ़िया चर्चा -
ReplyDeleteआभार आदरणीया-
आभार......
ReplyDeleteपाई है शुभकामना , हृदय कहे आभार
बनी रहे यह मित्रता , बना रहे यह प्यार
बना रहे यह प्यार,रहे जब तक यह काया
हरदम ही सिरमौर , रहे मित्रों का साया
कुण्डलिया हो देह , छंद साँसों में भाई
दोहे हों दो हाथ , बिछे अंतस् चौपाई ||
बहुत बढ़िया-
Deleteअंतिम दो पंक्तियों ने तो लूट लिया भाई जी-
सादर
कुण्डलिया हों देह सी, तंत्र तथा हठयोग |
सूक्ष्म मूल-आधार की, करके शक्ति प्रयोग |
करके शक्ति प्रयोग, लोक कल्याण कीजिये |
दोहे दो दो हाथ, हमेशा दान दीजिये |
अन्तर का उन्माद, रचे चौपाई बढ़िया-
बहुत बहुत आभार, किया जागृत कुण्डलिया |
अच्छे लिंक्स
ReplyDeleteबढिया
sundar links sarita ji ...................
ReplyDeletesundar links sarita ji rachna ko shamil karne ke liye aabhar :-)
ReplyDeleteबहुत सुंदर चरचा, आभार.
ReplyDeleteरामराम.
सुन्दर लिंक संजोए हैं ...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteशानदार कड़ियों से सजी सुन्दर चर्चा | मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद् और सभी मित्रगण को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें :)
ReplyDeleteबढ़िया चर्चा -
ReplyDeleteआभार
पुनः उपस्थित हूँ
ReplyDeleteबधाइयाँ अरुण भैय्या को
"आ तेरी उम्र मै लिख दूँ चाँद सितारों से
तेरा जनम दिन मै मनाऊ फूलों से बहारो से
हर एक खूबसूरती दुनिया से मै ले आऊ
सजाऊ यह महफ़िल मै हर हँसी नजारों से
उम्र मिले तुम्हे हजारों हजारों साल ...
हरेक साल के दिन हो पचास हजार !!"
atyant shreshth links tatha saarthak evam prerak charcha...sushri sarita bhatia ji evam charchakar sathiyon ka aabhar .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा
ReplyDeleteआभार!
Bahut sundar links Sarita ji ,meri rachna ko shamil karne pr hardik abhar
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर सूत्र
ReplyDeleteसुंदर सूत्रों की सुंदर चर्चा ।
ReplyDeleteश्रेष्ठ चयन। भाई अरुण साथी, सुश्री वंदना गुप्ता, सुश्री शालिनी कौशिक की रचनाएं अच्छी लगीं। पं. रूपचन्द्र शास्त्री जी की मज़ाहिया ग़ज़ल भी उम्दा है।
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