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गुरुवार, सितंबर 26, 2013

चर्चा- 1380

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"मयंक का कोना"
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साधू या शैतान
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साधू सन्त नाम धारी अनेकसच्चा होगा शायद हजारों एक l  बैठे हैं गेरुआ वस्त्र धारण करढोंग करते हैं भक्त का माला जपकर ll

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छंद सरसी
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छंद सरसी
[16, 11 पर यतिकुल 27 मात्राएँ पदांत में गुरु लघु]चाक  निरंतर  रहे  घूमता कौन  बनाता   देह |क्षणभंगुर  होती  है  रचना  ,  इससे  कैसा  नेह ||

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पीर जिया की (ताँका)
1.
आँखों की कोर
जहाँ पे चुपके से
ठहरा लोर,
कहे निःशब्द कथा
मन अपनी व्यथा !
2.
छलके आँसू
बह गया कजरा
दर्द पसरा,
सुधबुध गँवाए
मन है घबराए !
लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम 
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कार्टून :- कथा नाभि‍ के अमृतकुंड की

काजल कुमार के कार्टून

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 जिसका जैसा नसीब..

जिसका जैसा नसीब होता है ॥ 
उसको वैसा नसीब होता है ॥ ....
डॉ. हीरालाल प्रजापति

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श्रीमदभगवद गीता अध्याय चार :
श्लोक (६ -१० ) प्रभु के अवतार का उद्देश्य
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18 टिप्‍पणियां:

  1. उपयोगी और अद्यतन लिंकों के साथ स्तरीय चर्चा के लिए
    आपका आभार भाई दिलबाग विर्क जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. पठनीय लिंक्स...सुंदर चर्चा...आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  3. बड़े ही रोचक व पठनीय उद्गार, आभार।

    जवाब देंहटाएं

  4. बड़े - बुजुर्गों के साये में , शैशव पाता है संस्कार
    जो आया की गोद पला हो , वह क्या जाने लाड़-दुलार ||

    आनंद क्या परमानंद की धार बहा दी आपने।

    हमारे समय का यह एक बड़ा विद्रूप है।

    जवाब देंहटाएं
  5. दिलबाग जी, बहुत बढ़िया लिंक्स दिए है जरुर पढूंगी
    मेरी रचना को शामील करने के लिए आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं
  6. कहें झुर्रियाँ हमें पढ़ो तो

    बड़े - बुजुर्गों के साये में , शैशव पाता है संस्कार
    जो आया की गोद पला हो , वह क्या जाने लाड़-दुलार ||

    आनंद क्या परमानंद की धार बहा दी आपने।

    हमारे समय का यह एक बड़ा विद्रूप है।

    जवाब देंहटाएं
  7. गुरु का एकांत वास ,पर
    उसमे होती है रंगरेलियां
    हरि छोड़ ,चेलियों के साथ
    गुरु करते है रंगरेलियां ll

    कभी न कहना गुरु तुम इनको ,

    कहना इनको गुरुघंटाल ,

    चांडालों के ये चंडाल।

    जवाब देंहटाएं
  8. इन्हें काटने पर मर जाएगा मच्छर भी डेंगु का,

    ये सब सेकुलर प्राणि हैं।


    काजल कुमार के कार्टून

    जवाब देंहटाएं
  9. सोशल मीडिया और नेता

    सोशल मीडिया और नेता

    नींद उड़े इनकी आँखन की ऐसे ही अब सुबहो शाम ,

    मीडिया कर दे काम तमाम।

    बर्तन भांडे हो नीलाम।

    जवाब देंहटाएं
  10. दिलबाग जी और मयंक जी को बहुत बढ़िया लिंक्स के लिए बधाई
    मेरी रचना को शामील करने के लिए आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं
  11. सुन्दर-पठनीय संकलन - कुछ महत्वपूर्ण चिट्ठों का , आभार

    जवाब देंहटाएं

  12. बहुत बढ़िया सूत्र संकलन !

    मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार आपका !

    नई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत बढ़िया सूत्र संकलन !

    मेरी रचना ''जिसका जैसा नसीब.........'' को शामिल करने के लिए आभार !

    जवाब देंहटाएं
  14. dhanybad, itne achche links ke liye aur mujhe shamil karne ke liye.....

    जवाब देंहटाएं

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