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गुरुवार, फ़रवरी 13, 2014

दीवाने तो दीवाने होते हैं ( चर्चा - 1522 )

आज की चर्चा में आप सबका हार्दिक स्वागत है 
सचमुच दीवानों को कुछ नहीं समझाया जा सकता | कुछ लोग दुनिया को कुछ न समझने की दीवानगी करते हैं तो कुछ दुनिया को सब कुछ समझने की | कुछ लोग किसी के लिए नग्न हो रहे हैं तो कुछ दूसरों को नग्न करने पर तुले रहते हैं | कुछ लोग अपने काम-धाम छोड़कर मोदी, केजरीवाल, राहुल की चर्चा में इतने लीन है कि उनके लिए इसके सिवा कुछ है ही नहीं | फेसबुक और ब्लॉग जगत भी इससे बुरी तरह से प्रभावित है क्योंकि जो अच्छा सृजन कर सकते थे, करते थे वे अब सब कुछ लिखना छोड़ अपने नेता के पक्ष में इस तरह उतर रहे हैं जैसे कि वो खुद अपना बचाव कर रहे हों | पर उनको कह भी क्या सकते हैं आखिर दीवाने तो दीवाने ठहरे |
चलते हैं चर्चा की ओर 

हाइगा

दशावतार 
  
आभार 
--
"अद्यतन लिंक" 
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
--

पुलिस को उसका खोया हुआ गौरव 

और स्वाभिमान प्राप्त होगा 

वह कथित राजनीति के धंधेबाज़ों की न भैंस ढूंढेगी... 

--
Valentine special....... 
जब से तुम्हारा साथ मेरा हमसफ़र हुआ है 

जब से तुम्हारा साथ मेरा हमसफ़र हुआ है 
जब से तुम्हारी हर बात का मुझ पर असर होने लगा है....
'आहुति' पर sushma 'आहुति' 
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अपनी मर्जी से कहाँ अपनी सफर के हम हैं , 

रुख हवाओं का जिधर का है , उधर के हम हैं। 

Virendra Kumar Sharma
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घमंडी का सिर नीचा 

Fulbagiya पर हेमंत कुमार

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गजल -- फूल बागो में खिले। .... 

फूल बागों में खिले ये सबके मन भाते भी हैं। 
मंदिरों के नाम तोड़े रोज ये जाते भी हैं।

चाहे  माला में गुंथे या केश की शोभा बने
टूट कर फिर डाल से ये फूल मुरझाते भी हैं...

sapne(सपने) पर hashi purwar 
--
जमींदार बिहार पुलिस:- 

चौथाखंभा पर ARUN SATHI 

--
घड़ी उपहार 

तितली पर vandana

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कार्टून :- जा, भगवान तेरा भी भला नकार्टून :-  
जा, भगवान तेरा भी भला नहीं करेगा. 

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून

17 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
    आपका आभार भाई दिलबाग विर्क जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर चर्चा-
    आभार भाई दिलबाग जी-
    स्वस्थ हूँ-
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. सुन्दर व संयत चर्चा ………आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. मेहनत से सजाई गई शानदार सार्थक चर्चा सेतुचयन अव्वल दर्ज़ा लिए रहा आभार हमारे सेतुओं को खपाने चर्चा में बिठाने का।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर प्रस्तुति बढ़िया अर्थ और भाव


    फूल बागों में खिले ये सबके मन भाते भी हैं।
    मंदिरों के नाम तोड़े रोज ये जाते भी हैं।

    चाहे माला में गुंथे या केश की शोभा बने
    टूट कर फिर डाल से ये फूल मुरझाते भी हैं।

    इन का हर रूप-रंग और सुरभि भी पहचान है
    डालियों पर खिल के ये भौरों को ललचाते भी हैं।

    फूल चंपा के खिलें या फिर चमेली के खिले
    गुल ये सारे बाग़ के मधुबन को महकाते भी हैं।

    भोर उपवन की सदा तितली से ही गुलजार है
    फूलों का मकरंद पीने भौरे मँडराते भी हैं।

    पेड़ पौधों से सदा हरियाली जीवन में रहे
    फूल पत्ते पेड़ का सौन्दर्य दरसाते भी हैं।
    ---- शशि पुरवार
    You might also l

    जवाब देंहटाएं

  6. सुन्दर प्रस्तुति बढ़िया अर्थ और भाव -प्रवाह

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर प्रस्तुति बढ़िया अर्थ और भाव -प्रवाह

    मैट्रो चिन्तन

    जवाब देंहटाएं
  8. मेरी रचना को शामिल करने हेतु धन्यवाद !

    जवाब देंहटाएं

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