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सोमवार, सितंबर 15, 2014

"हिंदी दिवस : ऊंचे लोग ऊंची पसंद" (चर्चा मंच 1737)

मित्रों सोमवार की चर्चा में 
मेरी पसंद के कुछ लिंक देखिए।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं के साथ।
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मिले सदा सम्मान हमारी मातृ भाषा को 

Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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हुई कण्ठहार हिंदी !! 

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हिंदी एक पुष्प 

दिल की बातें पर Sunil Kumar
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हिंदी दिवस : ऊंचे लोग ऊंची पसंद ! 

आधा सच...पर महेन्द्र श्रीवास्तव 
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"गीत सुनिए-अपनी भाषा हिन्दी" 


भारतमाता के सुहाग कीजो है पावन बिन्दी।
भोली-भाली सबसे प्यारीहै अपनी भाषा हिन्दी।।

भरी हुई है वैज्ञानिकताव्यञ्जन और स्वरों में,
उच्चारण में बहुत सरलताइसके सभी अक्षरों में,
ब्रज-गोकुल में बसी हुई होबनकर जो कालिन्दी।
भोली-भाली सबसे प्यारीहै अपनी भाषा हिन्दी।।
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हिंदी दिवस पर .... 

मेरी सोच !! कलम तक पर अरुणा 
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"आज मेरी कार का भी जन्मदिन है"
मेरी कार बहुत मतवाली।

कभी न धोखा देने वाली।।
हिन्दीदिन पर इसको लाये।

हम सब मन में थे हर्षाये।।
आज पाँचवा जन्मदिवस है।

लेकिन अब भी जस की तस है।।
--

भाषा 

भाषा माध्यम है 
वरदान है 
हरेक जीव को 
कुछ अपनी कहने का 
सबकी सुनने का...
जो मेरा मन कहे पर Yashwant Yash 
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हिंदी की अच्छाइयाँ... 

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हिन्दी-- एतिहासिक आइना एवं वर्तमान परिदृश्य ...  हिन्दी भाषा की वर्तमान स्थिति के परिदृश्य में विभिन्न परिस्थितियों व स्थितियों पर दृष्टि डालने के लिए पूरे परिदृश्य को निम्न कालखण्डों में देखा जा सकता है--- १.पूर्व गांधी काल २. गांधी युग३. नेहरू युग ४. वर्त्तमान परिदृश्य ....

डा श्याम गुप्त का आलेख....

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(रपट)

"खटीमा में हिन्दी दिवस की 

पूर्व संध्या पर कवि सम्मेलन" 

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हिंदी दिवस : 

मन की व्यथा शब्दों की जुबानी !! 

शंखनाद पर पूरण खण्डेलवाल 
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काव्य का है प्यार हिन्दी 

हिन्द का श्रृंगार हिन्दी
भाव का है सार हिन्दी

देव की नगरी से आई
ज्ञान का भंडार हिन्दी
मधुर गुंजन पर ऋता शेखर मधु 
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हिन्दी की सालगिरह हैयाने 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने का उद्यम जोर-शोर से हो रहा है। इस तरह वर्ष भर में सिर्फ़ एक बार ही हिंदी का अतिशयोक्ति पूर्ण महिमामंडन करना पराजय का बोध कराता है। ऐसा लगता हैजैसे दुनिया की (चीनीस्पेनिश और अंग्रेजी के बाद चौथी सबसे बड़ी भाषा के श्राद्ध का आयोजन किया जा रहा हो । यह विडम्बना नहीं तो क्या है कि जहाँ हर दिन हिंदी का होना चाहिए वहां साल में एक दिन का हिंदी दिवस। आखिर क्यों...
--
हिन्दी -दिवस पर विशेष 
नीति का नाटक’ गन्दा है !  
फिर भी हिन्दी जिन्दा है !!
‘भारी भरकम पापों’ का ! 
‘कर्मों के सन्तापों’ का !!
सिर पर लदा पुलन्दा है ! 
फिर भी हिन्दी जिन्दा है !
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जो जोड़ देती है 
एक दूसरे से 
व्यक्ति व्यक्ति से 
देश दुनिया से 
प्रेम मार्ग से...
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इस पर लिख 

उस पर लिख 

कह देने से ही 

कहाँ दिल की बात 

लिखी जाती है

उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी 
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बचपन के मीत का गीत… 

सत्यार्थमित्र पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
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**~मेरी बिटिया~ मेरी परी ! मेरी शहज़ादी! ~** 

बूँद-बूँद लम्हे पर अनिता ललित
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वैदिक शब्दावली (चौथी किश्त ) 

सरस्वती के भंडार की बड़ी अपूरव बात ,
ज्यों खर्चे त्यों त्यों बढे ,बिन खर्चे घटि जात। 
Virendra Kumar Sharma
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पढ़ूँ कैसे 

पढ़ूँ कैसे उस दिल को 
जिसकी हर धड़कनों से 
शबनमी आँसू लहू बन रहे है 
रंजो गम की स्याही में लिपटी 
जिस इबादत ने रूप बदल डाले 
अस्तित्व बदल डाले 
उस खारे समंदर को 
मीठी सरिता बनाऊ कैसे ...
RAAGDEVRAN पर MANOJ KAYAL
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लघुकथा - झूठ 

आपकी सहेली पर jyoti dehliwal 
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कमजोर पड़ता दिख रहा अब 'देसी' च्यवनप्रास... 

Vishaal Charchchit पर विशाल चर्चित
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ह्रदय ....♥ 

♥कुछ शब्‍द♥ पर निभा चौधरी 
--

कार्टून :- हिंदी वालों को मत छेड़ो रे 

20 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर सूत्रो के साथ सजी आज सोमवार की सुंदर चर्चा में 'उलूक' के सूत्र 'इस पर लिख उस पर लिख कह देने से ही कहाँ दिल की बात लिखी जाती है' को स्थान देने के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर संयोजन, सामयिक ! ईश्वर करे हिन्दी को पूर्ण सम्मान और सचमुच उसके प्रतिष्ठित स्थान दिलाने हेतु हम सब प्रयास करें !

    जवाब देंहटाएं
  3. बढ़िया लिंक्स।
    मुझे शामिल किया,आभारी हूँ।

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभप्रभात!
    बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ....आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बहुत आभार मेरी रचना को सम्मान देने के लिए,
    सुन्दर सूत्र संकलन बहुत बढ़िया !

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर सूत्र और उनका संयोजन |

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहद खुबसूरत लिंक्स... मेरी लेखनी को स्थान देने के लिए आभार....!!!!

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर आयोजन !
    हृदय से आभार आपका !

    जवाब देंहटाएं
  9. बढ़िया चर्चा-
    हिंदी दिवस की मंगल कामनाएं-

    जवाब देंहटाएं
  10. सुंदर प्रस्तुति व लिंक्स... मेरी रचना को सम्मान देने के लिए बहुत बहुत आभार.

    जवाब देंहटाएं
  11. फोकस उच्च विध्यालय मे 14 सितम्बर को “ हिन्दी दिवस “ समारोह आयोजित
    हिन्दी हमारी मात्र भाषा एवं राष्ट्र भाषा दोनो है इस लिए 14 सितम्बर को विश्व स्तर पर “हिन्दी दिवस” मनाया जाता है और हिन्दी कि मह्त्वता को बताया जाता है हैदराबाद के दारुल शिफा में स्थित “ फोकस उच्च विध्यालय में भी “हिन्दी दिवस मनाया गया । इस समारोह में विध्यार्थीयों दुवारा हिन्दी भाषण । नाटक एवं चुटकुले का अभिनय किया गया तथा हिन्दी की मह्त्वता पर आधारित पोस्टर एवं स्लोगन बनाया गया। मुख्य अतिथी के तौर पर हिन्दी दैनीक मिलाप के पत्रकार माननीय एफ़ एम सलिम साहब और विशिष्ट अतिथि के तौर पर इ टीवी हिन्दी के निर्माता माननीय इन्द्र्जीत पान्डे जी पधारे भाषण दिया और विध्यार्थीयों को प्रमाण पत्र दिया
    अंत में विध्यालय के प्रधानाध्यापक श्रीमान मिन्हाज अरस्तु जी ने और हिन्दी शिक्षक शादाब अहमद ने भाषण दिया और आए अतिथीयों क आभार जताया

    जवाब देंहटाएं
  12. सुंदर लिंक्स के साथ सजी चर्चा हिंदी दिवस की। ब्लॉग जगत के सारे हिंदी चिठ्टा करों को सलाम।

    जवाब देंहटाएं
  13. हमने अपने हाथों से ही,
    अपना “रूप” बिगाड़ दिया,
    माता का सिन्दूर पोंछकर,
    अटल सुहाग उजाड़ दिया,
    आज चमन के माली ही,
    खुद नोच रहे अमरायी क्यों?
    दूर देश से चलकर,
    भारत में अंग्रेजी आयी क्यों?
    बहुत सुन्दर भाव की रचना है भारत की विशेषता है जो भी यहां आया उसको गले लगाया अपनाया। अंग्रेजी भी इसका अपवाद नहीं आज वह हिंगलिश है भारत के बाहर होगी अंग्रेजी।


    हमने अपने हाथों से ही,
    अपना “रूप” बिगाड़ दिया,
    माता का सिन्दूर पोंछकर,
    अटल सुहाग उजाड़ दिया,
    आज चमन के माली ही,
    खुद नोच रहे अमरायी क्यों?
    दूर देश से चलकर,
    भारत में अंग्रेजी आयी क्यों?
    बहुत सुन्दर भाव की रचना है भारत की विशेषता है जो भी यहां आया उसको गले लगाया अपनाया। अंग्रेजी भी इसका अपवाद नहीं आज वह हिंगलिश है भारत के बाहर होगी अंग्रेजी।

    चर्चा को पंख लग गए हैं हिंदी के साथ। हिंदी भारत की बेटियों की तरह है जिसे माँ की कोख में मारने का प्रयत्न चलता रहता है फिर भी जैसे बेटियां चुनौती देकर आगे आ रहीं हैं हिंदी भी....

    जवाब देंहटाएं
  14. दफन होती बेटियां -


    -हिंदी की तरह-

    माँ (भारत माँ )की ही कोख में।

    जवाब देंहटाएं
  15. सुन्दर सुव्यवस्थित चर्चा-
    हिंदी दिवस की मंगल कामनाएं-
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

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