मित्रों
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
गुरुओं के सम्मान को, करता रहे समाज।।
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ज्ञानदायिनी मात के, सत् गुरु होते दूत।।
देते हैं उस ज्ञान को, जो होता अनुभूत।।
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जो रचते साहित्य को, उनका होता नाम।
दिखलाना सन्मार्ग को, सत् गुरुओं काम...
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आसमान में अक्स
चाँद, कितने भोले हो तुम,
झील में घुसकर सोच रहे हो कि छिप जाओगे.
छिपे भी तो कहाँ ?
पानी में ?
छिपने की सही जगह तो तलाशते...
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बीएसएनएल ने फिर से दी जियो को टक्कर,
लांच किया भारत का सबसे सस्ता
अनलिमिटेड ब्रॉडबैंड मात्र ₹249 में
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मैं यहाँ तू वहाँ
[ गजल ]
यह वक्त.. ये दिन ... ये रात....
गुजर तो रहे हैं लेकिन गुजारे नहीं जाते ........
तुम्हारे बिन...
मैं यहाँ तू वहाँ, फासले दरमियाँ
आती जाती पवन ,
कह रही दास्ताँ...
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सियासत है काजर की कोठरी
बहुत दिन नहीं बीते हैं, जब रामलीला मैदान में तिरंगा लहराते हुए अरविन्द केजरीवाल इकट्ठी भीड़ को कहते थेः सारे नेता चोर हैं। नेताओं से उकताई हुई भीड़, तब ज़ोर से तालियां बजाती थी। अभी आम आदमी पार्टी के विधायकों पर, संसदीय सचिव मामले से लेकर सेक्स सीडी और छेड़खानी के मामले चल रहे हैं, जनता एक बार फिर ताली बजा रही है...
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परसाईं जी ने कभी लिखा था-“ पगडंडियों का जमाना है “ बड़े दूरदृष्टा थे पहले ही भांप गए आने वाला कल कैसा है ? आजकल तो बस पगडंडियाँ ही पगडंडियाँ दिखाई देती हैं इन पगडंडियों की भीड़ में उनका क्या जो केवल सीधी राह चलते हैं .
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पुलिस क्या है ? समाज के बीच से समाज की सुरक्षा के लिये चुने गये चंद लोगों की एक संस्था। किसी पुलिसकर्मी की हत्या, समाज की आत्मा पर आघात है। आज पुलिसकर्मी हमारे कश्मीर को भारत से जोडे रखने के संघर्ष में भी मारा जा रहा है और मुंबई में ट्राफिक नियमों पर अमल करवाने के लिये भी। दोनो मामलों में मैं समानताएं देखता हूं। भारत माता की तस्वीर में जहां माता का सिर दिखता है नक्शे में उस जगह पृष्ठभूमि में कश्मीर होता है...
Address to the Universe !
Experiences, ideas and observations
by Jitendra Dixit.
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श्मशान में पसरी गन्दगी –
क्या यही मृत्यु संस्कार है?
शव को ले जाने का मार्ग कैसा हो, क्या यह हमारे लिये चिन्तनीय नहीं होना चाहिए? जिस मार्ग पर नालियों का गन्दा पानी एकत्र हो, गन्दगी का ढेर लगा हो, क्या ऐसे मार्ग से हम अपने प्रियजन को विदाई देने जाते हैं? समाज बड़े-बड़े आयोजन करता है, लेकिन इस अन्तिम सत्य को नजर-अंदाज कर देता है, यह मेरे लिये तो बहुत ही कष्टकारी होता है, जब इस दृश्य को रोज ही देखना पड़ता है। पोस्ट को पढ़ने के लिये इस लिंक पर क्लिक करें -
smt. Ajit Gupta
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2 घन्टे = 50 वर्ष
rajeev kumar Kulshrestha
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नोयडा की हवाई इन्सानी बस्तियाँ
नोयडा की हवाई इन्सानी बस्तियाँ
घर मानो हवा में तैरती कश्तियाँ
आस-पास कंक्रीट का जंगल
बची खुची जमीन पर गाड़ियों का दंगल
बाकी सब कुशल मंगल...
घर मानो हवा में तैरती कश्तियाँ
आस-पास कंक्रीट का जंगल
बची खुची जमीन पर गाड़ियों का दंगल
बाकी सब कुशल मंगल...
Vikram Pratap Singh Sachan
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भाषाई मुद्दे और आठवीं अनुसूची की प्रासंगिता।
आठवीं अनुसूची में भाषाओं को शामिल करने का वाकया जब पूर्व शिक्षामंत्री डॉ. कर्ण सिंह के समक्ष आया तो उन्होंने कहा कि संविधान में आठवीं अनुसूची होनी ही नही चाहिए। इससे खामखा बखेड़ा खड़ा होता है। उन्होंने देश की सारी भाषाओं को वही अधिकार देने की बात कही जो किसी एक भाषा को प्राप्त है। डॉ केदारनाथ सिंह के हवाले से एक जानकारी मिली कि एक छोटी सी भाषा जारवा, जिसे कुछ सौ लोग बोल रहे हैं, आज पूर्णतया समाप्त होने के कगार पर है। यह अत्यंत दुर्भाग्पूर्ण स्थिति है क्योंकि हम अभी भी यह तय नही कर पा रहे हैं कि किस भाषा को सबसे ज्यादा संरक्षण और संवर्धन की...
PAWAN VIJAY
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भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग में कार्यरत श्रीमती रजनी रजक को अखिल भारतीय रजक समाज द्वारा दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में ‘रजक’ विभूषण सम्मान - 2016 से सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोक गायिका श्रीमती रजनी ने अपनी मंचीय प्रस्तुति वर्ष 1980 से प्रारंभ की। 1980 से 1984 तक मंचीय प्रस्तुति के साथ आकाशवाणी रायपुर की नियमित गायिका के रूप में लोक गीतों की प्रस्तुति देने लगी। इनकी कला प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1985 में भिलाई इस्पात संयंत्र ने एक कलाकार के रूप में सेवा करने का अवसर प्रदान किया...
आपका ब्लॉग पर Ramesh Pandey
आपका ब्लॉग पर Ramesh Pandey
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महान कवयित्री महादेवी वर्मा के
दुर्लभ चित्रों के साथ उनकी कवितायेँ
जयकृष्ण राय तुषार
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वंदन शैलसुता सुत गणपति
वंदन शैलसुता सुत गणपति सकल मनोरथ कामना पूर्ति......
एकदंत गजबदन विनायक संकटनाशक जय गणनायक
बुद्धि-श्रेष्ठ दो निर्मल बुद्धि सकल मनोरथ कामना पूर्ति......
मोदकप्रिय मुद मंगल-कारक संत आराधक जय सुरनायक
आदि-अंत जय सिद्धि के पति सकल मनोरथ कामना पूर्ति......
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शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं । बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुति। शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुतीकरण । शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ। मेरी रचना प्रस्तुतिकरण में शामिल करने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सामयिक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
बहुत सुन्दर चर्चा , शिक्षक दिवस और गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआभार रचना के सम्मान के लिए, हार्दिक मंगलकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंNice Post Your content is very inspiring and appriciating I really like it please visit my site
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