माँ कालिका
दुर्मुख असुर दारुण दुखों से साधु मन छलने लगा। वरदान पा कर दुष्ट आ कर विश्व को दलने लगा। ब्रहमा वरुण यम विष्णु व्याकुल इंद्र को खलने लगा। सुर साधु बल-पौरुष घटा विश्वास जब ढलने लगा। |
भारत सरकार ने आतंकी गतिविधियों कामुंहतोड़ जवाब दिया होता तोपाकिस्तान की हिम्मत न होती
haresh Kumar
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पीपल का पत्ता--हृदय रोग का रामवाण इलाज
GYanesh Kumar
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हिन्दी पर दुगनी पड़ी, महँगाई की मार
जीवन के हर मोड़ पर, हिन्दी की है हार।।
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महानगर की रेल में, लिखा हुआ सन्देश।
महँगा है अब देश में, हिन्दी का परिवेश।।
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करते नौकरशाह हैं, हिंग्लिश से ही प्यार।
हिन्दी से सब कर रहे, सौतेला व्यवहार...
उच्चारण पर रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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पियहद ही बिसराम ...
Amrita Tanmay
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फिर एक बार
Madan Mohan Saxena
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हिन्दी दिवस के बाद हिन्दी की बात
HARSHVARDHAN TRIPATHI
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प्रहार हो
lokendra singh
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जय हिन्द की सेना .....
Dr.pratibha sowaty
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बलूचिस्तान एक टिंडर बॉक्स बन चुका है।आग के मुहाने पर बैठा है।आज़ादी चाहता है यह हिस्सा पाकिस्तान से
Virendra Kumar Sharma
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बेवफ़ा से ही पूछ बैठे "ख़याल"...सतपाल ख़याल
yashoda Agrawal
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हे! भगवान्,तब तो फिर भारत में फर्राटा सेगाड़ी चलाने का मजा ही खत्म हो जाएगा!
Ravishankar Shrivastava
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फूल की तरह खिलो
Dr Varsha Singh
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एक दिन साहिब बेनु बजाई
rajeev kumar Kulshrestha
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अजगर सो के साथ में, रोज नापता देह।
कर के कल उदरस्थ वह, सिद्ध करेगा नेह।। नेह-जहर दोपहर तक, हहर हहर हहराय। देह जलाये रात भर, फिर दिन भर भरमाय।। |
सार्थक लिंकों के साथ की गयी सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
उम्दा चर्चा और लिंक्स संयोजन |
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह सुन्दर राविकर की चर्चा ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार !
आकर्षक संयोजन के लिए बधाई ।
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