तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले
रविकर
जब धाक धाकड़ आदमी छल से जमाना सीख ले |
सारा जमाना नाम धन-दौलत कमाना सीख ले |
ईमान रिश्ते दीन दुख जब बेंच खाना सीख ले |
तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले ||
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खाया-पिया कुछ नहीं……..गिलास तोडा बारह-आना
haresh Kumar
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मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेतीन तलाक का अधिकार
Shalini Kaushik
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छत्तीसगढ़ की ब्रांड एम्बेसडरपंडवानी गायिका तीजनबाई -विनोद साव
विनोद साव
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पटरियों सी जिंदगी
रश्मि शर्मा
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संवेदनहीनता की इन्तहां
Veena Sethi
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कबीरा मन निर्मल भया जैसे गंगा नीर ,पाछै लागै हरि फिरै ,कहत कबीर कबीर।
Virendra Kumar Sharma
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दोहे"निज पुरुखों को याद"(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
रूपचन्द्र शास्त्री मयंक
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बहुत सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
बढ़िया प्रस्तुति रविकर जी ।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स आज की |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
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