मित्रों
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आज मेरे पुत्र का है जन्मदिन,
खूब फूलो और फलो बेटा नितिन!
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बकरे की माँ कब तक, अपनी खैर मना पाएगी।
बेटों के संग-संग, उसकी भी कुर्बानी हो जाएगी।।
बेटों के संग-संग, उसकी भी कुर्बानी हो जाएगी।।
बकरों का बलिदान चढ़ाकर, ईद मनाई जाती है।
इन्सानों की करतूतों पर, लाज सभी को आती है...
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क्यों खड़े कर दिए मकाँ इतने ...
दिख रहे ज़ुल्म के निशाँ इतने
लोग फिर भी हैं बे-जुबां इतने...
Digamber Naswa
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जब से कर ने गही लेखनी
जब से कर ने गही लेखनी
शीश तान चल पड़ी लेखनी
बिन लाँघे देहरी-दीवारें
दुनिया भर से मिली लेखनी...
मैं ग़ज़ल कहती रहूँगी पर कल्पना रामानी
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वो तन्हा था क्या करता,
हाल -ए-दिल भी जो न कहता,
तुझे दीवानगी की उसकी,
कभी पता लगता, ना लगता...
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दरमियाँ अपने ये पर्देदारियाँ
जल रहीं जो याँ दिलों की बस्तियाँ
कब गिरीं इक साथ इतनी बिजलियाँ...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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मैं पथिक
मैं पथिक किस राह की ढूँढूँ पता
गली गली मैं विकल
मुक्तामणि सी फिरूँ यहाँ वहाँ...
एक प्रयास पर vandana gupta
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मुझमें खोयी रहे तू...
खुद को ढूँढ लेंगे फिर कभी :
मधुर है
M S Dhoni The Untold Story का संगीत
एक शाम मेरे नाम
खुद को ढूँढ लेंगे फिर कभी :
मधुर है
M S Dhoni The Untold Story का संगीत
एक शाम मेरे नाम
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कमलजीत चौधरी के कविता संग्रह पर
रश्मि भारद्वाज की समीक्षा ‘
‘भूख और कलम अब भी मेरे पास है’ :
भाषा का सौम्य औज़ार लिए
अपने समय से जूझती कविताएँ।
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3G मोबाइल मे 4G Jio सिम चलाये
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कार्टून :-
हायओय बाबा तेरी जीन बल्ले बल्ले
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कार्टून :-
आने जाने का भी अपना ही लुत्फ़ है
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“य” से यति वो ही कहलाते!
जो नित यज्ञ-हवन करवाते!
वातावरण शुद्ध हो जाता,
कष्ट-क्लेश इससे मिट जाते!..
बहुत सुन्दर लिंक्स शास्त्री जी आपका हृदय से आभार
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति ...आभार!
जवाब देंहटाएंनितिन को जन्मदिन पर शुभकामनाएं । सुन्दर मंगलवारीय अंक ।
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंक्स संयोजन |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
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जवाब देंहटाएंShatayu ho
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