आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
भगतसिंह के समर्थक भी शायद भगतसिंह को नहीं समझ पाये | ज्यादातर लोगों के लिए भगतसिंह और सुभाषचन्द्र गाँधी के खिलाफ बोलने के लिए हथियार मात्र हैं | अगर गांधी अहिंसावादी थे तो भगतसिंह भी अहिंसा को मानते होंगे तभी उन्होंने असेम्बली में नकली बम्ब फैंका लेकिन लोगों के लिए आज उनके विचारों से महत्त्वपूर्ण उनकी पगड़ी और उनकी पिस्तौल है | भगतसिंह जैसे महान व्यक्तित्व को समझने के लिए उनके पिस्तौल को प्रे रखकर उनके विचारों को समझना, अपनाना होगा यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है |
भगतसिंह के समर्थक भी शायद भगतसिंह को नहीं समझ पाये | ज्यादातर लोगों के लिए भगतसिंह और सुभाषचन्द्र गाँधी के खिलाफ बोलने के लिए हथियार मात्र हैं | अगर गांधी अहिंसावादी थे तो भगतसिंह भी अहिंसा को मानते होंगे तभी उन्होंने असेम्बली में नकली बम्ब फैंका लेकिन लोगों के लिए आज उनके विचारों से महत्त्वपूर्ण उनकी पगड़ी और उनकी पिस्तौल है | भगतसिंह जैसे महान व्यक्तित्व को समझने के लिए उनके पिस्तौल को प्रे रखकर उनके विचारों को समझना, अपनाना होगा यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि है |
चलते हैं चर्चा की ओर
भर देना लालित्य
प्यार है तुमसे मेरे हीरो..
तू है तो मैं हूँ
भारतीय रक्त
दुनिया कभी खाली नहीं होती ...
सजा दिये पुष्प मुझ पर
अधूरी प्रतिबद्धता
लिखा है मैंने एक आखिरी प्रेम गीत.
भर देना लालित्य
प्यार है तुमसे मेरे हीरो..
तू है तो मैं हूँ
भारतीय रक्त
दुनिया कभी खाली नहीं होती ...
सजा दिये पुष्प मुझ पर
अधूरी प्रतिबद्धता
लिखा है मैंने एक आखिरी प्रेम गीत.
मेरा तुम्हारा हो गया...
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प्राकृतिक सौन्दर्य के माध्यम से
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ग़ज़ल उर्दू में कहता हूं, ग़ज़ल हिंदी में कहता हूँ
बायोपिक की आड़ में कारोबार
धन्यवाद
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
उपयोगी लिंकों के साथ शानदार शीर्षक चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
सुन्दर गुरुवारीय प्रसतुति दिलबाग जी । आभार 'उलूक' का सूत्र " अदिति के जन्मदिन पर' को चर्चा में स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंशहीद भगतसिंह को शत शत नमन..काफी पठनीय सामग्री का चयन किया है आपने आज के बुलेटिन में ..आभार मुझे भी शामिल करने केलिए..
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर किसी लिंक का आना सचमुच गर्व का विषय है, अधिक से अधिक लोगों तक अपनी बात पहुँचाने का यह एक सार्थक उपाय है, एक बार फिर आभार !
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच पर विभिन्न लेखकों - लेखिकाओं की उत्कृष्ट एवं प्रेरणा दायक रचनाओं को पढ़कर बहुत अच्छा लगा। पहली बार चर्चा मंच का अवलोकन किया है, लेकिन यहाँ उपलब्ध रचनाओं को पढ़कर लगता है जैसे यहीं ठहर जाऊं।
जवाब देंहटाएंसाहित्यिक लेखन से मेरा ज्यादा नाता नहीं रहा है, लेकिन अपने ब्लॉग पर राजनीतिक एवं सम-सामयिक विषयों पर टीका-टिप्पणी कर लेता हूँ।
सप्रेम,
मृत्युंजय
www.mrityunjayshrivastava.com
बहुत बहुत आभार मेरे रचना को शामिल करने के लिए ..सादर
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