दाता अपने नाम, भेजते रहिए डाटा-
रविकर
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बैरी है ललकारता, प्रतिदिन होकर क्रुद्ध।
हिम्मत है तो कीजिए, आकर उससे युद्ध।।
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बन्दर घुड़की दे रहा, हो करके मग़रूर।
लेकिन शासक देश के, बने हुए मजबूर।।...
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चक्रव्यूह
संगीता स्वरुप ( गीत )
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ग़ज़ल -हज़ार दर्द सुनाना है बात क्या करना
Naveen Mani Tripathi
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सरकारें किसानो के वोट से बनती हैं
Randhir Singh Suman
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कार्टून :-ख़ुश-आमदीद, सुस्वागतम्, जीआएआंनू, वेलकम ...
Kajal Kumar
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सिंधु संधि पर भयभीत पाक
सुधीर राघव
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खारुन नदी के संग-संग सफ़र:उद्गम से पदयात्रा
ब्लॉ.ललित शर्मा
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शांति..शांति..ये कैसी है पहेली
rohitash kumar
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थके हुए कुछ लोग..मनोरंजन कुमार तिवारी
yashoda Agrawal
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कार्टून :-ठंडाई और रजाई
Kajal Kumar
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सार्थक लिंकों के साथ बढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय रविकर जी।
सुन्दर रविकर चर्चा ।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा रविकर जी |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंअच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!