आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है

ये दुनिया किसी के बगैर अधूरी नहीं होती

मंज़िल की पहचान तुम्हें ही करना है

अंदर की कमज़ोरी कठोर ही जानता है

मंज़िल की पहचान तुम्हें ही करना है

अंदर की कमज़ोरी कठोर ही जानता है


मोनालिसा : लघुकथा

बिन तुम्हारे

गीत चतुर्वेदी की छह कविताएं

चीन यात्रा - १२

कुछ कविताएँ

एक प्रतिक्रिया ऐसी भी
गुनहगार

सायनस ,नाक की हड्डी बढ़ने के उपचार

नीम हकीम

सरपट भागते सेंसेक्स की बुनियाद

बिन तुम्हारे

गीत चतुर्वेदी की छह कविताएं

चीन यात्रा - १२

कुछ कविताएँ

एक प्रतिक्रिया ऐसी भी
गुनहगार

सायनस ,नाक की हड्डी बढ़ने के उपचार
नीम हकीम

सरपट भागते सेंसेक्स की बुनियाद
धन्यवाद
दिलबाग विर्क
शुभ प्रभात
ReplyDeleteआभार..
सादर
सुन्दर सार्थक सूत्रों से युक्त आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार दिलबाग जी !
ReplyDelete'नीम हकीम' को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिलबाग़ जी.
ReplyDeleteबोलते चित्रों के साथ सुन्दर चर्चा।
ReplyDeleteआपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
बढ़िया चर्चा दिलबाग जी ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लिंक संयोजन ........आभार
ReplyDeleteअच्छे सूत्र
ReplyDeleteसुन्दर लिंक्स, सुन्दर चर्चा आदरणीय दिलबाग जी
ReplyDeleteलगभग सभी रचनाएं पढ़लीं . अच्छा चयन है आपका . गीत जी की कविताओं को पढ़वाने के लिये आपका आभार .मेरी रचना को शामिल करने के लिये भी .
ReplyDeleteलगभग सभी रचनाएं पढ़लीं . अच्छा चयन है आपका . गीत जी की कविताओं को पढ़वाने के लिये आपका आभार .मेरी रचना को शामिल करने के लिये भी .
ReplyDelete