आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
सुनने में आया है कि LPG के भाव में फिर बढ़ोतरी हुई है। दरअसल इन बातों को मीडिया या तो बताता नहीं या फिर दबी ज़ुबान में बताता है, इसलिए ऐसे समाचार पहुँचते-पहुँचते देर हो जाती है और आमतौर पर इनकी सूचना ऐसे माध्यमों से मिलती है, जिनको प्रामाणिक नहीं कहा जा सकता या दूसरों शब्दों में कहें कि भक्तों के नज़रिए से ऐसी खबरें चमचे फैलाते हैं। देश आजकल भक्तों और चमचों में ही बँटा हुआ है। जो कोई भी देशहित की बात करता है, वह चमचा है और जो कोई भी राजहित की बात करता है, वह भक्त है। कोई निष्पक्ष भी हो सकता है, ऐसा आजकल माना नहीं जाता। ऐसे दौर में आम आदमी के जेब पर बढ़ते बोझ की चिंता किसे है?
चलते हैं चर्चा की ओर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा अंक आज का |मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद दिलबाग जी |
सार्थक भूमिका के साथ सुन्दर चर्चा!
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय दिलबाग सर!
'भक्त' और 'चमचे' ये आम आदमी के मनोरंजन के लिए एक कॉमेडी के पात्र मात्र हैं। बहुत सुंदर संकलन। आभार।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें एवं नमन
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक भूमिका के साथ शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
सभी रचनाएं पठनीय सार्थक।
सादर।
बहुत अच्छी सामयिक चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति… मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद !सभी रचनाकारों को बहुत बधाई!
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